नैनीताल/देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने श्री राम सेवक सभा नैनीताल द्वारा आयोजित श्री नन्दादेवी महोत्सव का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने रामसेवक सभा द्वारा प्रकाशित स्मारिका का भी विमोचन किया। साथ ही कदली वृक्ष लाने वाले श्रद्धालुओ को वृक्षारोपरण हेतु पौधे वितरित किए एवं मां नन्दा, सुन्नदा देवी के धार्मिक ध्वज भी प्रदान किये गये।
इस अवसर पर स्कूूली बच्चों एवं गीतनाट्य प्रभाग के कलाकारों द्वारा मां नन्दादेवी के स्तुति पर आधारित वन्दना प्रस्तुत की।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि मां नन्दा, सुन्नदा के इस महोत्सव का 112 वर्ष पुराना इतिहास है। जिन महान लोगो ने इस महोत्सव का शुभारम्भ किया वह निसंदेह ही प्रशंसा के पात्र है, उन्होंने कहा कि इसके साथ ही इस परम्परा को संजोकर रखने वाले तथा आगे बढाने वाले लोग भी बधाई के पात्र है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि जहां प्रकृति, संस्कृति तथा धर्म एक साथ मिल जाते है वहा अद्भुत दृश्य उत्पन्न हो जाता है, ऐसे में आलौकिक वातावरण हमें सीधे ईश्वर से जोडने के साथ ही आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करता है। उन्हांेने कहा नैनीताल और धर्म नगरी अल्मोडा को बदलते दौर में सभी का मार्ग दर्शन एवं नेतृत्व करना है। उन्होने कहा कि आधुनिकता एवं विज्ञान अपनाना अच्छी बात है परन्तु हमें अपनी सस्कृतियों को भी नही छोडना चाहिए। प्रदेश के लोगों को संरक्षक के रूप में कार्य करना होगा ताकि प्रदेश से पलायन को रोका जा सकें।
उन्होने कहा कि नैनीताल को वार्षिक इवैन्ट कलैन्डर तैयार करने की जरूरत है, ताकि बाहर से आने वाले पर्यटक नैनीताल की विविधता एवं प्राकृतिक सौन्दर्य स्थलों का भरपूर आन्नद ले सके। उन्होने कहा कि राज्य सरकार लोकगीत, लोकसंगीत तथा लोक संस्कृति पर आधारित कार्यक्रम विकसित करने की दिशा में कार्य कर रही है। उन्होने मां नन्दा से सभी को स्मृद्धि, विकास एवं सत्य के मार्ग पर चलने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की। कार्यक्रम का संचालन हेमन्त बिष्ट द्वारा किया गया।