28 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 9 वर्षों में भारत ने एक लंबा सफर तय किया: डॉ. जितेंद्र सिंह

देश-विदेश

केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, राज्यमंत्री प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष, डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 9 वर्षों में, भारत ने एक लंबा सफर तय किया है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने यहां इंडिया डिफेंस कॉन्क्लेव 2023 को संबोधित करते हुए कहा, प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले नौ वर्षों में रक्षा उपकरणों के स्वदेशी डिजाइन, विकास और निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए कई नीतिगत पहल की हैं, जिससे रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिला है। उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप, पिछले 9 वर्षों में अंतरिक्ष क्षेत्र ने 60 वर्षों में की गई प्रगति को पार किया है।

यह उल्लेख करना उचित है कि भारत का रक्षा उद्योग अब विभिन्न प्रकार की आवश्यकताओं का निर्माण करने में सक्षम है, जैसे टैंक, बख्तरबंद वाहन, लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर, युद्धपोत, पनडुब्बी, मिसाइल, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, विशेष मिश्र धातु, विशेष प्रयोजन स्टील्स, और विभिन्न प्रकार के गोला बारूद।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, रक्षा और अंतरिक्ष क्षेत्र आपस में जुड़े हुए हैं और इन दोनों में नीतिगत अंतराल को पाटकर इसके तेज और स्वदेशी विकास के लिए प्रधानमंत्री से एक सक्षम वातावरण मिला है। हाल के वैश्विक संघर्षों के मद्देनजर अंतरिक्ष की रणनीतिक प्रासंगिकता का उल्लेख करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अंतरिक्ष, एक दोहरे उपयोग वाली प्रौद्योगिकी डोमेन, एक महत्वपूर्ण बहुआयामी संबल के रूप में उभर रहा है जो अभूतपूर्व पहुंच प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि कई देश आज अपनी सैन्य अंतरिक्ष क्षमताओं को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं ताकि आवश्यक होने पर विरोधियों को इससे वंचित करने के लिए निवारक क्षमता के साथ-साथ इसका कुशल, सुरक्षित और मैत्रीपूर्ण उपयोग सुनिश्चित किया जा सके।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह भी बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2023-24 से 2030-31 तक 6003.65 करोड़ रुपये की कुल लागत पर राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (एनक्यूएम) को मंजूरी दी है। इसका लक्ष्य वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान एवं विकास का बीजारोपण, विकास और बढ़ोत्तरी करना है जिससे क्वांटम टेक्नोलॉजी (क्यूटी) के क्षेत्र में जीवंत और अभिनव पारिस्थितिकी तंत्र बनाया जा सके। यह क्यूटी के नेतृत्व में आर्थिक विकास को गति देगा, देश में पारिस्थितिकी तंत्र का पोषण करेगा और क्वांटम प्रौद्योगिकियों और अनुप्रयोगों (क्यूटीए) के विकास में भारत को अग्रणी देशों में से एक बना देगा।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि भारत क्वांटम टेक्नोलॉजीज में मुट्ठी भर देशों के एलीट क्लब में शामिल हो गया है और जहां तक ​​मिशन की शुरूआत का संबंध है, वर्तमान में अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, फिनलैंड, चीन और ऑस्ट्रिया में क्वांटम टेक्नोलॉजी में अनुसंधान एवं विकास कार्य चल रहे हैं, इसलिए सभी देश बराबरी पर हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने अंतरिक्ष क्षेत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी भागीदारी के लिए खोल दिया, जिससे अंतरिक्ष क्षेत्र में लगभग तीन वर्षों के भीतर 105 से अधिक स्टार्टअप शुरू हो गए। उन्होंने कहा, 2017 के सार्क उपग्रह मिशन से शुरू होकर, एलएंडटी और एचएएल द्वारा पांच पीएसएलवी का घरेलू उत्पादन किया जा रहा है, जबकि एक बार में 104 उपग्रह लॉन्च किए गए।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत के अन्य प्रमुख अंतरिक्ष कार्यक्रमों में मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र या जिसे हम भारत में गगनयान परियोजना कहते हैं भी शामिल है। इसके तहत हम दो परीक्षण उड़ानों के बाद 2024 में अंतरिक्ष में अपनी पहली चालक दल की उड़ान भेजने की योजना बना रहे हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि हमारे युवा और निजी औद्योगिक उद्यम की ताकत और नवीन क्षमता आने वाले समय में वैश्विक अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी व्यवधानों का नेतृत्व करेगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भारत के युवा प्रौद्योगिकी के जादूगर अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नई बाधाओं को पार करेंगे। साथ जी, वे अंतरिक्ष क्षेत्र द्वारा पेश किए गए असीमित अवसरों को संबोधित करने के लिए भी तैयार हैं।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More