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JNU violence: कांग्रेस ने की न्यायिक जांच की मांग

देश-विदेश

कांग्रेस ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्रों के साथ हुई बेरहम हिंसा को लेकर केंद्र सरकार पर सीधा हमला करते हुए दिल्ली पुलिस की नाकामी पर सवाल उठाए हैं। पार्टी ने घटना की न्यायिक जांच की मांग करते हुए दिल्ली के पुलिस कमिश्नर के खिलाफ कार्रवाई की बात उठाई है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि छात्रों को निशाना बनाने वाले उपद्रवी तत्वों को सरकारी पक्ष का प्रोत्साहन मिल रहा है। साथ ही देश भर में छात्रों की आवाज को दबाने के लिए हर तरीके के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं।

सोनिया गांधी के तेवर हुए तल्ख

जेएनयू हिंसा पर सरकार के खिलाफ कांग्रेस के हमले में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से लेकर प्रमुख नेताओं ने काफी मुखरता दिखाई। सोनिया गांधी की ओर से तल्ख बयान जारी हुआ। फिर वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम और सुरजेवाला ने संयुक्त प्रेस की। इस दौरान सभी ने जेएनयू हिंसा की सुप्रीम कोर्ट या हाइकोर्ट के सीटिंग जज की अध्यक्षता में स्वतंत्र न्यायिक जांच की मांग उठाई।

कांग्रेस युवाओं के समर्थन में खड़ी

सोनिया गांधी ने अपने बयान में कहा कि कांग्रेस छात्रों और देश के युवाओं के समर्थन में मजबूती से खड़ी है। हम जेएनयू में जानबूझकर कराई गई हिंसा की स्वतंत्र जांच की मांग करते हैं।

छात्रों की आवाज को दबाया जा रहा

सोनिया गांधी ने कहा कि रोजाना देश के युवाओं और छात्रों की आवाज को दबाया जा रहा है। देश भर में शैक्षणिक परिसरों और कॉलेजों पर भाजपा सरकार से सहयोग पाने वाले तत्व ही नहीं बल्कि पुलिस भी रोजाना हमले कर रही है। जेएनयू में छात्रों एवं शिक्षकों पर हमले इस बात का प्रमाण हैं कि यह सरकार विरोध के हर स्वर को दबाने के लिए किसी भी हद तक जाएगी। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि छात्रों को रियायती शिक्षा, वाजिब नौकरी, एक सुनहरा भविष्य और हमारे लोकतंत्र में भागीदारी का हक चाहिए। मगर दुखद बात यह है कि मोदी सरकार युवाओं की इन सभी आकांक्षाओं को दबा रही है।

सुरजेवाला ने कहा नाजी की याद आई

रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि जेएनयू में छात्रों के साथ हिंसा हिटलर के नाजी जर्मनी की याद दिला रही है। चाहे फीस वृद्धि के खिलाफ हो या फिर संविधान बचाने का छात्रों का मार्च हो उनके खिलाफ लाठियां बरसाई जाती हैं और उन्हें देशद्रोही तक कहा जाता है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह देश के युवाओं-छात्राओं से दुश्मनी निकाल रहे हैं। मगर इसके बावजूद युवाओं की आवाज को दबाया नहीं जा सकता। सुरजेवाला ने सरकार को चेताया कि छात्रों के सब्र की परीक्षा न ले वरना वे खड़े हो गए तो फिर अत्याचार और अहंकार की सत्ता नहीं रह पाएगी।

पुलिस पर लगे आरोप

वहीं पी चिदंबरम ने कहा कि जेएनयू छात्रों के साथ हिंसा देश के फासीवाद की ओर जाने का यह नमूना है और दिल्ली पुलिस कमिश्नर के खिलाफ सबसे पहले कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस घंटों देखती रही और नकाबपोश गुंडा तत्वों को हिंसा अंजाम देने तक कोई एक्शन नहीं लिया। हिंसा को चिदंबरम ने पुलिस और एजेंसियों की विफलता करार देते हुए कहा कि 50 के करीब लोग इतने बड़े पैमाने पर हमले की योजना बनाते हैं और पुलिस को भनक नहीं लगती। Source जागरण ब्यूरो

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