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राज्‍य बिजली एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री सम्‍मेलन कोच्‍चि में शुरू

देश-विदेश

नई दिल्‍ली: बिजली, कोयला एवं नवीन नवीकरणीय ऊर्जा राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री पीयूष गोयल ने कहा है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा स्‍वीकृत उज्‍ज्वल डिसकॉम एश्‍योरेंस योजना (उदय) से 2019 तक डिसकॉम कंपनियों के घाटे को दूर करने में बहुत मदद मिलेगी। वे आज केरल के कोच्‍चि में राज्‍यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों के बिजली, नवीकरणीय ऊर्जा एवं खान मंत्रियों के सम्‍मेलन का उद्घाटन करते हुए बोल रहे थे। उन्‍होंने कहा कि डिसकॉम कंपनियों के मौजूदा संकट को हल करने के लिए एक स्‍पष्‍ट रोडमैप तैयार कर लिया गया है। उन्‍होंने आश्‍वस्‍त किया कि बिजली अधिनियम के प्रस्‍तावित संशोधनों के बारे में गलतफहमियों को दूर कर दिया जाएगा। श्री पीयूष गोयल ने कहा कि केंद्र और राज्‍य मिलकर काम कर रहे हैं और नवीकरणीय ऊर्जा उत्‍पादन का छह वर्षीय लक्ष्‍य साढ़े चार वर्ष में हासिल कर लिया जाएगा। मंत्री महोदय ने कहा, ‘मुझे भरोसा है कि जरूरी नहीं कि हम नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्‍य साढ़े छह वर्ष में पूरा करें, बल्‍कि यदि हम एक टीम की तरह काम करेंगे तो संभव है कि इस लक्ष्‍य को हम साढ़े चार साल में ही प्राप्‍त कर लें।’

उल्‍लेखनीय है कि भारत में नवीकरणीय ऊर्जा के तहत 2022 तक 100 गीगावाट सौर ऊर्जा क्षमता प्राप्‍त करने का लक्ष्‍य निर्धारित किया है। इसका उल्‍लेख करते हुए मंत्री महोदय ने इस लक्ष्‍य को 2020 तक प्राप्‍त करने के लिए राज्‍यों से समर्थन और सहयोग देने का आग्रह किया। उन्‍होंने कहा कि पर्यावरण के मद्देनजर इसे हासिल करना जरूरी है। उन्‍होंने आगे कहा, ‘यह आने वाली पीढ़ी के लिए बेहतर स्‍थिति बनाने से संबंधित है। यह अकेले प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी और अकेले केंद्र सरकार की बात नहीं है, बल्‍कि इस कक्ष में जितने लोग बैठे हैं उन सबका यह साझा दायित्‍व होना चाहिए।’ श्री गोयल ने निर्धारित समय-सीमा से पहले महत्‍वाकांक्षी नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्‍यों को हासिल करने पर जोर दिया।

पिछले महीने यूएनएफसीसीसी को सौंपी गई इंटेंडेड नेशनली डिटरमिंड कंट्रीब्‍यूशन्‍स (आईएनडीसी) के तहत भारत ने प्रतिबद्धता जाहिर की है कि वह 2030 तक अपने सकल घरेलू उत्‍पाद के मुकाबले उत्‍सर्जन को 30 से 35 प्रतिशत कम करेगा, जो 2005 के स्‍तर से कम है। श्री गोयल ने कहा, ‘जलवायु परिवर्तन के संबंध में आईएनडीसी को पूरे विश्‍व में बेहतरीन उपाय के रूप में विस्‍तृत रूप से स्‍वीकार किया जाता है। आईएनडीसी नवीकरणीय ऊर्जा का एक स्‍तंभ है और अगले 5 या 6 वर्षों के दौरान हमारा नवीकरणीय ऊर्जा कार्यक्रम विश्‍व में सबसे बड़ा होगा।’ मंत्री महोदय ने कहा कि भारत को ताकतवर अर्थव्‍यवस्‍था बनाने के लिए ‘टीम इंडिया’ को मिलकर काम करना होगा। इस अर्थव्‍यवस्‍था के तहत पर्यावरण की देखभाल करना शामिल है, जिसके जरिए पर्यावरण को कोई क्षति न पहुंचाते हुए तेज विकास किया जाएगा।

सम्‍मेलन को संबोधित करते हुए विद्युत सचिव श्री पी.के. पुजारी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने स्‍वतंत्रता दिवस के संबोधन में घोषणा कि थी कि देश के जिन 18500 गांवों में बिजली नहीं है, वहां अगले 1000 दिनों के दौरान बिजली पहुंचा दी जाएगी, इसके मद्देनजर राज्‍यों से संबंधित सभी मुद्दों पर बैठक में विचार हुआ। एमएनआरई के सचिव श्री उपेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा का अर्थ केवल बिजली नहीं है, बल्‍कि यह स्‍वास्‍थ्‍य और पर्यावरण का एक पैकेज है।

इस दो दिवसीय सम्‍मेलन में 15 राज्‍यों और दिल्‍ली के मंत्री हिस्‍सा ले रहे हैं। इनमें आंध्र प्रदेश के श्रम, रोजगार एवं खेल मंत्री श्री के. अचन नायडू, छत्‍तीसगढ़ के वन, कानून एवं विधायी मामलों के मंत्री श्री महेश गगडा, झारखंड के शहरी विकास, आवास एवं यातायात मंत्री श्री सी.पी. सिंह, कर्नाटक के ऊर्जा मंत्री श्री डी.के. शिवकुमार, केरल के बिजली मंत्री श्री आर्यादान मोहम्‍मद, मध्‍य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्री राजेंद्र शुक्‍ला, महाराष्‍ट्र के ऊर्जा, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री चंद्रशेखर बावनकुले, नगालैंड के बिजली मंत्री श्री सी. किपली संगतम, राजस्‍थान के ऊर्जा राज्‍य मंत्री, सिक्‍किम के बिजली एवं ऊर्जा मंत्री श्री डी.डी. भूटिया, तमिलनाडु के बिजली मंत्री श्री नाथम आर. विश्‍वनाथन, तेलंगाना के ऊर्जा मंत्री श्री जी. जगदीश रेड्डी, त्रिपुरा के बिजली, शहरी विकास, ग्रामीण विकास एवं यातायात मंत्री श्री माणिक डे, उत्‍तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्री यासिर शाह, पश्‍चिम बंगाल के बिजली मंत्री श्री मनीष गुप्‍ता और राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्‍ली के बिजली मंत्री उपस्‍थित थे।

दो दिवसीय चर्चा के एजेंडा में 24 घंटे बिजली संबंधी राज्‍यवार दस्‍तावेजों का क्रियान्‍वयन, अभियान प्रणाली के तहत शेष बिजली विहीन गांवों का विद्युतीकरण, दीनदयाल उपाध्‍याय ग्रामीण ज्‍योति योजना का शीघ्र कार्यान्‍वयन, आईपीडीएस का कार्यान्‍वयन, एटी एंड सी नुकसान के लिए रणनीतियां, स्‍मार्ट ग्रिड, डिसकॉम कंपनियों की वित्‍तीय स्‍थिति, अग्रिम पारेषण आयोजना, पारेषण परियोजनाओं के मुद्दे, हरित ऊर्जा कॉरिडोर एक एवं दो शामिल हैं। ताप बिजली क्षेत्र के संबंध में राज्‍य सरकारों के साथ सहयोग के लिए ताप बिजली परियोजनाओं पर चर्चा की जाएगी, जिनमें भू- अधिग्रहण, कानून व्‍यवस्‍था सुनिश्‍चित करना, कोयला रहित प्रणाली और उसके लाभ, कोयला संबंधी नीति तथा कोयले के नमूने वाले थर्ड पार्टी संबंधी मुद्दे शामिल हैं। छत्‍तीस पन-बिजली परियोजनाओं को जल्‍द पूरा करने और पन-बिजली नीति, पुनर्वास नीति को पारदर्शी और कारगर बनाने संबंधी मुद्दों पर रुकी हुई 11 परियोजनाओं के विषयों को हल करने की चर्चा भी की जाएगी।

ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में घरेलू कारगर प्रकाश कार्यक्रम (डीईएलपी) और राष्‍ट्रीय मार्ग प्रकाश कार्यक्रम (एसएलएनपी) के क्रियान्‍वयन की प्रगति की समीक्षा भी की जाएगी। चर्चा के अन्‍य विषयों में बिजली बचाने वाले खेती के पम्‍प तथा औद्योगिक इकाईयों में बिजली बचाने वाले उपकरणों को प्रोत्‍साहन देना शामिल है। नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में पारेषण संबंधी संरचनाओं की राज्‍यवार समीक्षा की जाएगी ताकि 2022 तक एक लाख 75 हजार मैगावाट बिजली उत्‍पादन का लक्ष्‍य पूरा किया जा सके। इसके अलावा सौर पार्कों की प्रगति, नहरों के मुहाने पर सौर पम्‍प परियोजनाओं, राज्‍यों में 25 अन्‍य सौर पार्कों को मंजूरी, सरकारी इमारतों, शैक्षिक एवं स्‍वास्‍थ्‍य संस्‍थानों के लिए एसपीवी परियोजनाओं तथा पवन ऊर्जा परियोजनाओं पर भी चर्चा की जाएगी।

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