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पालन-पोषण करने वाली मातृभूमि को कभी नहीं भूलें: उपराष्ट्रपति ने माल्टा में रह रहे भारतीय समुदाय के लोगों से आग्रह किया

देश-विदेश

नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा है कि विदेशों में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोग देश का गौरव बढ़ा रहे हैं और प्रवासी देश तथा अपनी मातृभूमि दोनों के प्रति अपार योगदान कर रहे हैं। उपराष्ट्रपति कल रात भारत के उच्चायुक्त द्वारा माल्टा की राजधानी वैलेटा में आयोजित भारतीय समुदाय के स्वागत समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर वित्त राज्य मंत्री श्री शिव प्रताप शुक्ल और माल्टा में भारतीय उच्चायुक्त श्री राजेश वैष्णव तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि उभरता भारत हमेशा भारतीय मूल के लोगों के साथ रहेगा। उन्होंने भारतीय मूल के लोगों से आग्रह किया कि वे पालन-पोषण करने वाली मातृभूमि को कभी न भूलें। उन्होंने कहा कि भारत की कला, संस्कृति, मूल्यों और परम्पराओं का संदेश विश्व में पहुंचाने में भारतीय समुदाय के लोगों की भूमिका महत्वपूर्ण है।

भारत-माल्टा संबंधों को मजबूत बनाने की आवश्यकता पर बल देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि माल्टा ने छोटा देश होने के बावजूद काफी प्रगति की है और भारत और माल्टा के संबंध दीर्घकालिक होंगे। उन्होंने कहा कि देश का आकार महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि विकास महत्वपूर्ण है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय आबादी सभी क्षेत्रों में अच्छा कार्य कर सकती है और विश्व के समाजों के साथ एकीकृत हो सकती है। उन्होंने कहा कि भौगोलिक सीमाएं भारत और माल्टा को अलग नहीं करती हैं।

भारत की विकास गाथा का उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि देश में स्थायी रूप से विकास हो रहा है और देश आगे बढ़ रहा है। प्रणालीगत सरकारी सुधारों से समाज समावेशी बन रहा है और भारत को औपचारिक अर्थव्यवस्था बनाने के लिए तेजी से प्रयास किए जा रहे है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत परिवर्तन के शिखर पर है और यह परिवर्तन अप्रत्याशित है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के डिजिटीकरण, वित्तीय समावेशन, जीएसटी तथा जन धन से भारतीय आर्थिक परिदृश्य में क्रांतिकारी परिवर्तन हुआ है। सड़क और दूरसंचार नेटवर्क ने भारत को बदल दिया है और भारत जैसे विशाल देश में संचार प्रणाली क्रांतिकारी हो गई है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा किए गए कार्यों की याद दिलायी।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय कला योग और आयुर्वेद पूरे विश्व में लोकप्रिय हो रहे है। उन्होंने कहा कि भारत स्वास्थ्य के मामले में गंतव्य देश हो गया है और शीघ्र लॉन्च किए जाने वाले आयुष्मान भारत कार्यक्रम से भारत में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली बदल जाएगी।

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