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नितिन गडकरी का सड़कों की क्षमता के सर्वोत्‍तम उपयोग और भीड़ कम करने पर जोर

देश-विदेश

नई दिल्ली: केन्‍द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, शिपिंग एवं जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा है कि सड़कों की क्षमता के सर्वोत्तम उपयोग करने और वहां भीड़ कम करने, साथ ही साथ देश में सड़क सुरक्षा और सेवा मानकों के उच्‍चतम स्‍तर बनाने की दिशा में सुधार लाये जा रहे हैं। उन्होंने आज नई दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन क्षेत्र की प्रभावशीलता और दक्षता बढ़ाने के लिए विश्व बैंक से प्रतिपूर्ति परामर्श सेवाओं (आरएएस) की खरीद हेतु कानूनी अनुबंध के समापन पर बोलते हुए कहा कि राज्यों को विशेष रूप से अपने शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन संबंधी कार्यनीति में सुधार लाने की आवश्यकता है।

श्री गडकरी ने कहा कि आने वाला कल इलेक्ट्रिक और जैव ईंधन पर आधारित परिवहन के साधनों का है। ये साधन किफायती, प्रदूषण मुक्त और पेट्रोलियम उत्पादों के आयात बिल में कमी लाने में दक्ष हैं। उन्होंने कहा कि इथेनॉल और मेथनॉल का उपयोग करना भी एक अच्छा विकल्प है। उन्होंने नागपुर का उदाहरण दिया, जहां फल, मटन वेस्‍ट आदि से जैव-सीएनजी का उत्पादन किया जा रहा है। इंटर सिटी परिवहन के लिए, उन्होंने ब्रॉड-गेज मेट्रो को अपनाने का समर्थन किया, जिसके लिए इंजन आदि वाहन आसानी से उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि अध्ययनों से पता चला है कि पारंपरिक मेट्रो के लिए प्रति किलोमीटर के निर्माण पर 350 करोड़ रुपये की लागत आती है, जबकि  मुकाबले, ब्रॉड-गेज मेट्रो पर केवल 3 करोड़ रुपये की लागत आती है। उन्‍होंने बताया कि विश्व बैंक की सहायता से विभिन्न शहरों और नदियों में 111 जलमार्ग तैयार किए जा रहे हैं। उन्होंने लिए इस अवसर पर उपस्थित विश्व बैंक के प्रतिनिधि से भारत के लिए समग्र परिवहन विजन तैयार करने का अनुरोध किया।

श्री गडकरी ने दुनिया से सर्वोत्तम पद्धतियों को भारत लाने के उद्देश्‍य से 10 जनवरी, 2018 को ट्रांसपोर्ट फॉर लंदन (टीएफएल) के साथ किए गए सहमति पर हस्ताक्षर किए जाने को स्‍मरण किया। टीएफएल एक ऐसी एजेंसी है, जो ग्रेटर लंदन के लिए परिवहन प्रणाली का प्रबंधन करती है और उसने लंदन शहर में मजबूत और भरोसेमंद सार्वजनिक परिवहन प्रणाली स्‍थापित कर अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया है। इसने एकल ब्रांड के तहत 17 से अधिक ऑपरेटरों के साथ पीपीपी मॉडल में बसों के संचालन की एक अनूठी प्रणाली तैयार की है। उन्होंने कहा कि इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्‍य देश के कुछ चुनिंदा शहरों में सार्वजनिक परिवहन प्रणाली में आमूलचूल बदलाव लाने के लिए टीएफएल की विशेषज्ञता का उपयोग करना है।

श्री गडकरी ने आंध्रप्रदेश और महाराष्‍ट्र में सार्वजनिक परिवहन प्रणाली में सुधार लाने के लिए परामर्श हेतु विश्व बैंक को साथ जोड़ने पर संतोष व्‍यक्‍त किया, जिसे अन्‍य राज्‍यों के सार्वजनिक परिवहन में सुधार लाने के लिए भी उपयोग में लाया जा सकता है। उन्‍होंने आशा व्‍यक्‍त की कि आज हस्‍ताक्षरित समझौते से देश में सुरक्षित और दक्ष परिवहन प्रणाली विकसित करने की दिशा में वांछित परिणाम प्राप्‍त हो सकेंगे।

इस अवसर पर केंद्रीय सड़क परिवहन, शिपिंग और रसायन एवं उर्वरक राज्‍य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि भारत को कुशल बस परिवहन प्रणाली के संबंध में अच्‍छी परिवहन नीति की आवश्‍यकता है। उन्‍होंने कहा कि यात्री परिवहन के लिए सार्वजनिक परिवहन का अंश बढ़ाया जाना चाहिए ताकि सड़कों की उत्‍पादकता और प्रवाह क्षमता को भी बेहतर बनाया जा सके।

परामर्श सेवा के माध्‍यम से सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय सार्वजनिक परिवहन नीति में सुधार लाने में महाराष्‍ट्र और आंध्र प्रदेश को और उनके राज्‍य परिवहन उपक्रमों (एसटीयू) को सहायता देगा। आरएएस मंत्रालय सार्वजनिक परिवहन के मामलों में तथा कुछ पायलट परियोजनाओं का संचालन करने की दिशा में राज्‍यों का मार्गदर्शन करने में भी समर्थ बनाएगा। ये पायलट परियोजनाएं सार्वजनिक परिवहन प्रणाली में सुधार लाने के लिए अन्‍य राज्‍यों में भी प्रतिकृत की जा सकती हैं।

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