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श्री राधा मोहन सिंह ने केवीआईसी की कुम्‍हार सशक्तिकरण योजना के अंतर्गत बिहार के 150 कुम्‍हार परिवारों को इलैक्ट्रिक चाक वितरित किए

देश-विदेश

स्थायी स्वरोजगार सृजित करने की दिशा में एक बड़े कदम के तहत, खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने आज बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में 150 कुम्हार परिवारों को बिजली से चलने वालेचाक वितरित किए। संसद सदस्य और पूर्व केन्द्रीय कृषि मंत्री, श्री राधा मोहन सिंह ने केवीआईसी के अध्यक्ष श्री विनय कुमार सक्सेना की उपस्थिति में कुम्हारों को इलेक्ट्रिक चाक, ब्‍लंगर मशीन और पग मिल जैसे अन्य उपकरण वितरित किए। 10 दिन के विस्‍तृत प्रशिक्षण के बाद जिन लाभार्थियों को इलेक्ट्रिक चाक दिए गए उनमें वे प्रवासी श्रमिक भी शामिल हैं, जो कोविड-19 लॉकडाउन में वित्तीय संकट का सामना कर अपने गृह नगर लौट आए हैं। इस पहल से पूर्वी चंपारण जिले में कुम्हार समुदाय के लगभग 600 लोगों को लाभ मिलेगा।

मिट्टी के बर्तन बनाने वाले उपकरण केवीआईसीकी कुम्हार सशक्तिकरण योजना के तहत वितरित किए गए हैं जिनका उद्देश्य हाशिए पर गए कुम्हार समुदाय को मजबूत करना और उनकी उत्पादकता को बढ़ाकर उनकी आय में वृद्धि करना है। केवीआईसी ने कुम्हार समुदाय को सशक्त बनाने और स्थानीय आजीविका के अवसर पैदा करने के लिए बिहार में 500 इलेक्ट्रिक चाक वितरित करने का लक्ष्य रखा है।

इस अवसर पर श्री राधा मोहन सिंह ने गरीबों को लाभान्वित करने के लिए केवीआईसी के माध्यम से ऐसी योजनाएं शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने बिहार में रोजगार सृजन कार्यक्रम शुरू करने के लिए केवीआईसी की सराहना की। उन्होंने कहा कि शहद तैयार करने के मिशन और कुम्हार सशक्तिकरण योजना जैसी केवीआईसी की योजनाओं से राज्य में बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित हो सकता है, जहां विशाल ग्रामीण आबादी है। श्री सिंह ने कहा, “केन्द्र सरकार की ऐसी रोजगार सृजन योजनाओं के साथ, बिहार के युवाओं को अब नौकरी की तलाश में दूसरे राज्यों में नहीं जाना पड़ेगा।”

केवीआईसीके अध्यक्ष ने कहा कि बिहार में कुम्हारों के लिए रोजगार की बहुत बड़ी संभावना है। श्री सक्‍सेना ने कहा, “उन्हें मिट्टी के बर्तन बनाने का प्रशिक्षण प्रदान करके, केवीआईसीइन लोगों के लिए दरवाजे पर रोजगार पैदा कर रहा है। हालांकि इससे हमें मिट्टी के बर्तनों की कला को पुनर्जीवित करने में मदद मिलेगी, इससे कुम्हार समुदाय की आय में 4-5 गुना वृद्धि होगी। उन्होंने आगे कहा कि केवीआईसी बिहार में चमड़ा कारीगरों (मोची) के सशक्तिकरण और प्रोजेक्ट डिग्निटी जैसी नई पहलें भी करेगा, ताकि जल्द ही स्थायी रोजगार सृजित हो सके। प्रोजेक्ट डिग्निटी के तहत, केवीआईसीबेरोजगार युवाओं को साइकिल के साथ जोड़ी हुई चाय /कॉफी बेचने वाली इकाइयाँ वितरित करता है जहाँ लाभार्थी सफाई के साथ चाय /कॉफी बेच सकते हैं और सम्मानजनक आजीविका कमा सकते हैं।

कुम्‍हार सशक्तिकरण योजना के अंतर्गत, केवीआईसी देश भर में कुम्‍हार समुदाय को 17,000 से अधिक इलेक्ट्रिक चाक वितरित कर चुका है और इस योजना से 70,000 लोगों को लाभ पहुंचा है।

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