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मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेशवासियों को नव वर्ष 2016 के लिए शुभकामनाएं दी

उत्तराखंड
देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेशवासियों को नव वर्ष 2016 के लिए शुभकामनाएं दी हैं। नव वर्ष की पूर्व संध्या पर जनता के नाम जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा है कि वर्ष-2015 सभी के उत्साह व

सक्रिय भागीदारी के फलस्वरूप हमारे लिए कई क्षेत्रोें में उत्साहपूर्ण रहा। इस वर्ष चारधाम यात्रा को नया उत्साह मिला। कड़ाके की ठण्ड में भी इस समय पर्यटकों के आगमन से राज्य गुलजार है। वर्ष-2013 की भंयकर त्रासदी के बावजूद, उत्तराखण्ड देश में सर्वाधिक तेजी से विकसित हो रहे राज्यों में से एक है। हमारे नागरिकों की प्रतिवर्ष आय भी तेजी से बढ़ रही है। इस वर्ष कृषि विकास दर 4.76 प्रतिशत है। रोजगार सृजन में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। विकास योजनाओं पर इस वर्ष अभी तक हम 5445 करोड़ रूपये खर्च कर पाये हैं। यह पिछले वर्ष की तुलना में 1000 करोड़ रूपये अधिक है। इस वर्ष अभी तक हम राज्य के राजस्व के लिए 7125 करोड़ रूपये की प्राप्ति कर पायें हैं, जो उत्साह जनक हैं।
मुख्यमंत्री की घोषणाओं के अनुपालन की स्थिति भी बहुत अच्छी है। इसमें और सुधार लाया जा रहा है। वर्ष-2016 और उससे आगे के लिए हमंे विकास के लक्ष्य को और ऊॅचा उठाना है, तो घोषणायें करनी होंगी। विकास में तेजी लाने के लिए आवश्यक है, कि हम लक्ष्य ऊॅंचा रखें। इसलिए मैंने प्रयास किया है कि विकास का लक्ष्य ऊॅचा रखा जाय। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा है कि ‘‘असफलता के डर से प्रयास न करना, विकास के कार्यकर्ता को शोभा नही देता है। इसलिए मैं निरन्तर, राज्य के जन-जीवन से जुडे़ हुये प्रत्येक क्षेत्र में, कुछ न कुछ नया प्रयास कर रहा हॅू। मैं निरन्तर इन प्रयासों को आगे बढ़ाता रहूॅगा।’’
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा है कि देश के बदले हुये राजनैतिक परिवेश में, छोटे राज्यों विशेषतः हिमालयी राज्यों के लिये आर्थिक संसाधनों की चुनौती पैदा हुयी है। उत्तराखण्ड के लिए और अधिक आर्थिक संसाधन जुटाना, वर्ष-2016 में सबसे बड़ी चुनौती है। मैदानी व पर्वतीय खेती, बागवानी और पशुधन विकास के क्षेत्र, जिसे कृषि क्षेत्र कहा जाता है, की विकास दर में 7 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि प्राप्त करनी है। यह दूसरी बड़ी चुनौती है।
शिक्षा उन्नयन, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, शिल्प, हस्त-शिल्प व सांस्कृतिक उन्नयन वर्ष-2016 के लिए घोषित बड़े चुनौतीपूर्ण लक्ष्य हैं। ‘‘वर्ष-2016 तक हर हालत में 75 हजार लड़के व लडकियों के लिए लाभ पूर्ण रोजगार सृजित करने हैं। इसीलिये अधिकांश नीतिगत निर्णय रोजगार सृजन से जोड़कर लिये गये हैं। वर्ष-2017 तक हम पर्यटकों के लिए सर्वाधिक चहेते राज्य बनंे, इस हेतु कई नई शुरूआत की गयी हैं। इतना ही काफी नहीं है। इस दिशा में एक बड़ी छलांग हेतु जनोन्मुखी पर्यटन रोडमैप पर मैंने कार्य प्रारम्भ कर दिया है।’’ संस्कृति व शिल्प को इस अभियान से जोड़ा जा रहा है। सड़कों में निरन्तर सुधार दिख रहा है। वर्ष-2016 से हम सड़क क्षेत्र में टनल (सुरंग) प्रणाली का भी प्रयोग करेंगे। कुछ नये रोपवे (रज्जू मार्ग) पर भी काम प्रारम्भ कर रहे हैं। फलदार व रेशेदार वृक्षों व वनस्पतियों का सघन रोपण, दो हजार से अधिक लघु जलाशयों का निर्माण वर्ष 2016-17 के हमारे लक्ष्य हैं। ‘‘पेयजल उपलब्धता बढ़ाना वर्ष 2016 की एक और बड़ी चुनौती है। उद्योगों को 24 घण्टे और सामान्य उपभोक्ताओं को 22 घण्टा बिजली हर हालात में दी जायेगी, इस हेतु हमारी तैयारियां पूर्ण हैं। मैं चाहता हॅू कि कुछ स्मार्ट टाउन और गाॅवों पर भी वर्ष 2016 में कार्य प्रारम्भ करें। यूॅ तो और भी बहुत सारे क्षेत्र हैं, जिन पर आप 2016 में सरकार को काम करते देखना चाहेंगे। मैं समय-समय पर उनके सम्बन्ध में आप से बात करता रहूॅगा।’’
अपने संदेश में मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि यह खुशी की बात है कि बहुत सारे संगठन व व्यक्ति अब जोर-शोर से गाॅवों के जीवन में बदलाव के लिए काम करने की बात कर रहे हैं। हम भी कुछ ऐसे सफल हो रहे माॅडल गाॅवों पर काम कर रहे हंै। हमारा लक्ष्य 4 वर्षो में गाॅवों से हो रहे पलायन को रोकना है, तथा 7 वर्ष के अन्दर पलायनित क्षेत्र में लोग रोजगार के लिये जायें, ऐसी स्थिति पैदा करनी है। इस बडे़ लक्ष्य के लिए सभी के सहयोग की अपेक्षा करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने प्रदेश के सभी लोगों को नव वर्ष की ढे़र सारी शुभकामनायें दी हैं।

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