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प्रदेश के सार्वजनिक, सरकारी, अर्द्धसरकारी भवनों पर रूफटाप सोलर पावर को राज्य सरकार देगी बढ़ावा

उत्तर प्रदेशप्रौद्योगिकी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के सार्वजनिक, सरकारी एवं अर्द्धसरकारी भवनों में रूफटाॅप सोलर पावर को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है। इसके लिए आवश्यक दिशा-निर्देश भी जारी कर दिये गये हैं। सरकार ने वर्ष 2022 तक 4300 मेगावाट क्षमता का ग्रिड संयोजित सोलर रूफटाॅप स्थापना का लक्ष्य रखा है।

यह जानकारी प्रदेश के अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत विभाग के प्रमुख सचिव श्री आलोक कुमार द्वारा जारी शासनादेश में दी गई है। शासनादेश के अनुसार इन भवनों पर रेस्को (रिन्यूवल इनर्जी सप्लाई कम्पनी) द्वारा रूफटाॅप सोलर पावर प्लाण्ट की स्थापना की जायेगी।

रेस्को मोड के अन्तर्गत कार्यालयों के भवन पर रिन्यूवल इनर्जी सप्लाई कम्पनी (रेस्को) द्वारा अपने वित्तीय निवेश से सोलर ग्रिड कनेक्टेड रूफटाॅप संयत्रों की स्थापना की जायेगी। संयत्र का रखरखाव व संचालन पूर्णतः रेस्को द्वारा होगी। रेस्को द्वारा स्थापित किये जा रहे ग्रिड संयोजित रूफटाॅप संयत्र से उत्पादित ऊर्जा का 25 वर्ष अथवा उससे कम अवधि हेतु एक नियत टैरिफ पर क्रय संबंधित कार्यालय द्वारा किया जायेगा। इस हेतु संबंधित कार्यालय द्वारा रेस्को के साथ पावर की खरीद का अनुबन्ध होगा। रेस्को द्वारा स्थापित संयत्र से उत्पादित ऊर्जा की आपूर्ति संबंधित विभाग कार्यालय को पारम्परिक ग्रिड पावर की आपूर्ति टैरिफ से कम नियत टैरिफ पर उपलब्ध करायी जायेगी। रूफटाप संयत्र की स्थापना नेटमीटरिंग प्रणाली पर होगी, जिससे कि कार्यालय भवन द्वारा रेस्को द्वारा स्थापित रूफटाप संयत्र से प्राप्त की जा रही सौर पावर खपत से अधिक होने पर सरप्लस पावर ग्रिड में फीड की जा सकेगी, जिसका लाभ संबंधित कार्यालय भवन को माह में प्राप्त हो रहे विद्युत बिल में प्राप्त होगा।

सरकारी कार्यालयों एवं भवनों पर रूफटाप सोलर पावर प्लाण्ट संयत्रों की स्थापना के लिए नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एम.एन.आर.आई) भारत सरकार के नियंत्रणाधीन स्थापित होगी। सरकारी उपक्रम सोलर इनर्जी कारपोरेशन आफ इण्डिया द्वारा उ0प्र0 में सरकारी/अर्द्धसरकारी भवनों पर रेस्को द्वारा रूफटाप सोलर पावर प्लाण्ट संयत्रांे की स्थापना हेतु सितम्बर, 2017 में आमंत्रित अद्यतन प्रतिस्पर्धात्मक बिडिंग के द्वारा रेस्को का चिन्हीकरण किया गया है, जिसके द्वारा 3.91 रुपये प्रति यूनिट की विद्युत आपूर्ति दर निश्चित की गई है। यदि भविष्य में इन दरांे में कमी होती है तो नई परियोजनाओं पर संशोधित दरें प्रभावी मानी जायेगी।

सौर ऊर्जा नीति 2017 के क्रियान्वयन के लिए उ0प्र0 नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (यूपीनेडा) को नोडल एजेन्सी नामित किया गया है। प्रदेश में सरकारी भवनों /कार्यालयों पर सोलर रूफटाप संयत्रों की स्थापना के लिए यूपीनेडा अथवा भारत सरकार की अन्य नोडल एजेन्सी द्वारा कतिपय शर्तों के अधीन निविदा आमंत्रित की जायेगी। निविदा में प्राप्त टैरिफ 3.91 रुपये प्रति यूनिट अथवा जैसा समय-समय पर सोलर इनर्जी कारपोरेशन आफ  इण्डिया द्वारा निर्धारित होगी, से अनधिक रहे और चयनित रेस्को तकनीकी रूप से कार्य हेतु सक्षम हो। प्रत्येक वर्ष अथवा आवश्यकता होने पर छः माह के अन्तराल में रेस्को द्वारा संयत्रों की स्थापना हेतु निविदा आमंत्रित करते हुए टैरिफ निर्धारित की जायेगी।

शासनादेश में कहा गया है कि इस व्यवस्था के अन्तर्गत रेस्को जिसके द्वारा निविदा में न्यूनतम टैरिफ प्राप्त होगा, को सरकारी भवन के आवंटन में वरीयता देय होगी। ऐसे सरकारी विभाग जो अधिक मात्रा में कार्यालय भवनों पर रूफटाॅप सोलर पावर प्लाण्ट संयत्रों की स्थापना रेस्को माडल पर करने के इच्छुक होंगे, वे अपने स्तर पर, उपलब्ध रेस्को फर्मों के मध्य निविदा के माध्यम से रेस्को का चयन किया जा सकता है।

सरकारी भवनों पर ग्रिड संयोजित रूफटाॅप सोलर पावर प्लाण्ट संयत्र रेस्को द्वारा स्थापित कराये जाने पर ‘‘पावर पर्चेज एग्रीमेन्ट’’ हेतु नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निर्धारित माडल पावर पर्चेज एग्रीमेन्ट के आधार पर किया जायेगा।

रूफटाप सोलर पावर प्लाण्ट संयत्र सरकारी /अर्द्धसरकारी भवनों पर रेस्को मोड में स्थापित होगा। सरकारी /अर्द्धसरकारी विभाग द्वारा भवनों पर रूफटाप सोलर पावर प्लाण्ट संयत्रों की स्थापना नोडल ऐजेन्सी यूपीनेडा द्वारा आवंटित रेस्को की नियत दर पर विद्युत आपूर्ति की जा सकेगी।

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