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एनएबीएल द्वारा बेसिक कंपोजिट चिकित्सा प्रयोगशालाओं के लिए गुणवत्ता आश्वासन योजना का शुभारंभ

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नई दिल्ली: छोटी प्रयोगशालाओं को बुनियादी रूप से योग्य गुणवत्ता प्रक्रियाओं के लिए संवेदी बनाने के लिए एनएबीएल ने बेसिक कंपोजिट (बीसी) चिकित्सा प्रयोगशालाओं (प्रवेश स्तर) के लिए फरवरी, 2019 में गुणवत्ता आश्वासन योजना (क्यूएएस) नामक एक अन्य स्वैच्छिक योजना का शुभारंभ किया है। ब्लड ग्लूकोज, ब्लड काउंट्स, सामान्य संक्रमणों के लिए त्वरित परीक्षण, लिवर और गुर्दे के कार्य परीक्षण तथा मूत्र के नियमित परीक्षण जैसे ही बुनियादी नियमित परीक्षण करने वाली प्रयोगशालाएं इस योजना के तहत आवेदन करने की पात्र होंगी। छोटी पैथोलॉजी प्रयोगशालाओं को प्रोत्साहित करने के लिए इस योजना का आधार मानदंड स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 18 मई, 2018 को जारी राजपत्र अधिसूचना में सूचीबद्ध की गई जरूरतों पर  आधारित होगा। यह अधिसूचना नैदानिक प्रतिष्ठान (केंद्र सरकार) नियमावली, 2012 में संशोधन के लिए जारी की गई थी। इस योजना का लाभ उठाने के लिए न्यूनतम दस्तावेज और नाम मात्र का शुल्क निर्धारित किया गया है। परीक्षण परिणामों की गुणवत्ता और वैधता सुनिश्चित करने के लिए क्षमता आकलन के घटक जोड़े गए हैं।

यह योजना भारत की स्वास्थ्य प्रणाली में, जहां प्रयोगशालाएं अपनी सभी प्रक्रियाओं में गुणवत्ता की अनिवार्यताओं का अनुपालन करती हैं,  जमीनी स्तर पर गुणवत्ता लाने में मदद करेगी। इससे गुणवत्ता की आदत विकसित होने के साथ-साथ प्रयोगशालाओं को एक निश्चित समय में आईएसओ 15189 की बैंच मार्क मान्यता प्राप्त करने में भी मदद मिलेगी। प्रयोगशालाएं किसी भी निश्चित समय में आईएसओ 15189 के अनुसार मान्यता प्राप्ति के लिए अपग्रेड की जा सकती हैं। सफल प्रयोगशालाओं को एनएबीएल द्वारा क्यूएएस बीसी योजना के अनुपालन का प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। उन्हें  एक निश्चित समय सीमा के लिए बुनियादी मानक के पृष्ठांकन के चिन्ह के रूप में अपनी परीक्षण रिपोर्टों पर एक विशिष्ट प्रतीक का उपयोग करने की अनुमति होगी। लेकिन इससे पहले उन्हें आईएसओ 15189 के अनुसार पूर्ण मान्यता की प्रक्रिया से गुजरना होगा।

यहां तक कि देश के दूर-दराज के हिस्सों में स्थित अधिक से अधिक छोटी प्रयोगशालाओं को प्रोत्साहित करने और इस योजना का लाभ उठाने के लिए एनएबीएल देश के विभिन्न शहरों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करेगी। इस योजना से अगले 5 वर्षों में अधिक से अधिक प्रयोगशालाओं में भारी बदलाव लाने के लिए प्रयोगशालाओं को गुणवत्ता युक्त सेवा प्राप्त होने की उम्मीद है। इस योजना के माध्यम से प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों, समुदाय स्वास्थ्य केंद्रों, डॉक्टरों के क्लीनिकों, छोटी प्रयोगशालाओं और छोटे नर्सिंग होम की प्रयोगशालाओं को भी गुणवत्ता युक्त प्रयोगशाला के परिणामों तक पहुंच उपलब्ध होगी।

राज्य सरकारों को नैदानिक प्रतिष्ठान अधिनियम के तहत एक प्रतिष्ठान के रूप में प्रयोगशालाओं का पंजीकरण कराने के लिए इस प्रवेश स्तर योजना को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है अभी तक यह अधिनियम 11 राज्यों और सभी केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया जा चुका है। इससे इन राज्यों में निदान के क्षेत्र को व्यवस्थित करने में सहायता मिलेगी। यह योजना भारत सरकार की आयुष्मान योजना को बहुत जरूरी समर्थन देगी। इस योजना के तहत सरकार ने 1,50,000 कल्याण केंद्र स्थापित करने की योजना बनाई है। इस में 10 करोड़ से अधिक गरीब और कमजोर परिवार शामिल किये जायेंगे। एनएबीएल की इस प्रवेश स्तर योजना से विशेष रूप से गांवों और छोटे शहरों में रहने वाले अधिकांश नागरिकों को गुणवत्ता युक्त निदान सुविधा उपलब्ध कराकर गुणवत्ता चिकित्सा देखभाल के लिए आयुष्मान भारत योजना की वैश्विक पहुंच के लक्ष्य को भी बढ़ाने में मदद करेगी। जो छोटी प्रयोगशालाएं क्यूएएस बीसी योजना के माध्यम से गुणवत्ता हासिल करने की इच्छुक हों वे एनएबीएल की वेबसाइट  www.nabl-india.org पर उपलब्ध आवेदन दस्तावेज में एनएबीएल को आवेदन करें।

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