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इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स एवं मैकेनिकल इंजीनियरिंग सैन्‍य महाविद्यालय के दीक्षांत समारोह में राष्‍ट्रपति का संबोधन

देश-विदेश

नई दिल्ली: 1. मैं 96वें डिग्री इंजीनियरिंग एवं 24वें टेक्निकल एंट्री स्‍कीम पाठ्यक्रम के दीक्षांत समारोह में आप के बीच उपस्थित होने का यह अवसर

प्राप्‍त करके वास्‍तव में बहुत प्रसन्‍न हूं। सबसे पहले मैं पाठ्यक्रम के सफल समापन के लिए स्‍नातक होने वाले सभी अधिकारियों को बधाई देना चाहूंगा।

2. यह दीक्षांत समारोह आपके शैक्षणिक विकास में एक उल्‍लेखनीय मील का पत्‍थर है। आपके द्वारा प्राप्‍त की गई डिग्रियां एवं पुरस्‍कार आपकी कड़ी मेहनत और समर्पण का परिणाम है यह आप सभी के लिए तथा आपके शिक्षकों, सलाहकारों, संकाय सदस्‍यों एवं माता-पिताओं के लिए गर्व का क्षण है, उच्‍चतर शिक्षा की आपकी तलाश, जो एमसीईएमई के पोर्टल के साथ शुरू हुई, भारतीय सेना में हमेशा आपके पेशेवर जीवन में बनी रहेगी। अध्‍ययन एक अंतहीन प्रक्रिया है और आपकी मातृ संस्‍था द्वारा प्रदान की गई ठोस बुनियाद आपको विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नए क्षितिजों की तलाश करने की शक्ति देगी।

3. सज्‍जनों, आपका स्‍नातक एक बहुत चुनौतीपूर्ण यात्रा की शुरूआत है। आप ऐसे युग में रहते हैं। जहां प्रौद्योगिकी के परिवर्तन काल की गति इतनी तेज है कि जिस वक्‍त्‍मैं बोल रहा हूं उस वक्‍त भी नई अवधारणाएं बनाई जा रही होंगी, स्‍थापित प्रतिमानों की पुनर्व्‍याख्‍या की जा रही होगी और अनुसंधान नई संभावनाओं की तलाश कर रहे होंगे। पथ प्रदर्शक अनुसंधान द्वारा लाया जा रहा बदलाव प्राणपोषक और विस्‍मयकारक है। आप की चुनौतियां नवीनतम रक्षा प्रौद्योगिकियों को उपयोग में लाने तथा यह सुनिश्चित करने की होगी कि भारतीय सेना इनसे लाभ प्राप्‍त करे।

4. युद्धों का इतिहास सैन्‍य संघर्षों के परिणाम पर प्रौद्योगिकी की निर्णायक भूमिका का स्‍पष्‍ट उदाहरण है। संभावित विरोधियों के ऊपर सैन्‍य क्षमता का दबदबा बनाए रखने के लिए प्रौद्योगिकी को उन्‍नत बनाते रहने के लिए सतत प्रयासों की जरूरत है। उन्‍होंने कहा कि सशस्‍त्र बल और प्रौद्योगिकी राष्‍ट्र की प्रतिरक्षा क्षमता के विकास और संवर्धन में रणनीतिक साझीदार रहे हैं।

5. युवा टेक्‍नोक्रैट के रूप में प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवीनतम विकासों को लागू करने की जिम्‍मेदारी आपकी है जिसे रक्षा बलों द्वारा सैन्‍य अन्‍वेषण की गति में तेजी लाने के माध्‍यम से उन्‍हें उपयोग में लाया जा सके। अपने विरोधियों के ऊपर तुलनात्‍मक वर्चस्‍व हासिल करने के लिए प्रौद्योगिकी उन्‍नतियों को उपयोग में लाने के द्वारा रक्षा बल के संचालन के तरीकों में संशोधन करने और उन्‍हें स्‍पष्‍ट बनाने की राष्‍ट्र आपसे उम्‍मीद करेगा।

6. एमसीईएमई वास्‍तव में एक अनूठा संस्‍थान है जो प्रौद्योगिकी प्रबंधन में सर्वोच्‍च स्‍तर के कौशलों के साथ ईएमईके के सैन्‍य दलों के मानव संसाधन को शक्ति संपन्‍न बनाता है, वर्तमान इंजीनियरिंग के श्रेष्‍ठ प्रचलनों को आत्‍मसात करता है तथा सैन्‍य प्रणालियों के विकास के लिए प्रायोगिक अनुसंधान भी शुरू करता है। एमसीईएमई में प्रशिक्षण का फलक व्‍यापक एवं विविध दोनों ही है जिसमें जवानों के लिए मूलभूत प्रशिक्षण से लेकर अधिकारियों के लिए बैचलर्स ऑफ टैक्‍नोलॉजी एवं मास्‍टर्स ऑफ टैक्‍नोलॉजी दोनों ही शामिल हैं।

7. मुझे यह जानकर बड़ी प्रसन्‍नता हुई कि इस महाविद्यालय के प्रशिक्षण का खाका सुरक्षा वातावरण एवं प्रौद्योगिकी उन्‍नतियों दोनों के साथ कदम मिलाकर चल रहा है। गाइडेड वीपन सिस्‍टम्‍स एंड एसोसिएयटेड टेकनोलोजी संकाय राष्‍ट्र की रक्षा के उनके संकल्पित लक्ष्‍य के साथ प्रौद्योगिकी को जोड़ने की रक्षा बलों की दूरदर्शिता का एक उदाहरण है।

8. सज्‍ज्‍नों, ज्ञान जो कि परम शक्ति है, वर्तमान सदी में विश्‍व में मुद्रा की तरह उभर रही है। आपका ज्ञान और आपका उत्‍साह आपको रचनात्‍मक विचारों एवं अन्‍वेषणों की तरफ प्रेरित करता है जो मौजूदा पद्धतियों एवं प्रणालियों को प्रभावित करेगा एवं उन्‍हें बेहतर बनाएगा। चुनौतियों को स्‍वीकार करने और उन पर विजय पाने की आपकी लालसा आपको राष्‍ट्रीय एवं अंतर्राष्‍ट्रीय दोनों की लक्ष्यों को अर्जित करने की शक्ति देगी।

9. युवा टेक्‍नोक्रैट के रूप में आपको यह अवश्‍य याद रखना चाहिए कि भारतीय सेना कई गैर-सैन्‍य अन्‍वेषणों का पथ प्रदर्शक रही है। मुझे यह जानकर बहुत प्रसन्‍नता हुई कि स्‍नातक के दोनों ही पाठ्यक्रमों में अत्‍याधुनिक प्रौद्योगिकियों को शामिल किया गया है जिनमें बायोमेट्रिक्‍स से लेकर सौर्य बिजली तक शामिल है। परियोजनाओं की व्‍यापक किस्‍मों का उपयोग सिविल सोसाएटी तथा सैन्‍य क्षेत्रों दोनों में ही किया जाएगा। सैन्‍य प्रौद्योगिकी ने सिविल सोसाएटी को बेशुमार लाभ पहुंचाया है और इससे हुए अनपेक्षित लाभों ने राष्‍ट्रनिर्माण में उल्‍लेखनीय योगदान दिया है। मुझे यह जानकर बहुत खुशी हुई थी कि इस वर्ष सेना दिवस पर प्रधानमंत्री ने भारतीय सेना की आठ परियोजनाओं को उत्‍कृष्‍टता के लिए पुरस्‍कार दिया था जिनमें से 4 एमसीईएमई के थे। मुझे पूरा भरोसा है कि आप इस धरोहर को बरकरार रखेंगे और प्रौद्योगिकी के साथ आपका संबंध लगातार बना रहेगा।

10. आज, जब आप स्‍नातक हो गए हैं मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप अपने लिए एक उपयुक्‍त लक्ष्‍य निर्धारित करें और ऐसा करने के बाद अपनी तकनीकी क्षमता, कौशल एवं कड़ी मेहनत का उपयोग इस अर्जित करने के लिए करें। मैं आप सब को विशेष रूप से पुरस्‍कार विजेताओं को इस व्‍यक्तिगत मील के पत्‍थर को हासिल करने के लिए बधाई देता हूं जिसके बारे में मुझे पूरा भरोसा है कि यह आगे आने वाले कई पुरस्‍कारों का पुरोगामी होगा।

11. आखिर में मैं आप सब को एक लाभप्रद और पेशे के लिहाज से संतोषजनक कैरियर, अच्‍छे स्‍वास्‍थ्‍य एवं आपके सभी प्रयासों में सफलता की कामना करता हूं। भगवान हमेशा आप पर प्रसन्‍न रहें।

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