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इसमें प्रति वर्ष 28 प्रतिशत की दर से बढ़ते हुए 2030 तक 50 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की क्षमता है: डॉ. मनसुख मांडविया

देश-विदेश

केंद्रीय रसायन और उर्वरक तथा स्वास्थ्य एंव परिवार कल्याण मंत्री, डॉ. मनसुख मांडविया ने आज इंडिया मेडटेक एक्सपो 2022 (आईएमटीई-22) की वेबसाइट और विज्ञापन पुस्तिका का विमोचन किया। इस अवसर पर श्री मांडविया ने कहा कि भारतीय चिकित्सा उपकरण उद्योग में अगले 25 वर्षों में विनिर्माण और नवाचार में वैश्विक नेता बनने की क्षमता है। इसमें प्रति वर्ष 28 प्रतिशत की दर से बढ़ते हुए 2030 तक 50 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की क्षमता है। भारतीय चिकित्सा उपकरण उद्योग की सहायता से केंद्र सरकार पहली बार एक्सपो का आयोजन कर रही है, तीन दिवसीय आईएमटीई-22 का आयोजन 09-11 दिसंबर, 2022 को प्रगति मैदान, नई दिल्ली में किया जाएगा।

डॉ. मांडविया ने कहा कि “जैसा कि भारत अपने अमृत काल की तैयारी कर रहा है, यह दवाओं और चिकित्सा उपकरणों के क्षेत्र में हमारी आकांक्षा को नया स्वरूप देने और इन क्षेत्रों में नवाचार के लिए एक इकोसिस्‍टम का निर्माण करने का समय है, जिसके माध्यम से उद्योग-अकादमिक संबंधों को नई ऊंचाई तक पहुंचाया जा सके।”

उन्होंने कहा कि “यह आयोजन वैश्विक रूप से चिकित्सा उपकरण इकोसिस्‍टम के लिए एक दृष्टिकोण प्रदान करेगा और भारतीय मेडटेक क्षेत्र के लिए एक ब्रांड के रूप में काम करेगा।” उन्होंने आगे कहा कि “भारतीय चिकित्सा उपकरण क्षेत्र का योगदान कोविड-19 महामारी के दौरान और भी ज्यादा प्रमुख बन गया है जब भारत ने चिकित्सा उपकरणों और नैदानिक किटों, जैसे वेंटिलेटर, रैपिड एंटीजन टेस्ट किट, आरटी-पीसीआर किट, आईआर थर्मामीटर, पीपीई किट और एन-95 मास्क का उत्पादन करते हुए कोविड-19 महामारी के खिलाफ देश में और वैश्विक रूप से लड़ाई में पूरा सहयोग दिया है।”

मंत्री ने कहा कि भारत को ‘फार्मेसी ऑफ द वर्ल्ड’ के रूप में मान्यता दी जा रही है। यह समय हमारे लिए चिकित्सा उपकरण क्षेत्र में नेतृत्व प्रदान करने का है। भारत में अपने उद्योगों के अनुकूल नियम हैं, यहां कुशल जनशक्ति, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की अपनी क्षमता है, साथ ही साथ इसके पास एक विशाल बाजार भी है। उन्होंने कहा कि यह एक्सपो इस क्षेत्र के विभिन्न वैश्विक दिग्गजों को एक मंच प्रदान करेगा, जिसके माध्यम से वे एक विनिर्माण केंद्र के रूप में और एक उभरते वैश्विक बाजार के रूप में भारत की क्षमता का पता लगा सकेंगे।

केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर बल दिया कि भारत के पास बहुत ही कम समय में शीर्ष 20 वैश्विक चिकित्सा उपकरण बाजारों में से एक बनने की क्षमता है। उन्होंने भारतीय चिकित्सा उपकरण उद्योग से चिकित्सा उपकरणों का विनिर्माण और नवाचार में वैश्विक नेता बनने के उद्देश्य से काम करने का आग्रह किया। मंत्री ने भारतीय चिकित्सा उपकरण उद्योग की क्षमता पर विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि हम अगले 25 वर्षों में वैश्विक बाजार में 10-12 प्रतिशत हिस्सेदारी प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि चिकित्सा उपकरण क्षेत्र के विश्वव्यापी महत्व के कारण, “आईएमटीई-22 एक सामयिक प्रयास है जो हमें इन क्षेत्रों में अवसरों और प्रमुख चुनौतियों पर विचार-विमर्श करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा।”

इंडिया मेडटेक एक्सपो का उद्देश्य भारतीय मेडटेक उद्योग की शक्ति और क्षमता, देश में नवाचार इकोसिस्‍टम और एक मजबूत अकादमिक का प्रदर्शन करना है जो उद्यमिता को लगातार पोषित कर रहा है। आईएमटीई-22 में बड़ी कंपनियों, एमएसएमई और स्टार्टअप सहित 450 से ज्यादा भारतीय मेडटेक कंपनियों के शामिल होने का अनुमान है।

चिकित्सा उपकरण व्यापक वर्गीकरण के साथ एक बहु-विषयक क्षेत्र का गठन करते हैं, जो निम्नलिखित हैं: (क) इलेक्ट्रॉनिक उपकरण (ख) प्रत्यारोपण (ग) कंज्यूमेबल और डिस्पोजेबल (घ) शल्य चिकित्सा उपकरण और (ङ) इन-विट्रो नैदानिक अभिकर्मक। चिकित्सा उपकरण उद्योग के कई हिस्सों में दीर्घकालिक समय और अत्यधिक पूंजी की आवश्यकता होती है, नई प्रौद्योगिकियों को निरंतर शामिल करने, नई प्रौद्योगिकियों के अनुकूल बनने और तेजी से नवाचार करने के लिए स्वास्थ्य पेशेवरों को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता होती है। चिकित्सा उपकरणों की बिक्री करने से पहले उसे नियामक द्वारा तय की गई प्रक्रियाओं के माध्यम से सुरक्षा, गुणवत्ता और प्रभावकारिता परीक्षणों से गुजरना पड़ता है। वर्तमान समय में भारत में चिकित्सा उपकरण क्षेत्र लगभग 11 बिलियन अमरीकी डॉलर होने का अनुमान है और वैश्विक चिकित्सा उपकरण बाजार में इसकी हिस्सेदारी 1.5 प्रतिशत होने का अनुमान है। भारत में इस क्षेत्र में पिछले दशक में 10-12 प्रतिशत की सीएजीआर के साथ तीव्र गति से वृद्धि देखी जा रही है।

इस अवसर पर औषध विभाग की सचिव, सुश्री एस. अपर्णा ने बताया कि किस प्रकार से यह विभाग एक स्थिर दीर्घकालिक नीतिगत वातावरण सुनिश्चित करने और उद्योग पर अनुवृत्ति भार में कमी लाने की दिशा में काम कर रहा है।

कार्यक्रम के संदर्भ में:

आईएमटीई-22 इंडिया मेडटेक एक्सपो का पहला संस्करण है, यह तीन दिवसीय कार्यक्रम है, जिसका आयोजन औषध विभाग, भारत सरकार द्वारा चिकित्सा उपकरण उद्योग संघों के महत्वपूर्ण सहयोग से किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का समन्वय फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) द्वारा किया जा रहा है। आईएमटीई-22 का विषय-वस्तु “फ्यूचर ऑफ डिवाइस, डायग्नोस्टिक्स एंड डिजिटल” पर आधारित है। यह आयोजन सभी हितधारकों जैसे पीएलआई प्रतिभागी, स्टार्टअप, एमएसएमई, अभिनव उद्यमी, अनुसंधान और विकास सुविधाएं, इनक्यूबेटर, सार्वजनिक और निजी अस्पताल, बड़े स्तर के उद्योग, अकादमिक, अनुसंधान संस्थान, निवेशक, राज्य सरकारें, मेडटेक पार्क और प्रमुख सरकारी अधिकारी को एक मंच पर लाकर भारत में इस क्षेत्र के विकास और वैश्विक स्तर पर इसका संभावित योगदान दोनों के लिए नेटवर्क और सहयोग का अवसर प्रदान करेगा, जिसमें हितधारक प्रमुख क्षेत्रीय मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे, सहयोग करेंगे और न केवल भारत को वास्तव में आत्मनिर्भर बनाने का अवसर प्रदान करेंगे, बल्कि 2047 तक इसे वैश्विक मेड-टेक हब के रूप में परिवर्तित करेंगे।

आईएमटीई-22 में लगभग 200 से ज्यादा स्टार्टअपों, 150 से ज्यादा भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण कंपनियों, 100 से ज्यादा एमएसएमई इकाइयों और 50 से ज्यादा अनुसंधान संस्थानों को आपस में मिलने और बातचीत करने का एक अनूठा मंच प्राप्त होगा। इसके माध्यम से सभी क्षेत्र की संस्थाओं की समृद्ध भागीदारी होगी। इसके अलावा, आईएमटीई-22 में विशेष सरकारी और राज्य केंद्रित मंडप, भविष्य और अनुसंधान और विकास मंडप, स्टार्ट-अप और एमएसएमई मंडप, एक पीएलआई मंडप के साथ-साथ समानांतर विषयगत सम्मेलन सत्र भी शामिल होंगे और भारतीय चिकित्सा प्रौद्योगिकी कौशल का प्रदर्शन करेंगे जिसे अन्वेषकों, कंपनियों, अनुसंधान और विकास संस्थानों द्वारा संयुक्त रूप से निर्मित किया गया है और भारत सरकार द्वारा कुशलतापूर्वक पोषित किया गया है।

नेशनल मेडटेक एक्सपो 2022 का विवरण यहां उपलब्ध है- http://www.indiamedtechexpo.in/

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