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देश में निर्मित दृश्‍यता मापन पद्धति- दृष्टि को नई दिल्‍ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्‍ट्रीय हवाई अड्डे पर लगाया गया।

देश-विदेश

नई दिल्ली: सीएसआईआर- नेशनल एयरोस्पेस लेबोरेटरीज (सीएसआईआर-एनएएल), बंगलुरू द्वारा देश में ही डिजाइन और विकसित अत्याधुनिक उपकरण  दृष्टि, नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय (आईजीआई) हवाई अड्डे पर पूरी तरह से कार्य करने लगा है।

इनका उपयोग रन-वे पर दृश्यता की स्थिति की जानकारी लेने के लिये किया जाता है, जो खराब दृश्यता की स्थिति (25 से 2000 मीटर) में विमान के सुरक्षित उतरने और उडान भरने के लिए एक महत्वपूर्ण मानदण्‍ड है। देश भर के 10 हवाई अड्डों पर 20 ऐसी प्रणालियां लगाने के पहले चरण में इस हवाई अड्डे पर हाल ही में दृष्टि ट्रांस्‍मीसोमीटर लगाया गया है।

    नई दिल्‍ली का कैट III बी आईजीआई हवाई अड्डा अब देश का पहला ऐसा हवाई अड्डा है जहां उसके तीनों रन-वे पर 10 स्‍वदेशी प्रणालियां पर कार्य किया जा रहा है।

  इससे पहले देश के विभिन्‍न हवाई अड्डों पर करीब 70 दृष्टि प्रणाली लगाने के लिये महा परियोजना के संयुक्‍त परिचालन के लिये सीएसआईआर-एनएएल और भारतीय मौसम विभाग(आइएमडी) के बीच साझेदारी समझौता उड्डयन सुरक्षा के क्षेत्र में एक मील का पत्‍थर था।

    दृष्टि प्रणाली पूरी तौर पर सीएसआईआर-एनएएल में डिजाइन और तैयार की गई है। आईएमडी ने एयर ट्रेफिक नियंत्रण कक्ष और अप्रोच राडार कक्ष्‍ा मल्‍टीपल डिस्‍पले के साथ्‍ ‘लैंड लाइन’ और ‘वाई-फाई’ दो प्रकार के कम्‍युनिकेशन स्‍थापित किये है।

  सीएसआईआर-एनएएल द्वारा विकसित ‘दृष्टि इंटिग्रेटेड विजिबिलिटी सॉफ्टवेयर’  में आईजीआई हवाई अड्डे के सभी रन-वे के सभी दृष्टि प्रणालियों के आंकडें एटीसी की सिंगल स्‍क्रीन पर देखे जा सकते है, जिससे एटीसी पर कंप्‍यूटर और उपकरणों की भीड कम होगी और पायलट को आसानी से दृश्‍यता की जानकारी देने में मौसम अधिकारी को मदद मिलेगी।

   इस प्रणाली का दूसरा लाभ यह है कि सीएसआईआर-एनएएल बंगलूरू से ही वेब के जरिये प्रणाली की निगरानी की जा सकती है। इससे रख-रखाव के खर्च में भारी कमी आयेगी, जो आयातित प्रणाली में बहुत अधिक होती है।

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