27 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

नई दिल्ली में सडक परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत

देश-विदेश

नई दिल्ली: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राज्य की सडकों के सुधार को लेकर सडक परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से नई दिल्ली में मुलाकात की। उन्होंने केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री का प्रदेश में चारधाम यात्रा मार्गाें की किसी भी मौसम में खराब न होने वाली सड़कों के अवस्थापना विकास संबंधी प्रयासों के लिये आभार व्यक्त किया। उन्होंने राज्य को केन्द्रीय सड़क निधि (सीआरएफ) एवं 06 पुलो के लिए धनराशि उपलब्ध कराने के लिये भी केन्द्रीय मंत्री श्री गड़करी का आभार व्यक्त किया तथा राज्यहित में कुछ ओर पुलों की स्वीकृति का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि इन पुलों की विस्तृत योजना का प्रस्ताव एक सप्ताह के अन्दर सड़क परिवहन मंत्रालय को उपलब्ध करा दिया जायेगा।
केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री से चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न सड़क मार्गो के सुधार की अत्याधिक आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय राजमार्ग-58 रूद्रप्रयाग-बद्रीनाथ, राष्ट्रीय राजमार्ग-108 धरासू से गंगोत्री, राष्ट्रीय राजमार्ग-123 हरबर्टपुर से बडकोट, राष्ट्रीय राजमार्ग-94 धरासू से फूलचट्टी, राष्ट्रीय राजमार्ग-109 रूद्रप्रयाग से गौरीकुण्ड, राष्ट्रीय राजमार्ग-125 टनकपुर से पिथौरागढ को जोडने वाले इन मुख्य माार्गो के तीव्र गति से सुधारीकरण कराये जाने की बात रखी। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री श्री गडकरी से हुई मुलाकात में कहा कि देशभर से उत्तराखण्ड आने वाले हजारों पर्यटकों व यात्रियों को इन्हीं मार्गो से उत्तराखण्ड भ्रमण करना पड़ता है, जिसका उत्तराखण्ड पर्यटन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। अन्तराज्यीय सड़क संयोजन के अन्तर्गत यूपी व उत्तराखण्ड को जोड़ने वाली सड़कों की स्थिति काफी खराब है। इन राजमार्गो में मुख्यतः सहारनपुर-देहरादून, सहारनपुर-रूड़की-हरिद्वार, नजीबाबाद-कोटद्वार, रामपुर-रूद्रपुर, पीलीभीत-टनकपुर, बहेड़ी-किच्छा, मुरादाबाद-काशीपुर से ठाकुरद्वारा, मुरादाबाद-काशीपुर से अलीगढ़ पिछले कईं सालों से सबसे ज्यादा बुरी हालत में है। मुख्यमंत्री ने इन सड़कों के पुनर्निर्माण को राष्ट्रीय हित में जरूरी बताया। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री श्री गडकरी को ड्रीम प्रोजेक्ट की याद दिलाते हुए कहा कि जहां भी लैंड स्लाइडिंग की समस्या है, उन मार्गो का सुधार अति शीघ्र कराया जाय। जिनमें राष्ट्रीय राजमार्ग-58 पर स्थित नंदप्रयाग स्लाइड, मैठाना स्लाइड, बिरही स्लाइड, पताल गंगा स्लाइड, पागलनाला स्लाइड, हेलंग स्लाइड, बलदौरा स्लाइड, लामबगड़ स्लाइड आदि शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि पूर्व में चारधाम यात्रा मार्ग पर राष्ट्रीय राजमार्ग के पुनः सरफेसिंग कार्य के लिए धनराशि स्वीकृत की गई थी। किन्तु अभी तक राष्ट्रीय राजमार्ग पर कार्य शुरू नही हुआ है। इनमें राष्ट्रीय राजमार्ग-109 रूद्रप्रयाग-गौरीकुंड के लिए 47.65 करोड़ रुपये, राष्ट्रीय राजमार्ग-94 धरासू से फूलचट्टी के लिए 26.52 करोड़ रुपये तथा राष्ट्रीय राजमार्ग-123 हरबर्टपुर से बडकोट के लिए 16.31 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई थी। मुख्यमंत्री श्री रावत ने राष्ट्रीय राजमार्ग-72 पर डाट देवी मंदिर के पास दो लेन टनल, अजबपुर और मोहकमपुर में आर.ओ.बी. को स्वीकृत करने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय राजमार्ग-108 धरासू बैंड से गंगोत्री तक और राष्ट्रीय राजमार्ग-58 में रूद्रप्रयाग से बद्रीनाथ, राष्ट्रीय राजमार्ग-125 पिथौरागढ़ से तवाघाट तक राइडिंग क्वालिटी में सुधार करने के साथ ही स्लाइडिंग जोन के लिए सुरक्षा उपाय करने का भी अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग तवाघाट-घटियाबगड़-लिपुलेख मोटर मार्ग पर चल रहे निर्माण कार्य में तेजी लाने की अपेक्षा की। मुख्यमंत्री ने गुंजी में एक और कालापानी के पास 3 ब्रिज बनाने का प्रस्ताव भी दिया, ताकि यात्रियों को सुविधा हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून में आई.एम.ए. द्वारा अंडर पास बनाने की डीपीआर. भेजी जा चुकी है, जिस पर भी शीघ्र ही स्वीकृति की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने केंद्रीय मंत्री सड़क परिवहन एवं राजमार्ग नितिन गड़करी से भेंट के दौरान उŸाराखण्ड में स्थित 13 मोटर मार्गों के अतिरिक्त 02 अन्य मोटर मार्गाें कन्डीरोड़-रामनगर-लालढ़ाग-चीला मोटर रोड़ (वन क्षेत्र) तथा कोटद्वार-चिल्लरखाल-लालढ़ाग मोटर मार्ग को भी राष्ट्रीय राजमार्गों के तौर पर विकसित किए जाने का अनुरोध किया। उन्होंने हरिद्वार में नमामि गंगा के कार्यक्रम के अवसर पर आपसी विचार विमर्श में श्री गड़करी द्वारा व्यक्त की गई सहमति का संदर्भ देते हुए कहा कि राज्य में कुछ सड़कों को राष्ट्रीय राजमार्गो के रूप में विकसित करने से उŸाराखण्ड के विभिन्न क्षेत्रों में कनेक्टीवीटी बढ़ेगी और राज्य के विकास में तेजी आएगी।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने श्री गडकरी से राज्य के कुल 15 मोटर मार्गों को राष्ट्रीय राजमार्गों के तौर पर विकसित किए जाने का अनुरोध किया। इनमें कौड़ियाला-व्यासघाट-सतपुली-पाबौ- नागचुखाल-मैहरचैरी(170किमी), मारचुला-भिक्यासैंण-टीपोला-गगास-बीन्टाल-सोमेश्वर-गिरिचीना-बागेश्वर(140किमी),क्यूटी-शामा-ग्वालदम-काशीनगर- मैहलचैरी(140किमी), मुनस्यारी-मिलन- ओल्डढुंग-बैमरासा-परीताल- उटाधूरा-टोपीढुंगा-चुढांग-सुमाना-मलारी(80किमी), धरांसु-लम्बगांव-राजाखेत-घनसाली-बूढ़ाकेदार(220किमी),पीठसैंण-देघाट-मेहरोली-बाजखेत-करपटिया-किंगरी-भरीखाल- मारचुला (90किमी), सुवाखोली से थत्यूड़ तक लिंक रोड़(45किमी), त्यूली-मौरी-पुरोला-नौगांव(83किमी), गरजिया-बेतालघाट -खैरना(65किमी), मरचुला-डौटियाल- सरायीखेत-उपराईखाल(80किमी), मासी-जाली-रानीखेत(63किमी), ऊखीमठ -चैपता-मण्डल- गोपेश्वर-चमोली(84 किमी) व दुगड्डा-मेदावन-हल्दुखाल-चिंडखाल-शंकरपुर(80 किमी), कन्डीरोड़-रामनगर-लालढ़ाग-चीला मोटर रोड़ (वन क्षेत्र)(70किमी) तथा कोटद्वार-चिल्लरखाल-लालढ़ाग मोटर मार्ग(30 किमी) मोटर मार्ग शामिल है।
मुख्यमंत्री श्री रावत और केन्द्रीय परिवहन मंत्री के मध्य हुई वार्ता काफी सफल रही। केन्द्रीय परिवहन मंत्री ने आवश्वस्त किया कि राज्यहित से जुड़े प्रस्तावों पर शीघ्र कार्यवाही की जायेगी।

Related posts

9 comments

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More