26 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

राज्‍यपालों के 50 वें सम्‍मेलन के समापन अवसर पर प्रधानमंत्री का संबोधन

देश-विदेश

नई दिल्ली: राज्‍यपालों का 50 वां सम्‍मेलन राष्‍ट्रपति भवन में जनजातीय कल्‍याण और जल, कृषि, उच्‍च शिक्षा एवं जीवन की सुगमता पर जोर दिए जाने के साथ संपन्‍न हो गया।

राज्‍यपालों के पांच समूहों ने इन मुद्दों पर अपनी रिपोर्ट सौंपी और ऐसे बिन्‍दुओं की पहचान तथा उनपर गहन विचार विमर्श किया जिन के संबंध में राज्‍यपाल एक मध्‍यस्‍थ की भूमिका निभा सकते हैं। सम्‍मेलन में जनजातीय कल्‍याण के मुद्वे पर गहरी दिलचस्‍पी दिखाई गई और बताया गया कि जनजातीय कल्‍याण की नीतियां स्‍थानीय जरुरतों के अनुरूप बनाई जानी चाहिएं।

 प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने सम्मेलन के 50 वें संस्करण के सफल समापन के लिए उपस्थित लोगों को बधाई देते हुए इस बात पर जोर दिया कि भविष्य में समय के साथ विकसित होते हुए सम्मेलन के संस्‍थागत रूप को राष्ट्र के विकास और आम आदमी की जरूरतों को पूरा करने पर अपना ध्‍यान केन्द्रित करना चाहिए। उन्‍होंने मूल्यवान सुझावों के साथ आने के लिए प्रतिभागियों की प्रशंसा करते हुए,  राज्यपालों से, पहले नागरिक के रूप में, राज्य स्तर पर चर्चाओं को सक्षम बनाने का आग्रह किया ताकि उनकी स्थानीय परिस्थितियों की जरूरतों से जुड़ी सोच को पूरी ताकत के साथ आगे बढ़ाया जा सके।

जनजातीय क्षेत्रों के विकास के संबंध में, प्रधानमंत्री ने प्रौद्योगिकी के उचित उपयोग और खेलों और युवाओं के विकास के लिए प्रगतिशील योजनाओं को अपनाने का आग्रह किया। प्रधान मंत्री ने 112 आकांक्षी जिलों, विशेष रूप से देश के जनजातीय क्षेत्रों में पड़ने वाले ऐसे जिलों की विकास की जरूरतों को पूरा करने के लिए मिशन मोड पर काम करने को भी कहा। उन्‍होंने यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा कि ऐसे जिलों का विकास राज्‍यों और देश के औसत विकास से तेज हो।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सम्‍मेलन में जल जीवन मिशन पर चर्चा स्थानीय जरूरतों के अनुरूप जल संरक्षण और जल प्रबंधन तकनीकों की सरकार की प्राथमिकताओं को दर्शाती है। विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के रूप में राज्‍यपालों की भूमिका का जिक्र करते हुए उन्‍होंने उनसे युवाओं और छात्रों के बीच जल संरक्षण की अच्‍छी आदतें विकसित करने का अनुरोध किया। उन्‍होंने राज्‍यपालों से पुष्करम जैसे जल से जुड़े पारंपरिक त्‍यौहारों के संदेश को भी प्रचारित करने में मदद की अपील की।

नई शिक्षा नीति और उच्च शिक्षा क्षेत्र के संबंध में राज्‍यपालों की अहम भूमिका पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वे विश्‍वविद्यालयों में ऐसी उच्‍च गुणवत्‍ता वाली शिक्षा में निवेश सुनिश्चित कर सकते हैं जो कम लागत वाले प्रभावी नवाचारों तथा प्रौद्येागिकी के इस्‍तेमाल को बढ़ावा दे सकती है और हैकथॉन जैसे प्‍लेटफार्मों का उपयोग करते हुए युवाओं में स्‍टार्ट अप संस्‍कृति को बढ़ावा  देने के साथ उनके लिए रोजगार के अवसर पर भी पैदा कर सकती है।

आम लोगों के जीवन को सुगम बनाने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके लिए सरकारी संस्‍थाओं को एक तरफ लालफीताशाही और कई सारे नियम कानूनों के बीच संतुलन बनाना होगा और दूसरी तरफ  स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा जैसे बुनियादी क्षेत्रों से संबंधित प्राथमिक जरूरतें किफायती दरों पर उपलब्‍ध कराना भी सुनिश्चित करना होगा।

कृषि के संबंध में प्रधानमंत्री ने सामूहिक दृष्टिकोण का पालन करते हुए एक ऐसी कृषि अर्थव्यवस्था के विकास पर ध्यान केंद्रित करने की वकालत की, जिसमें समाधान की गुंजाइश हो। उन्‍होंने राज्‍यपालों से अनुरोध किया कि वे कृषि विश्‍वविद्यालयों की व्‍यवहारिक परियोजनाओं के माध्‍यम से अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर कृषि के क्षेत्र में बेहतरीन प्रचलनों को अपनाने में मदद कर सकते हैं।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More