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नीति आयोग ने भारत ऊर्जा डैशबोर्ड के 2.0 संस्करण का शुभारंभ किया

देश-विदेश

भारत ऊर्जा डैशबोर्ड के 2.0 संस्करण का डॉ. राजीव कुमार (उपाध्यक्ष, नीति आयोग), डॉ. वी के सारस्वत (सदस्य, नीति आयोग), अमिताभ कान्त (सीईओ, नीति आयोग) और डॉ. राकेश सरवाल (अपर सचिव, नीति आयोग) ने शुभारंभ किया। इस शुभारंभ कार्यकम में कोयला मंत्रालय, ऊर्जा मंत्रालय,पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय तथा नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के सचिवों ने भी हिस्सा लिया।

भारत ऊर्जा डैशबोर्ड (आईईडी) देश के ऊर्जा से जुड़े आंकड़ों के लिए एकल खिड़की का उद्यम है। केंद्रीय ऊर्जा प्राधिकरण, कोयला नियंत्रक संगठन और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा प्रकाशित/उपलब्ध कराये गए ऊर्जा से जुड़े आंकड़ों को उक्त डैशबोर्ड में संकलित किया जाता है। नीति आयोग ने इसके पहले संस्करण की शुरुआत मई, 2017 में की थी।

भारत ऊर्जा डैशबोर्ड-2.0 के इस उन्नत संस्करण की मुख्य विशेषताएँ:

  • आईईडी, वित्त वर्ष 2005-06 से वित्त वर्ष 2019-20 के आंकड़े उपलब्ध कराता है;
  • एन्हैन्स्ड डाटा डाउनलोड – इसमें उपयोगकर्ता द्वारा डाउनलोड किए जाने वाले डाटाशीट को और सुव्यवस्थित तथा सुलभ बनाया गया है;
  • आईईडी अर्ध वार्षिक अनुक्रम में भी डाटा उपलब्ध कराता है। इसमें मासिक आधार पर अपलोड किए जाने वाले डाटा के अलावा एपीआई लिंक डाटा भी शामिल है जिसका प्रबंधन अन्य सरकारी एजेंसियों द्वारा किया जाता है। मासिक आंकड़ों का श्रोत विद्युत,पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस क्षेत्र की मासिक आधार पर प्रकाशित होने वाली रिपोर्ट है। एपीआई लिंक सौभाग्य, उजाला, प्राप्ति और विद्युत प्रवाह पोर्टल से जुड़ा है;
  • ऊर्जा से जुड़े आंकड़ों का उपयोग करने वालों के लिए ‘प्रतिक्रिया’ और ‘सुझाव’ मंच भी इस डैशबोर्ड पर उपलब्ध कराया गया है;
  • आईईडी को निर्धारित समयावधियों में अपडेट करने के लिए एक सेमी-ऑटोमेटेड वर्कफ़्लो/समस्या निवारण की व्यवस्था की गई है। इस वर्कफ़्लो सिस्टम में बुनियादी जांच और डाटा प्रमाणन का कार्य किया जाता है ताकि प्रविष्ट आंकड़ों में त्रुटियों से बचा जा सके।
  • डैशबोर्ड में महाराष्ट्र के नियामक दस्तावेज़ के विद्युत उपयोग से जुड़े तकनीकि और वित्तीय आंकड़े भी उपलब्ध हैं। नियामक डाटा केवल उन क्षेत्रों के लिए उपलब्ध है जहां राज्य की सरकारी वितरण कंपनी एमएसईडीसीएल अपनी सेवाएँ उपलब्ध करा रही है। डैशबोर्ड में निकट भविष्य में अन्य राज्यों से जुड़े आंकड़ों को भी सम्मिलित किया जाएगा।

इस शुभारंभ कार्यक्रम में अपने सम्बोधन में नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने कहा कि “आईईडी को शुरू किए जाने का उद्देश्य देश के ऊर्जा से जुड़े आंकड़ों का एक केंद्रीय डाटाबेस तैयार करना है। नवीकरणीय ऊर्जा के बढ़ते उत्पादन और अन्य नई ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के विकास के चलते ऊर्जा की मांग और आपूर्ति की परस्परिक निर्भरता अब बढ़ रही है। हमें आज के अवसरों को हाथ से जाने नहीं देना चाहिए ताकि हम टिकाऊ कल का निर्माण कर सकें”।

नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी.के सारस्वत ने कहा कि ऊर्जा से जुड़े भरोसेमंद आंकड़े ठोस नीतियों के निर्माण और निवेश से जुड़े निर्णयों में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि योजनाओं और नीतियों के क्रियान्वयन में ऊर्जा से जुड़े सभी मंत्रालयों के बीच मजबूत अंतर मंत्रालयी समनव्य की आवश्यकता है। आईईडी, भारत की ऊर्जा खपत और उत्पादन से जुड़े समग्र आंकड़ों एक मंच है जो सभी के लिए खुला है और निःशुल्क उपलब्ध है।

नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कान्त ने देश के ऊर्जा आंकड़ों के लिए वन स्टॉप डेस्टिनेशन की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य आंकड़ों को सूचनाओं में और उन सूचनाओं को ऐसे लोगों को प्रेरित करने के लिए ज्ञान के रूप में परिवर्तित करना है जो कुछ बदलाव कर सकने की स्थिति में हैं। हम ऐसे समय की तरफ बढ़ रहे हैं जहां बड़े डाटा आरंभिक बिन्दु होंगे न कि आखिरी बिन्दु। अतः आईईडी लगातार विकसित होता रहेगा और आने वाले समय में यह एक ऐसा मजबूत स्तम्भ बनेगा जिसके इर्द-गिर्द ही भारत में ऊर्जा से जुड़े निर्णय लिए जाएंगे।

भारत ऊर्जा डैशबोर्ड को देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें: www.niti.gov.in/edm

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