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श्रीमती मेनका संजय गांधी ने कम बाल लिंगानुपात वाले 61 अतिरिक्त जिलों में बीबीबीपी कार्यक्रम शुरू किया

देश-विदेश

नई दिल्ली: महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका संजय गांधी ने आज 11 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के कम लिंगानुपात वाले 61 अतिरिक्त जिलों में सरकार की योजना ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम’ का औपचारिक शुरुआत की। योजना को नई दिल्ली में एक उच्चस्तरीय समारोह में शुरू किया गया, जिसमें राज्यों के महिला एवं बाल विकास/सामाजिक कल्याण, शिक्षा व स्वास्थ्य विभागों के प्रधान सचिव, 61 जिलों के उपायुक्त/कलेक्टर व जिला मजिस्ट्रेट भी शामिल हुए। बीबीबीपी पहले से ही कम बाल लिंगानुपात वाले 100 जिलों में संचालित हो रहा है।

प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए श्रीमती मेनका संजय गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 22 जनवरी, 2015 को बीबीबीपी शुरू किया गया था और यह कार्यक्रम बहुत सफल साबित हुआ है। इसके अच्छे परिणाम का श्रेय उपायुक्तों/कलक्टर व जिला मजिस्ट्रट को जाता है जिन्होंने बहुत ही जोश व नवोन्वेषी गतिविधियों के साथ इसे लागू कराया। उन्होंने कहा कि इन सभी प्रयासों का नतीजा है कि इस योजना के पहले साल में बीबीबीपी जिलों में जन्म के समय लिंगानुपात में 49 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई है।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ने शिशु बालिका के सशक्तिकरण के लिए किए जा रहे प्रयासों में उनके समर्पण का जिक्र करते हुए हरियाणा, जम्मू व कश्मीर राज्यों, तमिलानाडु के कुदुलुर जिले, हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले, महाराष्ट्र के जलगांव जिले, त्रिपुरा के गोमती में प्रशंसनीय पहलकदमियों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि बीबीबीपी जिलों में जन्म के समय लिंगानुपात में न्यूनतम 10 अंकों की वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है और अगले पांच सालों में धीरे-धीरे अधिक करना है। उन्होंने इस योजना के तहत कुछ उपलब्धियों का जिक्र किया जिसमें बालिकाओं के स्कूल ड्रॉपआउट में गिरावट, 100 प्रतिशत संस्थागत प्रसव, हर गांव में गुड्डा-गुड़िया बोर्ड का गठन, लड़कियों/महिलाओं की सुरक्षा व स्कूलों में लड़कियों के लिए शौचालय की व्यवस्था शामिल है।

महिला एवं बाल विकास सचिव श्री वी. सोमसुंदरन ने बीबीबीपी को सामुहिक प्रयास से लंबी अवधि तक चलाने के लिए सामुदायिक स्तर पर लोगों को एकजुट करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि 303 गांवों में ग्रामीण संमिलन व सुगम सेवा (वीसीएफएस) केंद्रों के जरिये सामुदायिक पहुंच को संस्थागत रूप दिया गया है। उन्होंने योजना को ठीक ढंग से चलाने के लिए जन्म के समय लिंगानुपात की निगरानी करने व उस पर निरंतर नजर रखने की जरूरत पर बल दिया।

महाराष्ट्र, तमिलनाडु, त्रिपुरा, पंजाब व जम्मू-कश्मीर के चुनिंदा जिलों के उपायुक्तों/कलक्टर्स ने भी योजना को सफलतापूर्वक लागू करने के अपने अनुभव साझा किए।

इससे पहले, मंत्री महोदया ने कार्यक्रम स्थल पर लगी प्रदर्शनी का दौरा किया और योजना की गतिविधियों को देखा। श्रीमती मेनका संजय गांधी द्वारा इस मौके पर एक पुस्तिका “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ- एक यात्रा” भी लोकार्पित की गई। इस पुस्तिक में पिछले एक साल में विभिन्न जिलों में योजना को लागू करने के लिए स्थानीय स्तर पर की जा रही पहलकदमियों का जिक्र है। समारोह में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय व मानव संसाधन विकास मंत्रालय, साथ ही साथ यूएन, व सीएसओ की एजेंसियों के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया।

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