28 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

बिजली मंत्री ने अम्‍फान के बाद बिजली सेवाएं बहाल करने की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये समीक्षा की

देश-विदेश

नई दिल्ली: केन्द्रीय बिजली मंत्री श्री आर.के.सिंह ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा में अम्‍फान चक्रवात के बाद बिजली सेवाएं बहाल करने की प्रगति के बारे में आज पश्चिम बंगाल के मुख्य अपर सचिव, विद्युत; और ओडिशा के प्रधान सचिव,  विद्युत; विभिन्‍न वितरण कंपनियों के सीएमडी, बिजली सचिव, भारत सरकार; अपर सचिव, विद्युत;  सीएमडी, पावरग्रिड और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बिजली सेवा बहाल करने की प्रगति की समीक्षा की।

      इस अवसर पर, श्री सिंह ने कहा कि चक्रवात के कारण बिजली व्‍यवस्‍था में लंबा व्यवधान आया है, लेकिन सेवा बहाली का काम तेजी से किया गया है। उन्होंने कहा कि अंतर्राज्‍यीय पारेषण (ट्रांसमिशन) प्रणाली को कुछ ही घंटों में बहाल कर दिया गया और केन्‍द्रीय विद्युत सार्वजनिक उपक्रमों ने चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों में स्थानीय बिजली आपूर्ति की बहाली के लिए मानव संसाधन भी प्रदान किए। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ओडिशा में आज शाम तक बिजली सेवा की बहाली पूरी हो जाएगी और कोलकाता और पश्चिम बंगाल के कुछ अन्य जिलों में काम चल रहा है।

      उन्‍होंने मंत्रालय को निर्देश दिया है कि पहले से उपलब्ध मानव शक्ति/सहायता के अलावा वे एनटीपीसी और पावरग्रिड के माध्यम से अतिरिक्त मानव शक्ति जुटाएं और उन्हें पश्चिम बंगाल के बिजली विभाग को उपलब्ध कराएं ताकि उन्हें बिजली सेवा बहाल करने के काम में सहायता मिल सके। वे राज्य सरकार, पश्चिम बंगाल के संपर्क में रहेंगे, ताकि जो भी आवश्यक हो, उन्हें प्रदान किया जा सके।

      समीक्षा बैठक को पिछले मंगलवार को बिजली मंत्रालय के बयान की पृष्ठभूमि में देखा जा सकता है कि उसने चक्रवाती तूफान अम्‍फान के मद्देनजर बिजली आपूर्ति को संभालने के लिए पर्याप्त व्यवस्था/तैयारियां कर ली थीं। पीजीसीआईएल और एनटीपीसी द्वारा भुवनेश्वर और कोलकाता में 24×7 नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए थे। साथ ही पीजीसीआईएल मुख्‍यालय/मानेसर में 24×7 नियंत्रण कक्ष स्थापित कर लिया था। तूफान के कारण यदि राज्‍य की ट्रांसमिशन लाइनों और अन्‍य विद्युत बुनियादी ढांचे को कोई नुकसान हो तो इसके लिए मंत्रालय ने राज्य पॉवर यूटिलिटीज को सभी आवश्यक सहायता देने का आश्वासन दिया था। प्रमुख स्‍थानों पर आपातकालीन बहाली प्रणाली (ईआरएस) (400 केवी पर 32 और 765 केवी में 24) के साथ पर्याप्त मानव शक्ति को पहले से ही रखा गया था, जिनका उपयोग किसी भी ट्रांसमिशन टॉवर के ढहने और ट्रांसमिशन लाइनों के बाधित होने पर किया जाना था।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More