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प्रेसवार्ता करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत

उत्तराखंड
देहरादून:  मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गैरसैंण में आयोजित विधानसभा सत्र के दौरान सदन के अन्दर पीठ पर किये गये हमले को निन्दनीय बताया है।

उन्होंने इसके लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि इस घटना की निन्दा की जानी चाहिए। बीजापुर अतिथि गृह में मीडिया से वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राजनीति में पक्ष और विपक्ष दोनो होते है। दोनो की अपनी-अपनी जिम्मेदारी होती है।
सत्र के दौरान उन्होंने उत्तराखण्ड को विशेष राज्य का दर्जा एवं केन्द्रीय योजनाओं में 90:10 की वित्तीय सहायता प्रदान करने, ग्रीन बोनस एवं हिमालयी क्षेत्रों के पर्यावरणीय विकास के लिये आर्थिक मदद से संबंधित संकल्प रखते हुए स्पष्ट किया था कि इसके पश्चात् विपक्ष जिस मुद्दे को रखना चाहता है उस पर भी चर्चा की जायेगी। इस संबंध में विपक्ष द्वारा अध्यक्ष के निर्देशों को भी नही माना। राज्य के विकास से संबंधित इस महत्वपूर्ण मसले पर विपक्ष को भी सहयोग करना चाहिए था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गैरसैंण सत्र से सरकार को काफी कुछ हासिल हुआ है। हम राज्य आंदोलनकारियों के सम्मान की रक्षा करने में सफल रहे। 4788 करोड़ रूपये का अनुपूरक बजट भी हमने पास किया। जबकि मार्च में 32693 करोड रूपये का बजट पारित किया गया था। इस प्रकार अब कुल 37481 करोड़ रूपये का राज्य का बजट हो गया है। जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 15 से 16 प्रतिशत अधिक है। केन्द्र सरकार द्वारा विभिन्न्न योजनाओं में वित्तीय सहायता रोकने के बाद भी हमने अपने संसाधनों से राज्य के बजट में वृद्धि की है। उन्होंने कहा कि गैरसैंण कोई राजनैतिक मुद्दा नही है। गैरसैंण के लिय हम अपने संसाधनों के साथ सही कार्ययोजना के साथ कार्य रहे है। हम इसके लिये सर्वानुमति बनाना चाहते है।
गैरसैंण में मंत्रिमण्डल की बैठक, विधानसभा का सत्र आयोजित कर हम यह स्पष्ट करना चाहते हैै कि राज्य के प्रति हमारी क्या सोच है। गैरसैंण पहाड के जीवन संघर्ष का प्रतीत होने के साथ ही मेरे लिये मां का संघर्ष है। अपनी मां के लिये जो कुछ भी संभव है वह हम करेंगे। इसके लिये हमारा स्पष्ट रोडमैप है। गैरसैंण में ढ़ाचागत विकास होने के बाद लोगो के सामने सही विकल्प रखा जाना होगा। पिछले 15 वर्षों में जो नही हुआ उस कमी को दूर करने का हमारा प्रयास जारी है। गैरसैंण में एम.एल.ए हाॅस्टल, विधानसभा भवन जुलाई तक तैयार हो जायेगा बाद में बजट सत्र भी गैरसैंण में आयोजित हो सकता है। गैरसैंण में सड़को का विकास हैलीपैड के साथ ही पानी के स्रोत विकसित किये जा रहे है। वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली के नाम पर जलाशय वहां पर बनाया जायेगा, यह शुरूआती कदम है। विपक्ष इसमें उलझाव पैदा करने की कोशिश कर रहा है। विपक्ष जिस नियम के तहत इस विषय पर चर्चा करना चाहता था। उसका इस नियम में प्राविधान ही नही है। यह प्रस्ताव सरकार की विफलता के खिलाफ लाया जाता है। सरकार इसे अपनी विफलता कैसे मान सकती है। अध्यक्ष ने भी दूसरे नियम के अधीन चर्चा के लिये कहा। गैरसैंण के विकास के लिये स्पष्ट रोडमैप तैयार करने वाली सरकार इसे अपनी विफलता कैसे मान सकती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भजपा ने इस विषय पर सर्वानुमति बनाने के बजाय उसे तोडने का कार्य किया है। लोग उनसे इसका जवाब जरूर पूछेंगे। गैरसैंण हमारे लिये विकास का पर्याय भी है। राज्य के समग्र विकास का यह केन्द्र बिन्दु है। 800 करोड़ रूपये की योजनाओं पर गैरसैंण में कार्य हो रहा है। भाजपा अपने शासनकाल में इसका प्रस्ताव क्यों नही लायी इस पर भी सोंचे। सदन की गरिमा नियमों से चलती है। अध्यक्ष ने नियमों के अनुरूप कार्य किया है। इस प्रकार के प्रस्ताव कोई भी सरकार मंजूर नही कर सकती है। अध्यक्ष का निर्णय सर्वानुमति से होता है। सदन में मार्शल व रिजर्व मार्शल को बुलाया जा सकता है।  इस मामले में भी भाजपा अपनी खीज मिटा रही है।

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