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नेहरू सरकार ने ब्रिटिश इंटेलिजेंस एजेंसी को दी थी नेताजी से जुड़ी जानकारी

देश-विदेश

नई दिल्ली: भारत की नेहरू सरकार ने न सिर्फ नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जासूसी कराई थी बल्कि इससे मिली गोपनीय जानकारी को ब्रिटिश इंटेलिजेंस एजेंसी MI5 के साथ साझा भी किया था। हाल ही में, गुप्त सूची से हटाए गए दस्तावेजों से सामने आया है कि इंडियन इंटेलिजेंस ब्यूरो ने नेताजी के करीबी ए.सी. नांबियार और भतीजे अमिया नाथ बोस के बीच बातचीत के एक खत को MI5 के साथ साझा किया था। इस पत्र को इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) ने ‘सीक्रिट सेंसरशिप’ से हासिल किया था।

MI5 के दस्तावेज तब सार्वजनिक हुए जब इंडियन सीक्रिट डॉक्युमेंट्स के जरिए यह बात मालूम हुई कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने आईबी को स्वतंत्रता सेनानी बोस के परिवार की निगरानी के लिए अधिकृत किया था, जिसमें उनके दोनों भतीजे अमिया बोस और शिशिर कुमार बोस भी शामिल थे।

6 अक्टूबर 1947 के दिन लिखे गए पत्र में, आईबी ऑफिसर एसबी शेट्टी ने ‘एक चिट्ठी’ का हवाला देते हुए MI5 सिक्यॉरिटी लायसन ऑफिसर केएम बोर्न (दिल्ली में पोस्टेड) से ‘राय’ मांगी थी। शेट्टी ने जिस चिट्ठी का हवाला दिया वह नांबियार द्वारा अमिया बोस को 19 अगस्त 1947 को लिखी गई थी। आईबी के पत्र के शब्द इस प्रकार थे, ‘अटैच्ड लेटर 19.8.47 की तारीख का है जो एसी नांबियार, लेमेक्वाई 80, ज्यूरिख, स्विटजरलैंड से अमिया नाथ बोस, 1 वुडबर्न पार्क, पी ओ, एलगिन रोड, कलकत्ता भेजा गया। सीक्रिट सेंसरशिप के दौरान यह लेटर नजर में आया और इसे आगे बढ़ा दिया गया। आपकी राय के लिए हम आभारी रहेंगे।’

प्रतिक्रिया में, बोर्न ने अगले ही दिन इस चिट्ठी को, ज्यादा जानकारी की मांग के साथ MI5 के डायरेक्टर जनरल को भेज दिया। 7 अक्टूबर 1947 को भेजी गई चिट्ठी में बोर्न ने लिखा था, ‘अगर आप इस पत्र पर अपनी कोई राय दे सकें तो यह सराहनीय होगा।’ यह चिट्ठी बोस की पत्नी और बेटी से संबंधित भी हो सकती है, हालांकि इसका विषय अभी भी अस्पष्ट है।

भारत की स्वतंत्रता से कुछ ही महीने बाद लिखे गए यह दोनों पत्र MI5 की गुप्त सूची से हटाए गए उन्हीं 2000 पन्नों का हिस्सा है जिसे पिछले साल सार्वजनिक किया गया था। बोस पर 15 साल तक रिसर्च कर चुके लेखक अनुज धर इन दस्तावेजों तक पहुंच बना सके।

दस्तावेजों के मुताबिक, MI5 ने इंडियन इंटेलिजेंस के दस्तावेजों की गोपनीयता और बोस के जर्मनी, जापान के साथ संबंधों पर सिक्यॉरिटी एजेंसियों के संदेह पर गंभीर सवाल उठाए थे। दस्तावेजों के मुताबिक, बोस के दोनों ही भतीजों अमिया और शिशिर, शरत चंद्र बोस के बेटों पर निगरानी रखी जा रही थी।

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