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विभिन्न नागरिक संगठनों द्वारा आयोजित अभिनंदन कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुएः मुख्यमंत्री

उत्तराखंड
देहरादून: केदारनाथ सहित उत्तराखण्ड के पुनर्निर्माण के लिए हमारे लोगों ने विपरीत परिस्थितियों में जो काम किया, वह उत्तराखण्ड की सामूहिक इच्छाशक्ति का प्रतीक है। प्राकृतिक आपदाएं राज्य, सरकार, समाज व व्यक्तियों के धैर्य की परीक्षा लेती हैं।

एक स्थानीय होटल में विभिन्न नागरिक संगठनों द्वारा आयोजित अभिनंदन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि वर्ष 2013 की त्रासदी के समय हमारे लोगों ने धैर्य बनाए रखा, उसी का परिणााम है कि चार धाम व हेमकुण्ट साहिब की यात्राएं सफलतापूर्वक संचालित की जा रही हैं। चार धाम यात्रा पर जिस उत्साह से श्रद्धालु बड़ी संख्या में आ रहे हैं उससे स्पष्ट है कि देश दुनिया के लोगों का उत्तराखण्ड के प्रति विश्वास लौटा है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने वर्ष 2013 की आपदा में काल कलवित हुए लोगों की स्मृति को नमन करते हुए कहा कि अभी पुनर्निर्माण कार्यों का केवल पहले चरण का काम हुआ है। बहुत सा काम अभी करना है। पांच से अधिक जिलों में आई आपदा से वर्षों में विकसित की गई व्यवस्थाएं छितरा गईं। परंतु ऐसे समय हमारे लोग धैर्यपूर्वक काम में लगे रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत से लोग कहते थे कि चारधाम यात्रा को स्थगित कर देना उचित रहेगा। परंतु ऐसा करने से हमारे मनोबल पर विपरीत असर पड़ता। हमने आम श्रद्धालुओं के लिए चारधाम यात्रा को प्रारम्भ करने करने का निर्णय लिया। पिछले वर्ष लगभग 4 लाख श्रद्धालु आए। जबकि इस वर्ष अभी तक चार लाख से अधिक श्रद्धालु चारों धाम के दर्शन कर चुके हैं। हेमकुण्ट साहिब की यात्रा में भी अपार उत्साह देखने को मिल रहा है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हिमालय व गंगा हमारी आस्था हैं और आस्था को कभी रोका नहीं जा सकता है। हमें खुशी है कि हम लोगों की आस्था को बनाए रखने के लिए व्यवस्थाएं कर पाए। अभी तो केवल प्रारम्भिक काम हुआ है। आज भी 363 गांवों को विस्थापन होना है। परंतु हमारी मजबूरी है कि इसे हम केवल अपने संसाधनों से नहीें कर सकते हैं। इसमें केंद्र का उदार सहयोग आवश्यक है। जब तक हम हिमालय को ठीक नहीं रखेंगे तब तक देश को भी ठीक नहीं रखा जा सकता है। नमामि गंगा के तहत गंगा तभी स्वच्छ रह सकती है जब हमारे प्राकृतिक जल स्त्रोतों को पुनर्जीवित किया जाए। स्वच्छ भारत जो कि पहले निर्मल भारत के नाम से संचालित था के तहत हमने दो जिलों को पूर्ण निर्मल जिले बनाने का निर्णय लिया है। इसमें केंद्र से सहायता मिलनी अभी बाकी है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज जी का आभार व्यक्त करते हैं कि उन्होंने उत्तराखण्ड को ग्रीन बोनस दिए जाने का समर्थन किया है। पहले हमें विशेेष राज्य का दर्जा प्राप्त होने के नाते 90:10 के अनुपात में केंद्रीय सहायता मिलती थी जिसे कि अब 50:50 किया जा रहा है। केंद्रीय करों में राज्यों का हिस्सा 10 प्रतिशत बढ़ाने से पहले से समृद्ध राज्यों को ही अधिक लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बदली परिस्थितियों में भी हम राज्य के विकास को रूकने नहीं देंगे। परंतु नीतिगत बदलाव अचानक नहीं किए जाने चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने पूर्व संासद स्व0 मनोरमा डोबरियाल शर्मा का भावपूर्ण स्मरण करते हुए खुशी जाहिर की कि उनके अधूरे कार्यों को करने के लिए उनके परिजन प्रयासरत हैं। उन्होंनेे कहा कि देहरादून में जितनी नागरिक सुविधाएं बढ़ाई जाती हैं उससे अधिक संख्या में लोग बसने के लिए आ रहे हैं। ग्रीन देहरादून बनाने में हम सभी को एकजुट होकर प्रयास करने होंगे।
मनारेमा डोबरियाल शर्मा मेमोरियल फाउण्डेशन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में सांसद राजबब्बर, विधायक उमेश शर्मा काउ, कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन, अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष नरेंद्र जीत सिंह बिंद्रा सपा के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ एसएन सचान, सिटू के वीरेन्द्र भण्डारी, सीएमएम के सुरेन्द्र सिंह सजवाण, पीएचडी चैम्बर्स के एचडी तनेजा, सीआईआई के मनु कोचर, कुमायू मण्डल मोटर्स एसोसिएशन के महेन्द्र सिंह बिष्ट, गढ़वाल मण्डल मोटर्स के सुरेश सिंह, उत्तरांचल पंजाब महासभा के जे.एस.आनन्द, गढ़वाल सभा के रोशन धस्माना, ब्राह्मण सभा शशिबल्लभ शास्त्री, गुरूद्वारा रेसकोर्स के प्रधान हरभजन सिंह, उत्तरांचल सिक्ख फेडरेशन के अध्यक्ष गुरूदीप सिंह, सिक्ख सेवा जत्था के अध्यक्ष गुलजार सिंह, गुरूद्वारा सिंह सभा के सचिव सेवा सिंह, दून वैलफेयर रेजिडेन्शियल सोसाईटी के डाॅ. महेश, व्यापर मण्डल के चन्द्रगुप्त विक्रम, सरदार अमरजीत सिंह, मोहम्मद अकरम, हाफिज अकरम कुरैशी सहित बड़ी संख्या में समाजसेवी, शिक्षाविद्, होटल, टूरिज्म, ट्रेवल व्यवसाय व विभिन्न संगठनो से जुड़े लोग उपस्थित थे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री दीनानाथ द्वारा की गई जबकि स्वागत भाषण श्रीमती आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा द्वारा दिया गया।

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