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भारत को विनिर्माण केंद्र बनाने के लिए कुशल जनशक्ति बहुत आवश्यक है: नितिन गडकरी

देश-विदेश

केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री (एमएसएमई) और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री, श्री नितिन गडकरी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राजस्थान के अलवर जिले के भिवाड़ी में स्थापित किए गए प्रौद्योगिकी केंद्र का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि देश के सकल घरेलू उत्पाद में विनिर्माण क्षेत्र का योगदान लगभग 22 से 24 प्रतिशत है और उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के आह्वान को ध्यान में रखते हुए हम 15नए प्रौद्योगिकी केंद्र (टीसी) की स्थापना कर रहे हैं और कुशल जनशक्ति का निर्माण करने के लिए मौजूदा 18 टीसी का उन्नयन भी कर रहे हैं, कहा कि भारत को विनिर्माण केंद्र बनाने के लिए कुशल जनशक्ति बहुत आवश्यक है।

श्री गडकरी ने आगे कहा कि इस क्षेत्र में टीसीएक उत्प्रेरक के रूप में काम कर सकते हैं और हम टीसी को ऋण उपलब्ध कराने के संदर्भ में सोच रहे हैं जिससे वे स्थानीय उद्योगों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए नई मशीनरियों और नई तकनीकोंको खरीद सकें। इन टीसी के विस्तार केंद्रों पर भी काम चल रहा है। उन्होंने राज्य सरकारों से इन विस्तार केंद्रों के लिए भूमि और अन्य लॉजिस्टिक सहायता प्रदान करने की अपील की। ये विस्तार केंद्र, क्षेत्र के नए और मौजूदा उद्योगों की आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि युवाओं को कौशल प्रदान करने के लिए मौजूदा पॉलीटेक्निक, आईटीआई, इंजीनियरिंग कॉलेजों की बुनियादी संरचनाओं का उपयोग किया जाना चाहिए और उद्योगों से भी समर्थन प्राप्त किया जा सकता है।

एमएसएमई और पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्यपालन राज्य मंत्री, श्री प्रताप चंद्र सारंगी ने भिवाड़ी और राजस्थान के लोगों को इस प्रौद्योगिकी केंद्र के लिए बधाई दिया और आशा व्यक्त किया कि यह क्षेत्र के विकास मे एक मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण इन दिनों देश आर्थिक संकट का सामना कर रहा है और ये केंद्र अत्यंत ही महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये उत्पादन बढ़ाने, बेरोजगारी को कम करने और आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने में सहायता प्रदान करेंगे। उन्होंने देश के युवाओं से अपने कौशल में सुधार लाने, अपने आप को उद्योग के लिए तैयार करने और प्रधानमंत्री द्वारा आह्वान किए गए’आत्मनिर्भर भारत’  केअनूकूल प्रतिक्रिया देने की अपील भी की।

एमएसएमई सचिव, श्री एके शर्मा ने कहा कि आगामी प्रौद्योगिकी केंद्र मुख्य रूप से सामान्य इंजीनियरिंग ऑटोमोटिव, खुशबू और फ्लेवर और ईएसडीएम क्षेत्रों में एमएसएमई को सहायता प्रदान करेंगेऔर कई कटिंग विनिर्माण प्रौद्योगिकियों से सुसज्जित होंगे जैसेसीएनसी मशीन, 3डी विनिर्माण/संकलनी विनिर्माण, लेजर/अल्ट्रासोनिक मशीनिंग, रोबोटिक्स और प्रोसेस ऑटोमेशन, विशुद्ध माप/मेट्रोलॉजी उपकरण, अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण सुविधाएं, कैलीब्रेशन और इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली डिजाइन और विनिर्माण के लिए परीक्षण सुविधाएं। एमएसएमई मंत्रालय अपनेएमएसएमई विकास आयुक्त के माध्यम से 15 नए टीसी की स्थापना करने और 18 मौजूदा टीसी का उन्नयन करने के लिए प्रौद्योगिकी केंद्र प्रणाली कार्यक्रम (टीसीएसपी) को लागू कर रहा है।

इस अवसर पर राजस्थान सरकार के उद्योग एवं राज्य उद्यम मंत्री, श्री प्रसादी लाल मीणा, सांसद श्री महंत बालकनाथ और विधानसभा सदस्य, श्री संदीप यादव भी उपस्थित थे।

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