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जम्मू-कश्मीर प्रशासनिक सेवा (जेकेएएस) के वरिष्ठ अधिकारियों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम का आयोजन

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केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान, पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री, डॉ जितेंद्र सिंह ने जम्मू-कश्मीर प्रशासनिक सेवा (जेकेएएस) के वरिष्ठ अधिकारियों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में नई संवैधानिक व्यवस्था बनने और उसे केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद इस प्रदेश में कई प्रकार के शासन सुधारों की शुरूआत हुई है, जो यहां पर पहले अस्तित्व में नहीं थे।

केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) द्वारा आयोजित किए जा रहे दो सप्ताह वाले क्षमता निर्माण कार्यक्रम के दौरान जम्मू-कश्मीर प्रशासनिक सेवा (जेकेएएस) के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक संवाद सत्र में डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले वर्ष ही जम्मू-कश्मीर में भारत का भ्रष्टाचार निरोधक कानून को संशोधित रूप में लागू किया गया है, जबकि पूर्व में तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य का अपना भ्रष्टाचार निरोधक कानून था।

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उन्होंने कहा कि नया अधिनियम न केवल भ्रष्टाचार को रोकने में ज्यादा प्रभावशाली साबित  होगा बल्कि ईमानदारी से काम करने वाले अधिकारियों को कई प्रकार की सुरक्षा भी प्रदान करेगा।उदाहरण के लिए, रिश्वत देने वाला भी उतना ही दोषी करार दिया जाएगा जितना कि रिश्वत लेने वाला और एक अधिकारी के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति सभी स्तरों से प्राप्त अनुमति के अनुसार होगी, जबकि पूर्व में यह विशेषाधिकार केवल संयुक्त सचिव और उससे ऊपर के अधिकारियों को ही प्राप्त था।

इसी प्रकार से, मंत्री ने कहा कि हाल ही में लिखित परीक्षा के आधार पर नियुक्ति के लिए साक्षात्कार को समाप्त करने की शुरुआत जम्मू-कश्मीर में भी लागू की गई है।

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मंत्री ने इस बात पर खेद व्यक्त किया कि कई वर्षों से जम्मू-कश्मीर की राज्य सरकारों द्वारा सिविल सेवा अधिकारियों की संवर्ग समीक्षा को या तो स्थगित कर दिया गया या उनमें बहुत ज्यादा विलंब किया गया।हालांकि, उन्होंने कहा कि चुंकि अब जम्मू-कश्मीर एक केंद्र शासित प्रदेश है, इसलिए केंद्र सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी)  ने कैडर समीक्षा में तेजी लाने की शुरूआत कर दी है। इसके कारण समय पर प्रमोशन मिलने के साथ-साथ केंद्र शासित प्रदेश के अधिकारियों को भी आईएएस जैसा ही ऑल इंडिया सर्विसेज में उचित समय पर शामिल होने में मदद मिलेगी।

डॉ जितेंद्र सिंह ने जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों से कहा कि वे केंद्र और अन्य राज्य सरकारों द्वारा लागू किए जा रहे शासन की सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाएं और उन्हें अपने-अपने कार्य क्षेत्रों में लागू करें। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जम्मू-कश्मीर को संरक्षण और समर्थन प्रदान किया जा रहा है, वह यहां के प्रशासकों और सिविल सेवकों के लिए एक नई कार्य संस्कृति स्थापित करने के लिए एक सुनहरा अवसर है, जिसका लक्ष्य “अधिकतम शासन न्यूनतम सरकार” के मंत्र के माध्यम से प्रत्येक नागरिक के जीवन में सुगमता लाने वाले अंतिम उद्देश्य की प्राप्ति है।

मंत्री ने कहा किजिन अधिकारियों ने प्रशिक्षण प्राप्त कर लिया है उन्हें नए लोकाचार और प्रथाओं के साथ अपने आप को सशक्त बनाना चाहिए। उन्होंने कह कि डीओपीटी किसी भी अधिकारी के लिए एक अनुकूल वातावरण प्रदान करना चाहता है, जो कि प्रशासनिक प्रणाली को आम लोगों के लिए काम करने के लिए प्रेरित करेगा और यह भी सुनिश्चित करेगा कि शिकायतों का तीव्रता के साथ और कुशल रूप से निपटारा किया जा सके।

श्रीनगर में 1 और 2 जुलाई 2021 को डीएआर एंड पीजी, भारत सरकार और जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा आयोजित किए गए सुशासन प्रथाओं की प्रतिकृति पर क्षेत्रीय सम्मेलन के दौरान और डॉ जितेंद्र सिंह द्वारा घोषित निर्णयों के अनुसार,कश्मीर अलामिया में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया, जिसमें जम्मू-कश्मीर प्रबंधन, लोक प्रशासन और ग्रामीण विकास संस्थान की सार्वजनिक नीति और सुशासन पर जम्मू और कश्मीर प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों सहित 2,000 वरिष्ठ अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान करने का निर्णय लिया गया।

इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य विशिष्ट पहलों के माध्यम से जम्मू और कश्मीर सरकार के अधिकारियों के लिए सुशासन से संबंधित क्षमता निर्माण कार्यक्रमों और प्रथाओं में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए अकादमिक और बौद्धिक संपर्क को स्थापित करना, बनाए रखना और बढ़ावा देना है।

इस समझौता ज्ञापन को लागू करने के लिए नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस (एनसीजीजी) द्वारा जम्मू-कश्मीर प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारियों के लिए 30 अगस्त  से 10 सितंबर 2021 तक दो सप्ताह का क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।

डॉ जितेंद्र सिंह ने इतने कम समय में एनसीजीजीद्वारा जम्मू-कश्मीर प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारियों के लिए दो सप्ताह का क्षमता निर्माण कार्यक्रम का आयोजन करने के लिए उसे बधाई दी। बातचीत के दौरान अधिकारियों ने बताया कि वे इस प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन करके बहुत ही खुश और उत्साहित महसूस कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि उनके 25 वर्ष के नौकरी में ऐसा पहली बार हुआ है जब उन्हें जम्मू-कश्मीर से बाहर ले जाकर प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने इस प्रकार की साहसिक पहल के लिए और लंबे समय तक पदोन्नति और कैडर समीक्षा वाले लंबित मुद्दों में तेजी लाने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया।

डॉ जितेंद्र सिंह ने जिला गवर्नेंस इंडेक्स को आगे बढ़ाने के लिए डीएआरपीजी को बधाई दिया, जिसके माध्यम से जिलों के बीच एक नई प्रतिस्पर्धा उत्पन्न होगी। मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की इच्छा है कि नागरिकों के घर तक सेवाओं का वितरण करने के लिए जिलाधिकारियों के बीच भी प्रतिस्पर्धा की भावना उत्पन्न हो।

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