24 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

मिशन निदेशक एन.एच.एम. द्वारा दून मेडिकल कॉलेज के स्त्री/प्रसूती रोग विभाग का निरीक्षण किया

उत्तराखंड

देहरादून: अपर सचिव स्वास्थ्य श्री युगल किशोर पन्त ने बताया कि राजकीय मेडिकल कॉलेज देहरादून के स्त्री रोग विभाग में गत 19 सितम्बर, 2018 को गर्भवती महिला श्रीमती सुचिता(उम्र 27) पत्नी श्री रमेश निवासी मसूरी की मृत्यु तथा उससे संबंधित समाचार पत्रों में प्रकाशित खबर का संज्ञान लेते हुए मिशन निदेशक एन.एच.एम. द्वारा दून मेडिकल कॉलेज के स्त्री/प्रसूती रोग विभाग का निरीक्षण भ्रमण दिनांक 20 सितम्बर, 2018 को किया गया।

अपर सचिव स्वास्थ्य श्री पन्त ने बताया कि भ्रमण के क्रम में स्त्री रोग विभाग के चिकित्सकों, स्टॉफ नर्सों तथा प्रधानाचार्य मेडिकल कॉलेज से वार्ता के साथ-साथ लेबर रूम का भ्रमण, रक्त कोष की क्रिया विधि का अनुश्रवण तथा अभिलेखों का परिक्षण भी किया गया। निरिक्षण भ्रमण तथा अभिलेखों के निरिक्षण से निम्नवत बिन्दु ज्ञात हुए है।

  • श्रीमती सुचिता पत्नी श्री रमेश हाल निवासी मसूरी की यह दूसरी गर्भावस्था थी।
  • श्रीमती सुचिता दून अस्पताल में दिनांक 15 सितम्बर, 2018 को गर्भावस्था के सातवें माह में भर्ती हुई। भर्ती के समय श्रीमती सुचिता का हिमोग्लोबिन 7 ग्राम/डेसिलीटर ही था। रोगी का रक्त समूह बी-नेगेटिव था जोकि एक रेयर रक्त समूह है। तथापि दून चिकित्सालय से इस रक्त समूह की दो यूनिट उपलब्ध करायी गई। अभिलेखों में वर्णित है कि रक्त चढ़ाये जाने के कारण प्रतिक्रिया उत्पन्न हुई।
  • अभिलेखों मे कई स्थानों पर उल्लेख है कि श्रीमती सुचिता दिनांक 15 सितम्बर, 2018 को भर्ती के बाद से ही अपने चिकित्सालय प्रवास काल में कई बार अपनी शैयया पर उपलब्ध नही थी तथा आंतरिक परिक्षण करवाने तथा कैथेटर नली डलवाने की अनुमति नही दे रही थी, जिससे चिकित्सकों को इलाज करने में असुविधा हो रही थी।
  • दिनांक 18 सितम्बर, 2018 की सायं से रक्त चढ़वाने की प्रतिक्रिया स्वरूप बुखार होने तथा फेफड़ों में संक्रमण के लक्षण होने के उपरान्त भी श्रीमती सुचिता अपनी शैयया पर तथा लेबर रूम में आने को तैयार नही हो रही थी। दिनांक 19 सितम्बर, 2018 को श्रीमती सुचिता का दून मेडिकल कॉलेज में अल्ट्रासाउण्ड परिक्षण किया गया, जिसमें पाया गया कि गर्भस्थ शिशु का विकास गर्भकाल के सापेक्ष कम है(वजन 835 ग्राम)।
  • इसी क्रम में श्रीमती सुचिता को गर्भावस्था के सातवें महीने में ही दिनांक 19 सितम्बर, 2018 को प्रातः15 बजे मृत शिशु का प्रसव हुआ तथा इस अवस्था में श्रीमती सुचिता की पूर्व से ही खराब तबीयत और ज्यादा खराब होने पर सी.पी.आर. किये जाने के उपरान्त भी प्रसूता को बचाया नही जा सका। प्रातः 6.44 पर मृत घोषित किया गया।
  • इससे पूर्व श्रीमती सुचिता की अल्ट्रासाउण्ड जांच दिनांक 26 जून, 2018 को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मसूरी में की गयी थी। तथा गर्भस्थ शिशु के भार आंकलन हेतु संदर्भित किया गया था। जिसके क्रम में दिनांक 08 सितम्बर, 2018 को श्रीमती सुचिता का अल्ट्रासाउंड दून मेडिकल कॉलेज में किया गया। जिसमें पाया गया कि गर्भस्थ शिशु का विकास गर्भकाल के सापेक्ष कम है (वजन 715 ग्राम)। दिनांक 08 सितम्बर, 2018 को श्रीमती सुचिता दून मेडिकल कॉलेज में हिमोग्लोबिन मात्र 04 ग्राम/डेसिलीटर किया गया, जिस हेतु उन्हें 02 यूनिट रक्त चढ़ाया गया था।
  • निरिक्षण के क्रम में पाया गया कि लेबर रूम तथा प्रसूती ऑपरेशन कक्ष में सुधार अपेक्षित है तथा प्रसूती विभाग के निर्माणाधीन भवन का कार्य शीघ्र पूर्ण किये जाने की आवश्यकता है।

अपर सचिव स्वास्थ्य श्री युगल किशोर पन्त ने बताया कि त्वरित निरिक्षण के क्रम में ज्ञात उपरोक्त बिन्दुओं के अतिरिक्त प्रश्नगत प्रकरण की गहन समीक्षा, दायित्व निर्धारण तथा ऐसे सम्भावित प्रकरणों की पुनरावृत्ति रोकने के निहितार्थ सुझावों हेतु एक समीक्षा दल का गठन प्रस्तावित है। जिसके सदस्य मातृ स्वास्थ्य सलाहकार तथा विभागाध्यक्ष प्रसूती रोग विभाग एम्स ऋषिकेश होंगे।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More