नई दिल्ली: प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) के अंतर्गत खोले गए शून्य बचत खाते सितंबर, 2014 से जुलाई, 2015 के बीच 76 प्रतिशत से कम होकर 46.93 प्रतिशत रह गए हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 28 अगस्त, 2014 को पूरे देश में प्रधानमंत्री जन धन योजना का शुभारंभ किया था। यह जानकारी मिली थी कि पीएमजेडीवाई के अंतर्गत बहुसंख्यक खाते शून्य बचत खाते हैं और ऐसे खाते बैंकों पर बोझ हैं। बैंकों ने ऐसे खातों में कमी लाने के लिए विशेष अभियान चलाएं। शून्य बचत खातों में कमी के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं। निम्नलिखित कदमों के अच्छे परिणाम आए हैं:
1. वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा विडियों कॉन्फ्रेंस के जरिए पीएमजेडीवाई की प्रगति की साप्ताहिक समीक्षा। इसके लिए सरकारी क्षेत्र के सभी बैंकों तथा निजी क्षेत्र के प्रमुख बैंक एनपीसीआई, यूआईडीएआई तथा आईबीए जैसे हितधारकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस में शामिल होते हैं। कभी-कभी पेट्रोलियम तथा ग्रामीण विकास जैसे मंत्रालय भी प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना से संबंधित विषयों को निपटाने के लिए वीडियो कॉंफ्रेंस में भाग लेते हैं।
2. बैंकों तथा पीएमजेडीवाई मिशन टीम की ओर से साप्ताहिक आधार पर 70 प्रतिशत से अधिक शून्य बचत खातों वाली शाखाओं की समीक्षा की जाती है।
3. बैंक मित्रों के लिए कारोबार आधारित प्रोत्साहन योजना लांच।
4. योजनाओं में बचत राशि के लाभ के बारे में उपभोक्ताओं को शिक्षित करने के लिए वित्तीय साक्षरता के साथ शून्य बचत खातों की अधिकता वाले क्षेत्रों में विशेष अभियान चलाए गए।
5. स्वत: नामे खाता सुविधा के साथ पीएमजेजेबीवाई, पीएमएसबीवाई तथा एमपीवाई जैसी जनसुरक्षा योजनाएं लांच।
6. पीएमजेडीवाई के अंतर्गत ओवर ड्राफ्ट सुविधा के पात्र बनने के लिए उपभोक्ताओं से नियमित बचत करने को प्रोत्साहन।
15.26 करोड़ लाभार्थियों को रूपे कार्ड जारी किए गए हैं। ऐसे लाभार्थी योजना के अंतर्गत एक लाख रूपये का व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा लाभ प्राप्त करेंगे। योजना की निरंतर प्रगति की जाती है।
पीएमजेडीवाई के अंतर्गत खोले गए खातों से 20769.33 करोड़ रूपये की जमा राशि जुटाई गई।