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एचसीएल ग्रांट 2019 के विजेताओं को श्री अमिताभ कांत और श्री सौरव गांगुली ने सम्मानित किया

उत्तराखंड

देहरादून: एचसीएल टेक्नॉलॉजीज़ की सीएसआर आर्म, एचसीएल फाउंडेशन ने आज नीति आयोग के सीईओ, श्री अमिताभ कांत और भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान, श्री सौरव गांगुली की मौजूदगी में एचसीएल ग्रांट 2019 के विजेताओं की घोषणा की। भारत की सबसे बड़ी और प्रतीक्षित संस्थागत सीएसआर ग्रांट्स में से एक, एचसीएल ग्रांट एनजीओ के समुदाय संचालित ईको सिस्टम के विकास को सम्मानित करती है। शिक्षा, हेल्थकेयर एवं पर्यावरण की श्रेणियों में तीन एनजीओ में से प्रत्येक ने 5 करोड़ रु. का अनुदान जीता। इस साल एचसीएल ग्रांट ने तीन श्रेणियों मेंछः फाईनलिस्टों में से प्रत्येक के लिए 25 लाख रु. का अतिरिक्त अनुदान देना भी प्रारंभ किया, जिससे दी जाने वाली ग्रांट की कुल राशि 16.5 करोड़ रु. हो गई।

एचसीएल ग्रांट पुरस्कार समारोह नोएडा में एचसीएल टेक्नॉलॉजीज़ के परिसर में आयोजित किया गया। इस समारोह में एचसीएल के संस्थापक एवं चेयरमैन, श्री शिव नादर; एचसीएल टेक्नॉलॉजीज़की सीएसआर समिति की चेयरपर्सन एवं एचसीएल टेक्नॉलॉजीज़ की वाईस चेयरपर्सन, मिस रोशनी नादर मल्होत्रा और अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी, अफसर, एनजीओ पार्टनर एवं एचसीएल का नेतृत्वमौजूद था।

एचसीएल ग्रांट 2019 के विजेता हैं :

 – स्वास्थ्य. इस खंड में एचसीएल अनुदान विजेता शी होप सोसाइटी फॉर वीमेन एंट्रेप्रेन्योर्स रही। 2001 में स्थापित यह संगठन जम्मू-कश्मीर के दूर-दराज़, सरहदी और अलग-थलग क्षेत्रों में शारीरिकपुनर्वास के लिए काम करता है।

परियोजना शीर्षकः जम्मू-कश्मीर के संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों में संवेदनशील लोगों विशेष तौर पर महिलाओं और बच्चों के लिए मानवीय सहायता के ज़रिये समावेश और सुरक्षा बढ़ाना।

परियोजना स्थलः जम्मू-कश्मीर के चार जिले (कूपवाड़ा, बारामुला, राजौरी एवं पुंच)

– पर्यावरण- पर्यावरण खंड में एचसीएल अनुदान 2019 वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया को मिला। डब्ल्यूटीआई 1999 से देश भर में वन्य जीव एवं जैव विविधता संरक्षण के मुद्दे पर काम कर रही है।

परियोजना शीर्षकः लैंडस्केप जोड़ना, लोगों का सशक्तिकरण तथा हाथियों के रक्षा दृ बाघमारा-बल्पक्रम हाथी कॉरिडोर सुरक्षित करना और मेघालय के गारो हिल्स में वन्यजीव वास-स्थान की सुरक्षा

परियोजना स्थान : गारो हिल्स, मेघालय।

– शिक्षा- शिक्षा के खंड में 2019 के लिए एचसीएल अनुदान सृजन फाउंडेशन को मिला। साल 2001 में स्थापित सृजन फाउंडेशन का लक्ष्य है समुदाय और ज़मीनी संगठनों की क्षमता बढ़ाकर वंचित वर्गका कल्याण करना।

परियोजना शीर्षकः बेहतर आजीविका, मौकों और बेहतर आय के लिए महिला किसानों को शिक्षित करना

परियोजना स्थलः झारखंड में हजारीबाग एवं पश्चिमी सिंहभूम

आज तक एचसीएल ग्रांट ग्रामीण विकास के लिए 35 करोड़ रु. (5.4 मिलियन अमेरिकी डॉलर) दे चुका है। इसका उद्देश्य 900,000 से अधिक लोगों को लाभान्वित करना है। आज सात एचसीएल ग्रांटविजेता रचनात्मक समाधानों द्वारा देश के सबसे दूरदराज के कोनों में बहुत गंभीर समस्याओं का समाधान कर रहे हैं तथा अंतिम छोर तक सहयोग के ढांचे का निर्माण कर रहे हैं। 2015 से एचसीएलग्रांट प्रोजेक्टों ने भारत के 12 राज्यों के 26 जिलों में 3500 गांवों के 3,70,000 से अधिक लोगों की जिंदगियों में परिवर्तन लाया है।

श्री अमिताभ कांत, सीईओ, नीति आयोग ने कहा, ‘‘एचसीएल ने देश के विकास के एजेंडा में सहयोग करने का एक बेहतरीन मॉडल पेश किया है। स्वास्थ्य, पर्यावरण एवं शिक्षा किसी भी देश के विकासके कार्यक्रम के मुख्य तत्व हैं। सभी हितधारकों, जैसे सरकार, कॉर्पोरेट, एनजीओ एवं सिविल सोसायटी के लिए जरूरी है कि वो मिलकर काम करें और बड़ा परिवर्तन लाएं। मैं विजेताओं और फाईनलिस्टोंको उनकी कठोर मेहनत के लिए बधाई देता हूँ। मेरी शुभकामनाएं उनके साथ हैं।’’

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान, श्री सौरव गांगुली ने कहा, ‘‘मैं इस समारोह का हिस्सा बनकर सम्मानित महसूस कर रहा हूँ। एनजीओ के काम प्रेरणाप्रद हैं और मैं एचसीएल ग्रांट के विजेताओं एवंएचसीएल को उनके उल्लेखनीय कार्यों के लिए बधाई देता हूँ, जो वो समुदायों की जिंदगी में परिवर्तन लाने के लिए कर रहे हैं। मेरा मानना है कि उद्देश्यों और चैरिटेबल कार्यों के लिए काम करना एकआदत की तरह होता है और हम सभी को इसमें अपना योगदान देना चाहिए क्योंकि विकास किसी एक व्यक्ति का काम नहीं, बल्कि इसके लिए टीमवर्क की जरूरत है है, जो सार्थक परिवर्तन ला सके।’’

इस ईवेंट के दौरान ‘द फिफ्थ एस्टेट – एनजीओ ट्रांसफॉर्मिंग रूरल इंडिया इन एनवॉयरनमेंट, हेल्थ एण्ड एजुकेशन’ का तीसरा संस्करण भी जारी किया गया। यह ग्रामीण भारत के सशक्तीकरण के लिएकाम करने वाली भारत की सबसे विश्वसनीय एनजीओ के काम का विवरण देने वाला व्यापक कंपेंडियम है। यह कंपेंडियम एचसीएल द्वारा एचसीएल ग्रांट की मूल्यांकन प्रक्रिया के दौरान की गई शोधके आधार पर संकलित होता है एवं किसी विशेष क्षेत्र में एनजीओ को सहयोग करने के इच्छुक व्यक्तियों या अन्य संस्थानों के लिए संदर्भबिंदु के रूप में काम करता है।

इस अवसर पर मिस निधि पुंधीर, डायरेक्टर, एचसीएल फाउंडेशन ने कहा, ‘‘एचसीएल ग्रांट सीएसआर स्पेस में एक अद्वितीय अभियान है, जिसके द्वारा हम भारत की वृद्धि व विकास में योगदान देनेवाले नायकों को सम्मानित करने का प्रयास करते हैं और अपेक्षित प्रभाव उत्पन्न करने के लिए सालों तक उनके साथ काम करते हैं। चार सालों में एचसीएल ग्रांट ने उल्लेखनीय समुदाय-आधारित,पार्टिसिपेटरी एनजीओ के कैडर का विकास संभव बनाया है, जो गहरा व व्यापक प्रभाव लाकर जमीनी स्तर का विकास मजबूत कर रहे हैं।’’

इस साल की ग्रांट के लिए प्रतिष्ठित ज्यूरी की अध्यक्षता मिस. रॉबिन अब्राह्म्स ने की। ज्यूरी में डॉ. ईशर जज अहलूवालिया – अग्रणी अर्थशास्त्री एवं चेयरपर्सन, बोर्ड ऑफ गवर्नर्स, इंडियन काउंसिलफॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकॉनॉमिक रिलेशंस; मिस पल्लवी श्रॉफ- प्रतिष्ठित कानूनी सलाहकार, श्रृदुल अमरचंद मंगलदास एण्ड कं.; श्री बी. एस. बसवान – पूर्व डायरेक्टर, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफपब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन एवं पूर्व एचआरडी सचिव; श्री रिचर्ड लैरिवियरे – प्रेसिडेंट, फील्ड म्यूज़ियम, शिकागो एवं पूर्व प्रेसिडेंट, यूनिवर्सिटी ऑफ ओरेगांव; जेम्स साइरिंग, सीनियर वाईस प्रेसिडेंट, इंटरप्राईज़ ऑपरेशंस सपोर्ट, यूएसएए तथा श्री शिव नादर- संस्थापक एवं चेयरमैन, एचसीएल शामिल थे।

पूर्व प्रेसिडेंट, पॉम कंप्यूटिंग एवं एचसीएल टेक्नॉलॉजीज़ की सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाली बोर्ड सदस्य, मिस रॉबिन अब्राह्म्स ने कहा, ‘‘एचसीएल ग्रांट भारत में विकास की तीन प्रमुख श्रेणियों मेंएनजीओ द्वारा किए गए प्रेरणाप्रद काम को सम्मानित करने व सहयोग करने की दिशा में एक उल्लेखनीय अभियान है। फाईनलिस्टों च विजेताओं को चुनना काफी रोचक था क्योंकि हर प्रविष्टि कीजमीन पर दर्शनीय प्रभाव छोड़ने के साथ एक प्रभावशाली कहानी थी।

एचसीएल ग्रांट के चौथे संस्करण को देश की एनजीओ से शानदार प्रतिक्रिया मिली और इसमें 4,000 से अधिक आवेदकों ने हिस्सा लिया। आवेदनों का 8 महीने लंबी एक मजबूत प्रक्रिया द्वारासावधानीपूर्वक मूल्यांकन किया गया, जिसका निरीक्षण एवं ऑडिट गवर्नेंस पार्टनर, ग्रांट थॉर्नटन ने किया। ग्रांट की संरचना में सहयोग की जरूरत वाले प्रोजेक्ट को पहचानने के अलावा संस्थान कोमजबूत करने, क्रियान्वयन की विधि प्रदान करने और समय व जटिलता में सतत प्रभाव की निगरानी करने की प्रणाली है।

अधिक जानकारी के लिए, विज़िट करें :  www.hclfoundation.org/hcl-grant

एचसीएल ग्रांट के बारे में

एचसीएल ग्रांट, एचसीएल फाउंडेशन का अभियान है, जो एचसीएल टेक्नॉलॉजीज़ का मानवसेवी अंग है। यह राष्ट्रनिर्माण में योगदान देने के लिए ‘द फिफ्थ ईस्टेट’ को सम्मानित करने की दिशा में एककदम है। सन, 2015 में प्रारंभ किया गया यह फाउंडेशन शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पर्यावरण के क्षेत्रों में परिवर्तन लाने के लिए एचसीएल की प्रतिबद्धता प्रदर्शित करता है। यह गरीब, उपेक्षित तथा अविकसितग्रामीण समुदायों तक पहुंचकर सतत सामाजिक-आर्थिक विकास हासिल करता है। एचसीएल ग्रांट की अनूठी बात यह है कि यह संस्थानों को न केवल उनके ‘‘विचार’’ के आधार पर बल्कि भारतीय गांवोंमें सतत परिवर्तन लाने के लिए उनके विचारों को व्यवहारिक प्रोजेक्ट में बदलने की उनकी सामर्थ्य के आधार पर भी सम्मानित करता है।

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