31 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

भारतीय रेल ने स्वर्णिम चतुर्भुज और स्वर्णिम कोणीय (डायगोनल) खंडों में 130 किमी प्रति घंटा तक गति बढ़ाई

देश-विदेश

भारतीय रेल ने स्वर्णिम चतुर्भुज और स्वर्णिम कोणीय (जीक्यू-जीडी) रूट में 1,612 किलोमीटर में से 1,280 किमी लंबाई के लिए अधिकतम गति उल्लेखनीय रूप से बढ़ाकर  130 किमी प्रति घंटा कर देने के द्वारा एक ऐतिहासिक उपलब्धि अर्जित कर नए वर्ष की शुरुआत की है। यह विजयवाड़ा – दुव्वाडा खंड को छोड़कर, जहां सिग्नल अप-ग्रेडेशन कार्य प्रगति पर है, दक्षिण मध्य रेलवे के समस्त जीक्यू-जीडी रूट को कवर करती है।

यह संवर्धित गति सीमा तेज गति से इन खंडों में बाधाओं को हटाने के द्वारा ट्रैक एवं इसकी अवसंरचना की व्यवस्थित और नियोजित सुदृढ़ीकरण के जरिए अर्जित की जा सकी। इसमें भारी छड़ों, 260 मीटर लंबे वेल्डेड रेल पैनल बिछाने, मोड़ों एवं ढलानों में सुधार शामिल थे।

रेलवे ने सभी आवश्यक अवसंरचना अपग्रेडेशन कार्यों को पूरा करने के लिए पिछले वर्ष (कोविड-19 महामारी के कारण) लॉकडाउन अवधि एवं रेलगाड़ियों की कम आवाजाही के अवसर का उपयोग किया है। जोन द्वारा किए गए इन सुधारों के आधार पर आरडीएसओ/ लखनऊ ने पिछले साल जुलाई और अक्टूबर के दौरान 130 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से सभी वर्गों के इस्ट्रूमेंटेड कोचों से निर्मित कन्फर्मेटरी ऑसिलोग्राफ कार रन (सीओसीआर) के माध्यम से ऑसीलेशन परीक्षण किए। इस जांच के दौरान ट्रैक मापदंडों के अतिरिक्त सिग्नलिंग पहलू, ट्रैक्शन वितरण उपकरण, लोकोमोटिव एवं कोच फिटनेस जैसे अन्य क्षेत्रों को भी जांचा और रिकॉर्ड किया गया।

इसी के अनुरूप, दक्षिण मध्य रेलवे जोन को निम्नलिखित रूटों के साथ अधिकतम गति सीमा 130 किमी प्रति घंटे तक बढ़ाने की मंजूरी प्राप्त हुई है-

1. स्वर्णिम कोणीय (ग्रैंड ट्रंक) रूट : 744 रूट किमी

i.     बल्लारशाह से काजीपेट – 234 रूट किमी

ii.    काजीपेट-विजयवाड़ा-गुडूर – 510 रूट किमी

2. स्वर्णिम चतुर्भुज रूट (चेन्नई-मुंबई खंड): 536 रूट किमी

i.     रेनिगुन्टा से गूटी – 281 रूट किमी

ii.    गूटी से वाडी – 255 रूट किमी

सिकंदराबाद – काजीपेट (132 किलोमीटर की दूरी) के बीच हाई-डेंसिटी नेटवर्क (एचडीएन) में अधिकतम गति सीमा पहले ही 130 किमी प्रति घंटे तक बढ़ा दी गई थी।

इस प्रकार, इन खंडों में अप और डाउन दोनों लाइनों सहित कुल 2,824 किलोमीटर (1412 रूट किमी) को अब 130 किमी प्रति घंटे की गति से चलाने के उपयुक्त बना दिया गया है। यह विजयवाड़ा – दुव्वाडा खंड को छोड़कर जहां सिग्नल अप-ग्रेडेशन कार्य प्रगति पर है, दक्षिण मध्य रेलवे के समस्त जीक्यू-जीडी रूट को कवर करती है।

उल्लेखनीय है कि कोविड महामारी के बावजूद भारतीय रेल ने अवसंरचना, नवोन्मेषण, नेटवर्क के क्षमता विस्तार, माल ढुलाई विविधीकरण के विकास में अभूतपूर्व वृद्धि अर्जित की है। रेलवे ने कोविड चुनौती का उपयोग भविष्य के विकास और यात्रियों के लिए यात्रा अनुभव के अगले स्तर की आधारशिला रखने के एक अवसर के रूप में किया है।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More