32 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

राम नाथ कोविंद द्वारा विलेनूवे, स्विट्जरलैंड में महात्मा गांधी के बस्ट के अनावरण के अवसर पर संबोधन

देश-विदेश

नई दिल्ली: राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने महापौर और कैटन वाउड के अध्यक्ष और अन्य गणमान्य लोगों की उपस्थिति में स्विट्जरलैंड के विलेन्यूवे में महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया।

इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि महात्मा गांधी का जीवन हमें कई चीजें सिखाता है। उन्होंने साबरमती नदी के तट पर भारत में अपना पहला आश्रम का निर्माण किया। आज, हम उसे जिनेवा झील के किनारे भी ले आए हैं। यह एक ऐसे व्यक्ति के लिए एक श्रद्धांजलि है जो प्रकृति से प्यार करता था और इसके लिए बहुत चिंता भी करता था। उनकी विरासत हमें प्रेरित करेगी क्योंकि हम जलवायु परिवर्तन से निपटने और पारिस्थितिकी के संरक्षण के लिए मिलकर काम करेंगे।

राष्ट्रपति ने कहा कि महात्मा गांधी मानवता की एकता में विश्वास करते थे। उन्होंने सभी संस्कृतियों एवं सभी लोगों को गले लगाया। विविधता के प्रति गहरे सम्मान के साथ दो लोकतंत्रों के रूप में, महात्मा गांधी हम दोनों को शांति और आनंद की हमारी इस साझा यात्रा में मार्गदर्शन करते रहेंगे।

कल, राष्ट्रपति ने स्विस संघ के राष्ट्रपति उली मौरर के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता का नेतृत्व किया और दो देशों के बीच समझौता ज्ञापनों / समझौतों पर हस्ताक्षर और आदान-प्रदान भी किया। उन्होंने भारत-स्विट्जरलैंड बिजनेस सम्मेलन को भी संबोधित किया।

प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के दौरान, दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि आतंकवाद मानवता के लिए गंभीर चुनौती है। राष्ट्रपति कोविंद ने अवगत कराया कि भारत दशकों से प्रायोजित आतंकवाद का शिकार था। स्विस सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने के लिए अपना समर्थन हमेशा देते रहा है।

राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि व्यापार और आर्थिक संबंध भारत-स्विट्जरलैंड द्विपक्षीय संबंधों का मूल हैं। स्विट्जरलैंड यूरोप में भारत का सबसे बड़ा निर्यातक है। हमारा द्विपक्षीय व्यापार लगभग 19 बिलियन अमेरिकी डॉलर का है। उन्होंने कहा कि भारत अपने व्यापारिक संबंधों को और अधिक विस्तारित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

दोनों देशों ने कर मामलों पर सूचना के ढांचे के स्वत: आदान-प्रदान के तहत जानकारी साझा करने पर भी चर्चा की। यह इस महीने के अंत तक में शुरू होने वाला है।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत अपनी कौशल भागीदारी को बढ़ाने और स्विस व्यावसायिक शिक्षा प्रणाली से और अधिक सीखने का इच्छुक है। भारत उद्योग 4.0, जैव प्रौद्योगिकी, जीव विज्ञान, दूरसंचार, रेलवे बुनियादी ढांचा क्षेत्र, विमानन और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में स्विट्जरलैंड की भागीदारी का भी इच्छुक है।

भारत और स्विटज़रलैंड ने जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में सहयोग के लिए समझौतों और एमओयू पर हस्ताक्षर किए; भारत-स्विट्जरलैंड विज्ञान और नवाचार गठबंधन बनाने के लिए लेटर ऑफ इंटेट; और लॉज़ेन विश्वविद्यालय में हिंदी चेयर के नवीकरण के लिए, भी तैयार है।

व्यापारिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि स्विटज़रलैंड उच्च तकनीक के लिए जाना जाता है और भारत विश्व स्तर की मानव पूंजी का देशा है। भारत फार्मास्यूटिकल्स, स्वास्थ्य सेवा, सूचना प्रौद्योगिकी, सौर ऊर्जा, ऑटोमोबाइल, अंतरिक्ष और जैव प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में एक प्रमुख वैश्विक खिलाड़ी के रूप में स्थापित है। हमारी दो अर्थव्यवस्थाएँ अत्यधिक पूरक हैं। आपसी लाभ के लिए पूंजी, प्रौद्योगिकी, विज्ञान और कौशल में हमारे सापेक्ष लाभों को संयोजित करने की बहुत संभावना है।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने अपने प्रमुख मेक इन इंडिया, स्मार्ट सिटीज, डिजिटल इंडिया, स्वच्छ भारत, स्टार्ट-अप इंडिया और कौशल विकास कार्यक्रमों में स्विस भागीदारी प्राप्त की है। हम अपने परिवर्तन और विकास में आगे बढ़ने के लिए स्विस कंपनियों के सहयोग का स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने पूरे देश में निवेश के अवसरों को पारदर्शी करने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल इंडिया इन्वेस्टमेंट ग्रिड की स्थापना की है। उन्होंने स्विस कंपनियों से इसे देखने का आह्वान भी किया।

कल (15 सितंबर, 2019) को राष्ट्रपति तीन देशों की यात्रा के अंतिम चरण स्लोवेनिया के लिए रवाना होंगे ।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More