31 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

पीएम मोदी: सुषमा जी का ओहदा ऐसा था कि वो प्रधानमंत्री को भी बहुमूल्य सुझाव दे सकती थीं

देश-विदेश

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्व विदेश मंत्री और भारत की सबसे अधिक आदरणीय नेता में से एक श्रीमती सुषमा स्वराज की स्मृति मे आयोजित श्रद्धाजंलि सभा में भाग लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीमती सुषमा स्वराज को ऐसा नेता बताया जिन्होंने कर्मठतापूर्वक देश की सेवा की और उनके सार्वजनिक जीवन के विभिन्न पहलुओ पर विचार रखे।

श्रीमती सुषमा स्वराज जी के साथ काम करने वाले सभी लोगो को उनके साथ निकटता से  संवाद करने का सौभाग्य मिला

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने श्रीमती सुषमा स्वराज के योगदान का स्मरण करते हुए कहा कि हमें उनके साथ निकटता से संवाद करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। पीएम मोदी ने कहा कि “ सुषमा जी बहुआयामी व्यक्तिव की धनी थी और जिन भी लोगो ने उनके साथ काम किया उन्होंने निकटता से महसूस किया कि वो एक महान व्यक्तित्व की धनी थीं। 

श्रीमती सुषमा स्वराज कभी भी चुनौतियो का सामना करने में पीछे नही हटीं

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि श्रीमती सुषमा स्वराज कभी भी चुनौतियों का सामना करने से पीछे नहीं हटी। पीएम मोदी ने वर्ष 1999 में बेल्लारी से लोकसभा चुनाव लड़ने का संदर्भ देते हुए कहा कि “मुझे स्मरण है कि वेंकैया नायडू जी और मैं, सुषमा जी के पास गए और उनसे कर्नाटक जाकर चुनाव लड़ने के लिए कहा। इसका परिणाम निश्चित था, लेकिन सुषमा जी उनमें से थीं जो हमेशा चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहती थी”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि श्रीमती सुषमा स्वराज एक ओजस्वी वक्ता थीं और उनके भाषण प्रभावी होने के साथ-साथ प्रेरणादायक भी होते थे 

श्रीमती सुषमा स्वराज ने विदेश मंत्रालय को प्रोटोकॉल से अधिक आम लोगो से जोडा

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सुषमा स्वराज ने किसी भी मंत्री पद की जिम्मेदारी का निर्वाह करते हुए कार्यसंस्कृति में अहम बदलाव किए। परंपरागत रूप से विदेश मंत्रालय को प्रोटोकॉल से जोड कर देखा जाता था, लेकिन सुषमा जी ने आम लोगो की समस्याओ का समाधान किया और मंत्रालय को जनउपयोगी बनाया। 

श्रीमती सुषमा स्वराज के विदेश मंत्री के कार्यकाल के दौरान बड़ी संख्या में पासपोर्ट कार्यालय में वृद्धि हुई

प्रधानमंत्री मोदी ने स्मरण किया कि गत पांच वर्षो के दौरान श्रीमती सुषमा स्वराज के कार्यकाल में बड़ी संख्या में पासपोर्ट कार्यालयो की शुरूआत हुई।

हरियाणा से जुडाव

श्रीमती सुषमा स्वराज के एक अनछुए पहलू के बारे में बताते हुए प्रधानमंत्री श्री मोदी ने उनके हरियाणवी बोली के संदर्भ में जानकारी दी। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि हम लोगो को राजनीतिक रूप से उचित बाते बताते हैं, लेकिन सुषमा जी अलग थीं। वो अपनी मन की बात कहने में झिझकती नहीं थी और दृढ़ता से अपने विचार रखती थी। ये उनकी विशेषता थी।

श्रीमती सुषमा स्वराज का ओहदा ऐसा था कि वो प्रधानमंत्री को भी बहुमूल्य सुझाव दे सकती थी

प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र संघ में अपने पहले भाषण संदर्भ देते हुए कहा कि सुषमा जी ने उन्हें इस बारे में राय दी थी। सुषमा स्वराज ने सिर्फ एक रात में उनकी भाषण तैयार करने में सहायता की थी।

श्रीमती सुषमा स्वराज के नामोनिशां उनकी पुत्री बासुंरी में दिखते हैं

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि उन्हें सुषमा स्वराज के नामोनिशां उनकी बेटी बासुंरी में दिखते हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने सुश्री बासुंरी की उनके प्रयासो के लिए सराहना भी की।

प्रधानमंत्री मोदी ने स्वर्गीय श्रीमती सुषमा स्वराज के पति श्री स्वराज कौशल और उनकी बेटी सुश्री बासुंरी से संवेदना भी व्यक्त की।

इस प्रार्थना सभा में भाग लेने वाले प्रमुख व्यक्तियो में श्री अवधेशानंद गिरी महाराज, पूर्व मंत्री दिनेश त्रिवेदी, सांसद पिनाकी मिश्रा, केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान, सांसद सतीश चंद्र मिश्रा, सांसद राजीव रंजन, सांसद त्रिची शिवा, सांसद ए नवनीतकृष्णन, सांसद नम्मा नागेश्वर राव, पूर्व सांसद शरद यादव, केंद्रीय मंत्री अरविंद सावंत, सांसद प्रेम चंद्र गुप्ता, सांसद सुखबीर सिंह बादल,सांसद अनुप्रिया पटेल,सांसद आनंद शर्मा,गृह मंत्री अमित शाह,रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह,डॉ. कृष्ण गोपाल और श्री जे पी नड्डा सम्मिलित थे।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More