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इस्पात मंत्री ने बेतिया स्टील प्रोसेसिंग यूनिट राष्ट्र को समर्पित की

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नई दिल्ली: केन्द्रीय इस्पात मंत्री चौधरी बीरेन्द्र सिंह और केन्द्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री रामविलास पासवान ने आज बिहार के पश्चिम चम्पारण के बेतिया स्थित सेल की स्टील प्रोसेसिंग यूनिट (एसपीयू) राष्ट्र को समर्पित की। इस यूनिट में उच्च गुणवत्ता वाली स्टील ट्यूब और पाइप को तैयार किया जाएगा।

      इस अवसर पर चौधरी बीरेन्द्र सिंह ने कहा कि इस्पात मंत्रालय भारत के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में इस्पात की खपत में अंतर को पाटने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है। बेतिया स्थित एसपीयू इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और इससे इस्पात की स्थानीय जरूरतों की भी पूर्ति होगी। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय इस्पात नीति 2017 के तहत क्षमता दोगुनी होने के साथ-साथ वर्ष 2031 तक इस्पात उत्पादन को बढ़ाकर 300 मिलियन टन के स्तर पर ले जाने की उम्मीद है।

      चौधरी बीरेन्द्र सिंह ने बताया कि इस यूनिट में बोकारो और राउरकेला इस्पात संयंत्र से तकनीकी विशेषज्ञता के साथ बतौर परीक्षण उत्पादन जनवरी 2019 से ही शुरू हो गया है। इस एसपीयू की स्थापना 116 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से हुई है। इस एसपीयू को बोकारो इस्पात संयंत्र से कच्चा माल प्राप्त होगा।

      50,000 टन की वार्षिक स्थापित क्षमता वाली यह यूनिट मुख्य रूप से कृषि बहुल क्षेत्र के विकास में अहम भूमिका निभाएगी, जिसके लिए पाइपों की व्यापक आवश्यकता है।

      श्री रामविलास पासवान ने कहा कि इस क्षेत्र में एसपीयू की स्थापना के साथ-साथ इस यूनिट में उत्पादन शुरू होने से स्थानीय लोगों का सपना साकार होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह यूनिट आने वाले वर्षों में अपनी क्षमता बढ़ाएगी एवं स्थानीय लोगों के लिए और ज्यादा रोजगार अवसर सृजित होंगे। श्री पासवान ने यह भी कहा कि इस तरह के उद्योग की स्थापना से न केवल क्षेत्र का विकास होता है, बल्कि रोजगारों का सृजन भी होता है।

      सेल के चेयरमैन श्री अनिल कुमार चौधरी ने कहा कि यह गर्व की बात है कि सेल बेतिया, चम्पारण में गांधीजी के प्रथम सत्याग्रह स्थल पर अपने 60वें वर्ष में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रही है। उन्होंने बताया कि यह यूनिट वाणिज्यिक उत्पादन के लिए तैयार है और इससे पूर्वी उत्तर प्रदेश के निकटवर्ती क्षेत्रों सहित बेतिया एवं चम्पारण में इस्पात की ट्यूबों और पाइपों की आवश्यकताओं की पूर्ति करने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि इस यूनिट में तैयार होने वाली स्टील ट्यूबों का उपयोग निर्माण कार्यों में और स्टील पाइपों का इस्तेमाल जल ढुलाई में किया जा सकता है।

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