28 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर डब्ल्यूएचओ द्वारा आयोजित वेबिनार में डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, “जब महिलाएं सशक्त होती हैं, तब इतिहास बनता है।”

देश-विदेशसेहत

केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने सोमवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर डब्ल्यूएचओ द्वारा आयोजित एक वेबिनार को संबोधित किया। केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति ज़ुबीन इरानी, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे ने भी वेबिनार को संबोधित किया।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं देते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा “दुनियाभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाने वाला अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस, हमारे जीवन में महिलाओं के अभूतपूर्व योगदान के लिए हमें उनके प्रति सम्मान और कृतज्ञता को व्यक्त करने का अवसर देता है।”

उन्होंने आगे कहा कि “भारत में हम देश की पूजनीय धरती को भारतीय संस्कृति और परंपरा के अनुरूप मातृभूमि कहते हैं, जिससे समाज में महिलाओं के प्रति हमारे मन में सर्वोच्च स्तर पर सम्मानजनक स्थिति पैदा होती है। हमारे लिए मातृभूमि का अर्थ केवल ज़मीन का एक टुकड़ा भर नहीं है, बल्कि इससे वास्तव में एक स्त्री रूपी और सम्मानजनक इंसान की छवि व्यक्त होती है। हमारे देश के एक महान नेता ने ‘आवर हिस्ट्री (Our History)’ नाम से एक रचना लिखी, जो माँ के ऊपर लिखी गई एक पवित्र आत्मकथा है। हमारा दर्शन माँ के मन को उद्घाटित करता है। हमारी कला, हमारी कविता और पेंटिंग, हमारी संगीत और ड्रामा, हमारी वास्तुकला और शिल्पकला, हमारा धर्म आदि सब कुछ माँ की आत्मा की अभिव्यक्ति है। हमारे देश से बाहर के लोग भारतभूमि को भारत के नाम से जानते हैं, लेकिन हम अपने देश को माँ और मातृभूमि के नाम से जानते हैं, एक ऐसी भूमि जिससे हम अपनी माँ की तरह प्रेम करते हैं। संक्षेप में कहें तो भारत वह देश है, जो अपनी महिलाओं का सम्मान करता है।”

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि, “मैंने हमेशा कहा है कि जहाँ माँ होती है, वहां चमत्कार होते हैं। आज का यह उत्सव महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए आयोजित कार्यक्रम नहीं है। महिलाएं पहले से ही सशक्त हैं। यह उत्सव तो दुनिया को महिलाओं की ताकत का एहसास कराने और उनकी सोच में बदलाव लाने के प्रयास का उत्सव है।”

वर्तमान कोरोना महामारी के दौरान महिला वैज्ञानिकों और वैश्विक स्वास्थ्य के क्षेत्र से जुड़ी महिलाओं के द्वारा निभाई गई अहम भूमिका की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि, “राजनीति, धर्म, शिक्षा, व्यवसाय आदि सभी क्षेत्रों में भारत सदियों से महिला नेतृत्व वाला देश रहा है। व्यक्तिगत रूप से मेरे लिए यह गर्व की बात है कि वैश्विक स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारतीय महिलाएं अहम योगदान देने के साथ-साथ इस क्षेत्र का लगातार नेतृत्व कर रही हैं। डब्ल्यूएचओ के कार्यकारी बोर्ड का अध्यक्ष होने के नाते, मुझे यह बताते हुए खुशी है कि वैश्विक स्तर पर संपूर्ण मानव जाति के लिए पैदा हुई कोविड महामारी की सबसे कठिन चुनौती के दौरान दुनियाभर में महिलाओं ने एक महान रक्षक की भूमिका निभाई। यह अपने आप में इस बात का स्थापित करता है कि महिलाएं पूरी तरह से सशक्त हैं और उन्हें चुनौतियों से लड़ने के लिए अग्रिम पंक्ति में खड़ा किया जाता है। इस घटना ने एक इतिहास रच दिया है। वास्तव में साल 2020, जिसे मैं अक्सर विज्ञान के वर्ष के रूप में देखता हूं, इस साल 2020 ने हमें एक खतरनाक बीमारी से निपटने और उसके लिए तैयार होने की दिशा में मदद की है। इस पूरी प्रक्रिया में महिला वैज्ञानिकों की एक अहम हिस्सेदारी रही है।”

महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता को याद करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि “आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर जब हम अपने देश की महिलाओं की प्रगति का उत्सव मनाते हैं, इस अवसर पर मैं बल देकर यह बताना चाहता हूं कि लैंगिक समानता और महिला सुरक्षा, हमेशा से ही मेरी सरकार के नीति निर्माण और शासन व्यवस्था का एक अभिन्न अंग रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार एक ऐसा वातावरण तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध है, जहाँ महिलाएं और लड़कियाँ पूरी क्षमता और संभावनाओं सदुपयोग कर सकें। चाहे विज्ञान हो या शिक्षा, स्वास्थ्य हो या राजनीति, प्रत्येक क्षेत्र में हमारी सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में काम कर रही है।  प्रत्येक क्षेत्र में लैंगिक समानता में सुधार लाने के उद्देश्य से संस्थागत स्तर पर उचित और व्यवस्थित सुधार लाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं।”

केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री अश्विनी चौबे ने कहा कि, “आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर इस कार्यक्रम में उपस्थित होना मेरे लिए अत्यंत खुशी और गर्व की बात है। मैं कोरोना महामारी के दौरान महिलाओं के सकारात्मक प्रयास और योगदान की सराहना करता हूं। महामारी को फैलने से रोकने में महिलाओं ने बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।” “वास्तव में प्राचीन काल से ही भारत के इतिहास और तरक्की में महिलाओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। किसी भी देश की तरक्की उस देश की महिलाओं की तरक्की से मापी जाती है। भारत के संविधान में लैंगिंग समानता का प्रावधान भी है। उन्होंने आगे कहा कि, जहां नारियों की पूजा होती है, वहां साक्षात भगवान का निवास होता है।”

डॉ. हर्षवर्धन ने अपनी बात को समाप्त करते हुए सभी को याद दिलाया कि भारत देश अर्धनारीश्वर की अवधारणा में विश्वास करता है, जो यह बताती है कि हमारे देश की सभ्यता हमेशा ही महिला और पुरुष को समान मानती है। हमारे यहाँ महिला और पुरुष एक-दूसरे के पूरक हैं और एक-दूसरे के बिना अधूरे हैं।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More