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हर्रावाला स्थित उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुएः मुख्यमंत्री

उत्तराखंड

देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हर्रावाला स्थित उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय परिसर में विश्वविद्यालय के बायोमेडिकल फेकल्टी भवन का लोकार्पण तथा आयुर्वेद हास्पिटल भवन का शिलान्यास किया, उन्होने उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के पहले बी0ए0एम0एस0 बैच का भी शुभारम्भ किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री रावत ने बी0ए0एम0एस0 के छात्रों को आयुर्वेद चिकित्सा के क्षेत्र में पदार्पण के लिये बधाई दी। उन्होने आयुर्वेद विश्वविद्यालय के परिसर में संचालित हो रहे बी0ए0एम0एस0 पाठ्यक्रम को आयुर्वेद के क्षेत्र में आगे बढ़ता हुआ कदम बताया। उन्होने कहा कि सीमित संसाधनो के बावजुद इस संस्थान को उसका व्यापक स्वरूप प्रदान करने का हमारा प्रयास है। विश्वविद्यालय का यह संस्थान और अधिक विकसित हो इसके लिये विश्वविद्यालय प्रबंधन को निर्धारित रोड मेप के साथ आगे बढ़ना होगा। ताकि यहां अध्ययन करने वाले छात्र अच्छी शिक्षा मिलने के साथ ही वे इसका बेहतर उपयोग कर सके। यहां छात्रों को कोई असुविधा न हो इसका भी ध्यान रखा जाना चाहिए। उन्होने युवा छात्रों को बधाई देते हुए उन्हें भविष्य के आयुर्वेद चिकित्सा विज्ञान का ध्वज वाहक बताया। उन्होने इस विश्वविद्यालय को आयुर्वेद की पूर्व शिक्षा का केन्द्र बनाने के लिए हर तीन माह में इसकी समीक्षा करने के भी निर्देश दिये। उन्होने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में आयुर्वेद का अपना महत्व है सभी इसकी जरूरत महसूस कर रहे है, हिमालय औषधि का भण्डार है। इस क्षेत्र में दुनिया स्वाभाविक रूप से हमारी ओर देख रही हैं, हमें आर्युेद के सभी संसाधनों के प्रति ध्यान देना होगा, आयुर्वेद की सभी विधाओं को और अधिक महत्व देने के लिये विश्वविद्यालय को पूरी मदद दिये जाने की भी बात उन्होने कही। विश्वविद्यालय का विकसित व नियोजित ढ़ंग से विकास हो, इसके प्रयास होने चाहिए। आयुर्वेद के क्षेत्र में इस विश्वविद्यालय की पहचान बनें। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री रावत ने एड्स नियंत्रण के लिए जन जागरूकता के लिए विश्वविद्यालय द्वारा किये गये सामाजिक प्रयासों की भी सराहना की तथा स्लोगन पोस्टर आदि के जरिये जागरूकता के प्रसार में योगदान देने वाली छात्राओं को स्मृतिचिन्ह् देकर सम्मानित भी किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने आयुर्वेद को पौराणिक विधा बताते हुए इसे पुनर्जीवित किये जाने पर बल दिया। औषधीय उत्पादन की विशेषज्ञता को बढ़ावा देने में भी कार्य किये जाने पर उन्होंने बल दिया। पी.पी.पी. मोड में विश्वविद्यालय परिसर में छात्रावास निर्माण की भी उन्होंने जरूरत बतायी।
इस अवसर पर विधायक हीरा सिंह बिष्ट, सचिव डाॅ.भूपिन्दर कौर औलख ने भी विचार व्यक्त किये। कुल सचिव डाॅ. मृत्युन्जय मिश्रा ने विश्वविद्यालय के कार्यकलापों की जानकारी दी तथा डीन डाॅ.आदित्य नारायण पाण्डे ने आभार व्यक्त किया।

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