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इस सम्‍मेलन से आगामी रबी मौसम की तैयारी के लिए परिणामकारक विचार विमर्श, वार्ता तथा अनुभवों/कौशल को शेयर करने का प्‍लेटफॉर्म मिलेगा- श्री राधा मोहन सिंह

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नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने नई दिल्ली में आज से शुरू हुए दो दिवसीय राष्ट्रीय रबी सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर श्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि सम्‍मेलन से हमें आगामी रबी मौसम की तैयारी के लिए परिणामकारक विचार विमर्श, वार्ता तथा अनुभवों/कौशल को शेयर करने का प्‍लेटफॉर्म मिलेगा। श्री सिंह ने कहा कि दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन से फसलवार लक्ष्‍य निर्धारित करना, विभिन्‍न राज्‍यों के लिए आदान आपूर्ति व्‍यवस्‍था सुनिश्‍चित करना तथा  कृषि में नई प्रौद्योगिकी और नवाचार को सामने लाने में काफी सहायता मिलेगी।

श्री सिंह ने कहा कि वित्‍त मंत्रालय ने बजट 2016-17 में किसानों के कल्‍याणार्थ कृषि क्षेत्र को 35984 करोड़ रूपये के आवंटन की घोषणा की है। सरकार ने साल 2022 तक किसानों की आय को दुगुना करने का लक्ष्‍य तय किया है। जो राज्‍यों के सहयोग से ही संभव हो सकेगा। भारत में सभी प्रमुख फसलों की मौजूदा औसत उपज वैश्‍विक उपज औसत से कम है। राज्‍यों के बीच भी उत्‍पादकता में काफी विविधता दृष्टिगोचर होती है। अत: केंद्र एवं राज्‍य सरकार के वैज्ञानिक एवं अधिकारीगण समर्पित भाव से किसान की आय दो गुना करने के उपायों पर चर्चा कर ठोस रणनीति  तैयार करें।

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने कृषि क्षेत्र को सर्वोच्‍च प्राथमिकता दी है और वित्‍त मंत्रालय ने बजट 2016-17 में किसानों के कल्‍याणार्थ कृषि क्षेत्र को 35984 करोड़ रूपये के आवंटन किया है जोकि आज तक का सर्वोच्‍च आवंटन है । इसके अलावा सरकार ने 2022 तक किसानों की आय को दुगुना करने का लक्ष्‍य तय किया है। जो राज्‍यों के सहयोग से ही संभव हो सकेगा। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने कहा कि भारत में सभी प्रमुख फसलों की मौजूदा औसत उपज वैश्‍विक उपज औसत से कम है और राज्‍यों के बीच भी उत्‍पादकता में काफी विविधता दृष्टिगोचर होती है।अत: आज आवश्‍यकता इस बात की है कि केंद्र एवं राज्‍य सरकार के वैज्ञानिक एवं अधिकारीगण समर्पित भाव से किसान की आय दो गुना करने के उपायों चर्चा कर ठोस रणनीति   तैयार करें।

 श्री सिंह ने सभी उपस्थित अधिकारियों एवं कर्मचारियों से आह्वान किया कि वे अपने पूरे सामर्थ्‍य एवं निष्‍ठा से अल्‍पवृष्टि तथा अतिवृष्टि/ बाढ़ से प्रभावित किसानों को उनकी फसल की रक्षा में सहयोग प्रदान करें। इसके अलावा उन क्षेत्रों में जहां अत्‍यधिक वर्षा दर्ज की गई है वहां नमी युक्‍त मृदा का उपयोग रबी दलहनों और तिलहनों की उपज में हो सकेगी जहां कहीं वर्षा अधिक/सामान्‍य है वहां ऐसे प्रयास किए जा सकते हैं जिसके द्वारा रबी/ ग्रीष्‍म मौसमों के दौरान यथासंभव वर्षा जल का संचयन किया जा सके। राज्‍यों को चाहिए कि वे वर्षा सिंचित क्षेत्रों में रबी दलहनों और तिलहनों की अधिक से अधिक कवरेज करने संबंधी कार्य योजना बनाएं।

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने सभी राज्यों से आग्रह किया कि वे कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा चलायी गई सभी महत्वपूर्ण स्कीमों जैसे साइल हेल्थ कार्ड, जैविक खेती, प्रधान मंत्री फसल बीमा  योजना, प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना, एकीकृत मंडी योजना आदि को तत्काल कार्यान्वित करें जिससे कि किसानों तक उसका सर्वाधिक लाभ मिल सके। श्री सिंह ने कहा कि चूंकि रबी का  मौसम शुरू होने वाला है, राज्‍य सरकारों को फसलों की किस्‍मों के गुणवत्‍ताप्रद बीजों की पर्याप्‍त मात्रा की खरीद करने और किसानों के लिए उर्वरकों की पर्याप्‍त मात्रा का स्‍टॉक करने के लिए योजना बनानी चाहिए और यह सुनिश्‍चित करना होगा कि बुवाई मौसम के दौरान इनपुट की कोई कमी न हो।

कृषि एवं किसान कल्‍याण राज्य मंत्री श्री परषोत्तम रुपाला ने सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि ऐसे क्षेत्रों में जहां अधिक वर्षा दर्ज की गई है, काफी हद तक रबी दलहनों और तिलहनों की बुआई हेतु अनुकूलता की उम्मीद है। वर्षा सिंचित क्षेत्र में दलहनों और शुष्‍क क्षेत्रों में परती चावल की बुआई में भी आशाजनक उपलब्‍धि होगी। सम्‍मेलन में हमारी मुख्‍य रणनीति यह है कि हम खरीफ 2016 की फसल की समीक्षा और मूल्‍यांकन करते हुए बेहतर फसल कटाई सुनिश्‍चित करें। इसके अलावा आने वाले रबी मौसम के लिए भी सुनियोजित रणनीति बनानी होगी।

कृषि एवं किसान कल्‍याण राज्य मंत्री, श्री सुदर्शन भगत ने सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारे देश में रबी की फसल बुवाई का समय आने ही वाला है और आज हम यहाँ इससे सम्बंधित विषयों पर चर्चा के लिए एकत्रित हुए है। किसान का विकास एवं सम्पन्नता, कृषि उत्पादन वृद्धि के अतिरिक्त उत्पादित उपज के उचित मूल्य प्राप्ति पर भी निर्भर है। सरकार से मिलने वाली सब्सिडी तथा लाभों को प्राप्त करने में भी उसे काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। इसके लिए हमारी सरकार ने जन धन योजना तथा प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डी०बी०टी०) योजना के माध्यम से प्रत्येक लाभार्थी को सीधे उसके बैंक खाते में राशि को हस्तांतरण का प्रावधान किया है जिसमें गवर्नमेंट टू पीपल (जी०टू०पी०) का संबध स्थापित होता है। वर्तमान में पूरे देश में लगभग 66 केन्द्रीय योजनायें इसके माध्यम से कार्यान्वित की जा रही है और मार्च 2017 तक सभी कल्याणकारी एवं सब्सिडी आधारित योजनाओं को इसके दायरे में लाने का लक्ष्य है।

इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्‍याण राज्य मंत्री, श्री परषोत्तम रुपाला एवं श्री सुदर्शन भगत समेत मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी गण भी मौजूद रहे।दो दिवसीय राष्ट्रीय रबी सम्मेलन के आयोजन का आज पहला दिन रहा। इस सम्मेलन में देश के सभी राज्यों के अधिकारीगण हिस्सा ले रहे हैं। यह सम्मेलन 16 सितम्बर को समाप्त होगा।

 

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