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खुले में शौच से मुक्ति के लिए बीकानेर जिले में शुरू हुए ‘बंको बीकाणो’ अभियान की ‘धमक’ पूरे देश में देखी जा रही

उत्तराखंड

देहरादून: खुले में शौच से मुक्ति के लिए पश्चिमी राजस्थान के बीकानेर जिले में शुरू हुए ‘बंको बीकाणो’ अभियान की ‘धमक’ पूरे देश में देखी जा रही है। भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी आरती डोगरा द्वारा बीकानेर में जिला कलक्टर के पद पर रहते हुए शुरू किए गए अभियान को जहां मध्यप्रदेश प्रदेश और पंजाब सरकार द्वारा सराहना मिल चुकी है, वहीं अनेक राज्य इसका अध्ययन कर रहे हैं।

शुक्रवार को इस अभियान को नई पहचान मिली, मसूरी के लाल बहादुर शास्त्राी राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी भवन में आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम के माध्यम से, जहां डोगरा ने अभियान से जुड़े अपने अनुभवों के बारे में भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2014 बैच के 180 अधिकारियों को जानकारी दी। भारतीय प्रशासनिक सेवा के इन सभी अधिकारियों को अगले सप्ताह विभिन्न राज्यों में पदस्थापित किया जाएगा। डोगरा के साथ उड़ीसा के अंगुल जिले के कलक्टर ने भी खुले में शौच से मुक्ति के अभियान (ओडीएफ) के बारे में बताया। डोगरा ने बताया कि प्रधानमंत्राी श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा स्वच्छ भारत अभियान की सोच के तहत ही पहली बार मसूरी की लाल बहादुर शास्त्राी राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में भारतीय प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों को ओडीएफ के बारे मे विस्तार से बताया गया है। उन्होंने बताया कि छितराई हुई ढाणियों में बसे ग्रामीण बीकानेर में पेयजल की कमी, अशिक्षा और जानकारी के अभाव के चलते शौच त्यागने के लिए पक्के शौचालयो का उपयोग करने का चलन नहीं था। यह स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक था, वहीं यह माताओं और बहिनों की इज्जत से जुड़ा हुआ मसला भी था। इसे ध्यान रखते हुए बीकानेर में अप्रेल 2013 से ‘बंको बीकाणो’ अभियान की शुरूआत की गई। अभियान के तहत गांव-गांव और ढाणी-ढाणी तक पहुंचकर ग्रामीणों को खुले में शौच न त्यागने के लिए प्रेरित किया जाता।

196 ग्राम पंचायतों का हुआ वेरिफिकेशन
डोगरा ने अपने प्रजेंटेशन में बताया कि राजस्थान सरकार की अंतर जिला सत्यापन टीम द्वारा अब तक बीकानेर की 196 ग्राम पंचायतों का भौतिक सत्यापन कर लिया गया है। इस सत्यापन के दौरान ये सभी ग्राम पंचायत खुले में शौच से मुक्त पाई गई हैं। उन्होंने बताया कि सभी ग्राम पंचायतों में ट्रिगरिंग की विशेष व्यवस्था की गई। अलसुबह लोग गांवों में पहुंचकर खुले में शौच त्यागने वालों को रोकते। उन्होंने बताया कि बंको बीकाणो अभियान के दौरान बीकानेर देश का पहला ऐसा जिला बना, जहां पक्के शौचालयों की माॅनिटरिंग ‘आउट कम ट्रेकर साॅफ्टवेयर’ के माध्यम से मोबाइल द्वारा की जाती है।

पूर्व में भी दे चुकी हैं प्रजेंटेंशन
आरती डोगरा पूर्व में भी मसूरी के लाल बहादुर शास्त्राी राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में ओडीएफ का प्रस्तुतीकरण दे चुकी हैं। इसी प्रकार दिल्ली में पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय की ओर से आयोजित कार्यशाला में केन्द्र सरकार के अधिकारियों तथा मध्यप्रदेश सरकार के अधिकारियों को खुले में शौच से मुक्ति के लिए चलाए जा रहे अभियान के बाारे में बताया है। जयपुर में वल्र्ड बैंक की ओर से आयोजित कार्यक्रम में भी दुनिया भर के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में ‘बंको बीकाणो’ का मान बढ़ा है। इतना ही देश के 18 राज्यों के प्रतिनिधिमंडल ने इस पूरे अभियान का अध्ययन किया तो ब्रिटेन, थाइलैंड, यूएसए, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल सहित अनेक देशों के प्रतिनिधियों ने समय-समय पर बीकानेर आकर ‘बंको बीकाणो’ अभियान की जानकारी ली।

देहरादून मूल की हैं आरती डोगरा
भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी आरती डोगरा मूल रूप से देहरादून की रहने वाली हैं। वे भारतीय प्रशासनिक सेवा की 2006 बैच की अधिकारी हैं तथा बूंदी और बीकानेर जिले में जिला कलक्टर के रूप में कार्य कर चुकी हैं। डोगरा वर्तमान में जोधपुर विद्युत वितरण निगम में महाप्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं। डोगरा द्वारा चलाए गए मिशन अगेंस्ट एनीमिया ‘मां’ कार्यक्रम और ‘डाॅक्टर्स फाॅर डाॅटर्स’ अभियान को भी राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर सराहना मिली है।

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