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रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ के राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर भारत को प्रौद्योगिकी का निर्यातक बनाने का आह्वान किया

देश-विदेश

नई दिल्ली: रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने भारत को आत्मनिर्भर और “प्रौद्योगिकी का निर्यातक” बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस (एनटीडी) के अवसर पर रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के वैज्ञानिकों को संबोधित किया।

श्री राजनाथ सिंह ने कहा, “पिछले पांच वर्षों में, हमने नए लक्ष्य निर्धारित किए हैं, और उन्हें प्राप्त करने के लिए सही नीतिगत रूपरेखा तैयार करने में कड़ी मेहनत की है। मुझे विश्वास है कि आप रक्षा अनुसंधान, विकास और निर्माण के हर क्षेत्र में इस बदलाव को देख सकते हैं।” उन्होंने कहा, “हमें हमेशा ध्यान में रखना है स्वदेशी प्रौद्योगिकी और स्वदेशी निर्माण का कोई विकल्प नहीं है। हम वास्तव में तभी आत्मनिर्भर होंगे, जब भारत प्रौद्योगिकी के शुद्ध आयातक के बजाय शुद्ध निर्यातक बनने में सफल होगा।”

श्री राजनाथ सिंह ने भारत को एक तकनीकी रूप से शक्तिशाली देश बनाने में योगदान देने के लिए विशेषज्ञों का आह्वान करते हुए कहा कि सरकार और देशवासी इस दिशा में आपके भविष्य के प्रयासों को पूरा समर्थन देंगे।

श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि रक्षा संगठन अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए कोविड-19 की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। भारत के रक्षा बलों और अनुसंधान और विकास के प्रयासों ने इस अदृश्य दुश्मन द्वारा पैदा की गयी चुनौतियों का समाधान खोजने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा, “डीआरडीओ ने कोविड -19 के खिलाफ लड़ाई में योगदान देने के अपने निरंतर प्रयासों के माध्यम से पिछले 3-4 महीनों के दौरान 50 से अधिक उत्पाद विकसित किए हैं। इनमे बायो सूट, सैनिटाइजर डिस्पेंसर, पीपीई किट आदि शामिल हैं। हमारे रक्षा उद्योग की अदम्य भावना ने रिकॉर्ड समय में बड़े पैमाने पर उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों के निर्माण का अवसर प्रदान किया है।”

पोखरण में 1998 में किए गए परमाणु परीक्षणों की याद में 11 मई को एनटीडी मनाया जाता है। यह देश में विकसित प्रौद्योगिकी की सफल उपलब्धि का प्रतीक है। उन्होंने महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता की आवश्यकता पर बल दिया।

इस अवसर के महत्व के बारे में रक्षा मंत्री ने कहा, “यह दिन हमारे भारतीय वैज्ञानिकों के ज्ञान, प्रतिभा और दृढ़ता के लिए समर्पित है, विशेष रूप से उनके लिए जिन्होंने देश की जटिल राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों का समाधान खोजने में अपना बहुमूल्य योगदान दिया है”। उन्होंने आगे कहा, “राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस हमारी तकनीकी प्रगति का जायजा लेने का एक अवसर है और यदि  हमें एक तकनीकी शक्ति के रूप में उभरना है तो हमें पता होना चाहिए कि हमें क्या करना है। इस तरह का आत्मनिरीक्षण आवश्यक है क्योंकि विज्ञान और प्रौद्योगिकी देश की अर्थव्यवस्था के सबसे महत्वपूर्ण कारक बन गए हैं।” उन्होंने कहा कि यह दिन हमें महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता हासिल करने, नवाचारों को प्रोत्साहित करने और उत्पाद की प्राप्ति के लिए प्रौद्योगिकी प्रवाह को बनाए रखने के लिए निरंतर प्रयास करने की याद दिलाता है।

वैज्ञानिकों तथा इंजीनियरों के समर्पण, दृढ़ संकल्प और बलिदान को श्रद्धांजलि देने के लिए डीआरडीओ में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 2020 मनाया गया। विशेष रूप से उन वैज्ञानिकों तथा इंजीनियरों को याद किया गया, जिन्होंने शक्ति-पोखरण 2  की सफलता के साथ राष्ट्रीय तकनीकी पहचान हासिल करने के लिए काम किया। इस अवसर पर, एक वेबिनार आयोजित किया गया और कोविड-19 के खिलाफ लड़ने के लिए डीआरडीओ प्रौद्योगिकी पर एक प्रस्तुति दी गई।

नीति आयोग के सदस्य डॉ वी के सारस्वत ने अपने संबोधन में कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में पहले 45 दिनों के दौरान उत्कृष्ट कार्य के लिए डीआरडीओ को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस लड़ाई में देश ने विज्ञान एवं  प्रौद्योगिकी के बुनियादी ढांचे को मज़बूत किया है। उन्होंने डीआरडीओ को जीवन विज्ञान प्रयोगशालाओं पर अधिक ध्यान देने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि जैव रक्षा कार्यक्रम को पुनर्जीवित किया जाना चाहिए। उन्होंने अधिक रोबोट उपकरणों के विकास की आवश्यकता पर जोर दिया, जिसमें डीआरडीओ का आधार मजबूत है।

भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (पीएसए) प्रोफेसर के विजयराघवन ने अपने संबोधन में डीआरडीओ की सराहना की और कहा कि कोविड–19  के खिलाफ लड़ाई में अवसर के अनुकूल कार्य करना असाधारण है। उन्होंने कहा कि हमें सभी प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में स्वदेशी क्षमता विकसित करनी चाहिए। उन्होंने आईटी सक्षम तकनीकों और अनुप्रयोगों के विकास की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

डीडीआर एंड डी के सचिव तथा डीआरडीओ के चेयरमैन डॉ जी सतीश रेड्डी ने कोविड-19 का मुकाबला करने में साथी नागरिकों, सशस्त्र बलों और कोरोना वारियर्स को समर्थन देने के लिए सभी टीमों को बधाई दी। उन्होंने सभी से अपील की कि वे देश को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों को प्रदान करने के लिए काम करें और इसके लिए खुद को राष्ट्र की सेवा में समर्पित करें।

डॉ रेड्डी ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान, उत्पादों की दुनिया भर में आपूर्ति की जानी चाहिए। विलंबित आपूर्ति कोई आपूर्ति नहीं है। डीआरडीओ ने कोविड -19 से लड़ने के लिए 53 उत्पाद विकसित किए हैं। उन्होंने कहा कि कुछ प्रणालियों को रिकॉर्ड समय में शामिल किया गया था।

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