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सामाजिक न्‍याय और अधिकारिता मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन

Parliamentary Consultative Committee Meeting of the Ministry of Social Justice and Empowerment organized
देश-विदेश

नई दिल्ली: सामाजिक न्‍याय और अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गहलोत की अध्‍यक्षता में आज ‘‘सुगम्‍य भारत अभियान’’ की योजना पर दिव्‍यांगजन सशक्तिकरण विभाग, सामाजिक न्‍याय और अधिकारिता मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति बैठक का आयोजन किया गया। इस अवसर पर राज्‍य मंत्री श्री रामदास अठावले और श्री कृष्‍णपाल गुर्जर भी उपस्थित थे।

इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री थावरचंद गहलोत ने कहा कि दिव्‍यांगजन सशक्तिकरण विभाग की स्‍थापना 12 मई, 2012 को की गई थी। विकलांग व्‍यक्तियों को अब दिव्‍यांगजन के रूप में संबोधित किया जाता है। यह विभाग दिव्‍यांगजन प्रशासन (समान अवसर, अधिकारों का संरक्षण और पूर्ण भागीदारी) अधिनियम, 95 के लिए उत्तरदायी है। 2011 की जनगणना के अनुसार देश में कुल 2.68 करोड़ दिव्‍यांगजन हैं जो कुल जनसंख्‍या का 2.21 प्रतिशत हैं। उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने 3 दिसम्‍बर, 2015 को पर्यावरण, परिवहन प्रणाली और सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) पारिस्थितिकी में दिव्‍यांगजनों के लिए सार्वभौमिक पहुंच बनाने हेतु ‘सुगम्‍य भारत अभियान’ का शुभारंभ किया था। इस अभियान के पीछे का दर्शन दिव्‍यांगजनों का एक सामाजिक मॉडल है जो किसी के चिकित्‍सीय स्थिति के कारण दिव्‍यांग होने का विरोध न करते हुए समाज के व्‍यवहार और उसके दृष्टिकोण का विरोध करता है।

प्रमुख लक्ष्‍यों को स्‍पष्‍ट करते हुए विभिन्‍न हितधारकों के साथ हुए विचार-विमर्श के बाद अभियान की रणनीति के दस्‍तावेज तैयार कर लिये गये हैं। सह-समन्‍वय प्रतिबद्धता के द्वारा दी गई संशोधित समय सीमा इस प्रकार है:

वातावरण निर्माण की सुगम्‍यता : (i) 50 शहरों में 25 से 50 सर्वाधिक महत्‍वपूर्ण सरकारी भवनों की सुगम्‍यता जांच को पूर्ण करना और उन्‍हें जुलाई, 2016, (दिसम्‍बर 2017) तक चरण एक में पूर्ण सुगम्‍य बनाना (ii) जुलाई, 2018 (दिसम्‍बर 2018) तक चरण दो के अंतर्गत राष्‍ट्रीय राजधानी और राज्‍य की सभी राजधानियों के सभी सरकारी भवनों के 50 प्रतिशत को पूर्ण सुगम्‍य बनाना। (iii) चरण तीन में, जुलाई, 2019 (दिसम्‍बर 2019) तक (i) और (ii) चरणों के लक्ष्‍यों में शामिल न होने वाले राज्‍यों के 10 सबसे महत्‍वपूर्ण शहरों/कस्‍बों में सरकारी भवनों के 50 प्रतिशत सुगम्‍यता परीक्षण को पूर्ण करना और इन्‍हें पूर्ण सुगम्‍य बनाना।

परिवहन प्रणाली सुगम्‍यता : (i) दिसम्‍बर, 2016 तक सभी अंतर्राष्‍ट्रीय हवाई अड्डों के सुगम्‍यता परीक्षण को पूर्ण करना और उन्‍हें पूरी तरह सुगम्‍य बनाना। (ii) मार्च, 2018 तक सभी घरेलू हवाई अड्डों के सुगम्‍यता परीक्षणों को पूर्ण करना और उन्‍हें पूरी तरह सुगम्‍य बनाना। (iii) दिसम्‍बर, 2016 तक रेलवे स्‍टेशनों की ए और बी श्रेणियों को पूर्ण सुगम्‍य बनाया जायेगा और सभी रेलवे स्‍टेशनों के 50 प्रतिशत को मार्च, 2018 तक पूर्ण सुगम्‍य बनाया जायेगा। (iv) मार्च, 2018 तक सरकारी स्‍वामित्‍व वाले सार्वजनिक परिवहन के 10 प्रतिशत को पूर्ण सुगम्‍य बनाया जायेगा।

ज्ञान और आईसीटी पारिस्थितिकी प्रणाली की सुगम्‍यता : (i) मार्च, 2017 तक केंद्र और राज्‍य सरकार की कम से कम 50 प्रतिशत वेबसाइटों को सुगम्‍यता मानक पूरे करने होंगे। मार्च, 2018 तक सार्वजनिक दस्‍तावेजों के कम से कम 50 प्रतिशत को सुगम्‍यता मानक पूरे करने होंगे। (ii) मार्च,2018 तक 200 अतिरिक्‍त संकेत भाषा दुभाषियों को प्रशिक्षण और तैयार करना। (iii) जुलाई, 2016 तक सार्वजनिक टेलीविजन समाचारों में राष्‍ट्रीय मानकों पर शीर्षक तैयार किये जायेंगे और उन्‍हें अपनाया जाये। मार्च, 2018 तक सरकारी चैनलों पर सार्वजनिक टेलीविजन कार्यक्रमों के कम-से-कम 25 प्रतिशत तक को इनका अनुपालन करना होगा।

बैठक में शामिल होने वाले लोकसभा संसद सदस्‍यों में डॉ. (श्रीमती) ममताज संघमिता, श्रीमती शकुंतला लागुरी, श्री विनोद चावड़ा, श्री वीरेन्‍द्र कश्‍यप और राज्‍य सभा से श्री अहमद हसन, श्री के. सोमप्रसाद के अलावा सामाजिक न्‍याय और अधिकारिता मंत्रालय के दिव्‍यांगजन सशक्तिकरण विभाग के सचिव श्री एन. एस. कंग और मंत्रालय के वरिष्‍ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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