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आई0पी0एस0 क्रिकेट टीम ने आई0ए0एस0 क्रिकेट टीम को 7 विकेट से हराया

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: पुलिस सप्ताह-2016 कार्यक्रम के अन्तर्गत आज दिनंाक 11-12-2016 को प्रातः के0डी0सिंह बाबू स्टेडियम, लखनऊ में आई0पी0एस0 एवं आई0ए0एस0 क्रिकेट टीम के मध्य 20-20 ओवर का क्रिकेट मैच सम्पन्न हुआ। आईपीएस टीम के कप्तान श्री भानुभाष्कर एवं आईएएस टीम के कप्तान श्री अनुराग यादव थे।
उक्त मैच को देखने हेतु भारी संख्या में पारिवारिक सदस्यों द्वारा भाग लिया गया। मैच के प्रारम्भ में आई0ए0एस0 टीम द्वारा टाॅस जीतकर बैटिंग करने का निर्णय लिया गया । आई0ए0एस0 एकादश 20 ओवर में 9 विकेट खोकर 116 रन बनाकर आउट हो गये । दूसरी पारी में आई0पी0एस0 एकादश द्वारा दिये गये लक्ष्य को 13.4 ओवर में 3 विकेट खोकर 120 रन बनाकर विजय प्राप्त की गयी। आई0ए0एस0 एकादश के बेस्ट बैट्समैन श्री अनुराग यादव, बेस्ट बालर, श्री जोगेन्द्र एवं बेस्ट फील्डर श्री रविन्दर कुमार आईपीएस एकादश के वेस्ट बैट्समैन श्री संजीव सुमन, वेस्ट बालर श्री भानु भाष्कर एवं बेस्ट फील्डर श्री अमित पाठक, आलराउण्डर श्री संजीव त्यागी, आईपीएस, मैन आफ द मैच श्री संजीव सुमन आईपीएस को घोषित किया गया। रनर टीम को रनर शील्ड एवं विजयी टीम को विजेता शील्ड श्री जावीद अहमद पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 की धर्मपत्नी श्रीमती नगीन अहमद एवं पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 होमगार्डस श्री वी0के0 गुप्ता की धर्मपत्नी श्रीमती मोनिका गुप्ता द्वारा प्रदान किया गया। उक्त टीम में सम्मिलित समस्त खिलाड़ियों एवं दर्शक दीर्घा में उपस्थित समस्त दशर्को को श्री वितुल कुमार, पुलिस महानिरीक्षक स्थापना, सचिव एवं श्री प्रकाश डी, पुलिस महानिरीक्षक, प्रशासन कोषाध्यक्ष, उ0प्र0 आईपीएस एसोसिएशन द्वारा आभार व्यक्त किया गया।
क्र0सं0 आई0पी0एस0 टीम आई0ए0एस0 टीम
1- श्री राजीव सब्बरवाल, पुलिस महानिदेशक, एनसीबी श्री सुधीर बोबडे
2- श्री एस0के0 माथुर, एडीजी, पावर कारपोरेशन, लखनऊ श्री पार्थसारथी सेन शर्मा
3- श्री भानुभास्कर, पुलिस महानिरीक्षक सीबीआई श्री राज कमल यादव
4- श्री नवीन अरोडा, पुलिस उपमहानिरीक्षक आईटीबीपी श्री जोगेन्दर सिंह
5- श्री आकाश कुल्हारी, एस0एस0पी0, कानपुरनगर श्री अनिल कुमार
6- श्री नितिन तिवारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वाराणसी श्री अनुराग यादव
7- श्री अमित पाठक, पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ श्री एस0के0 तिवारी
8- श्री पवन कुमार, पुलिस अधीक्षक सुलतानपुर श्री विजय किरन आनन्द
9- श्री संजीव त्यागी, पुलिस अधीक्षक, कोआपरेटिव सेल श्री रविन्दर
10- श्री अभिषेक यादव, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, मुरादाबाद श्री गुरंग
11- श्री शैलेश कुमार पाण्डे, पुलिस अधीक्षक बस्ती श्री अविनाश
12- श्री संजीव सुमन सहायक पुलिस अधीक्षक आजमगढ़ श्री दीपक मीना
13- श्री श्लोक कुमार, सहायक पुलिस अधीक्षक आगरा श्री जे0बी0 ंिसह
14- श्री प्रशांत वर्मा, सहायक पुलिस अधीक्षक वाराणसी

विविध प्रदर्शन
पुलिस सप्ताह-2016 कार्यक्रम के अन्तर्गत आज दिनांक 11-12-2016 को सायं 03ः00 बजे से पुलिस लाइन लखनऊ में श्री प्रशांत कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक, पीएसी, उ0प्र0, श्री संजय सिंघल, पुलिस महानिरीक्षक एवं पुलिस महानिदेशक के सहायक तथा श्री आशुतोष पाण्डेय, पुलिस महानिरीक्षक, पूर्वी जोनके मार्गदर्शन में विविध प्रदर्शन आयोजित किये गये। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री वीरेन्द्र कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक, एसीओ, उ0प्र0 थे। विविध प्रदर्शन के अन्तर्गत जिमनास्टिक, मल्लखम्भ, कमाण्डो प्रदर्शन, डाग शो, अश्व प्रदर्शन, टेंट पैंगिग,फायर डिस्प्ले व बैण्ड डिस्प्ले सम्मिलित थे। इस अवसर पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारीगण एवं भारी संख्या मंेे दर्शक मौजूद थे ।
1-जिमनास्टिक
जिमनास्टिक की शुरूआत ईसा पूर्व ग्रीस से हुई। इसके आधुनिक रूप की शुरूआत 1569 ई0 में इटली में हुई। वर्ष 1896 के प्रथम ओलम्पिक में जिमनास्टिक को शामिल किया गया। जिमनास्टिक में उ0प्र0 के पुलिस कर्मियों द्वारा राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अच्छी उपलब्धि हासिल की गयी है ।
मु0आ0 श्री राविन कनौजिया के नेतृत्व में 17 सदस्यों द्वारा होरिजेन्टल वार, पैरलल वार, फ्लोर इक्सरसाइज व फायर रिंग जैसे करतब प्रस्तुत किये गये । जलती हुई रिंग को जिमनास्ट मु0आ0 विक्रांत सिंह, आरक्षी राजन कुमार, आरक्षी वीरेन्द्र वर्मा ने पार किया जिसकी दर्शकों द्वारा प्रसंशा की गयी।
2-मल्लखम्भ
यह एक पुरातन भारतीय युद्ध कला है जिसकी शुरूआत 12वीं शताब्दी में सोमेश्वर चालुक्य ने की। इसको च्वसलहलउदंेजपब भी कहते हैं। 18वीं शताब्दी में पेशवा बाजीराव ने इस कौशल को लोकप्रिय बनाया। वर्तमान समय में पुलिस गेम्स में मल्लखम्भ की प्रतियोगिता आयोजित होती है। वर्ष 2013 में भारतीय पुलिस की 150वीं वर्षगाँंॅठ पर पुलिस टीम के द्वारा मा0 उपराष्ट्रपति के समक्ष इसका उम्दा प्रदर्शन किया गया जिसकी उन्होंने सराहना की। यह मध्य प्रदेश का राजकीय खेल है।
आज कार्यक्रम के दौरान उ0प्र0 मलखम्भ टीम का नेतृत्व श्री सुरेन्द्र प्रसाद परिहार प्रतिसार निरीक्षक अमेठी व श्री बदन यादव पी0सी0 30पीएसी आजमगढ़ द्वारा नमस्कार, अभिवादन फारमेशन, शेर फारमेशन, फ्लावर फारमेशन, फ्लावर ओवर फारमेशन, कोकोनेट फारमेशन, बजरंगी फारमेशन, एरोहेड फारमेशन प्रस्तुत किया गया ।
3-कमांडो प्रदर्शन
कमंाडोज की शुरूआत 17वीं शताब्दी में डच ईस्ट इण्डिया कम्पनी द्वारा की गयी। कमंाडोज के आधुनिक स्वरूप का श्रेय द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश सेना को जाता है । ब्रिटिश सेना के कमांडो को ‘एस0ए0एस0’, अमरीकन कमांडो को ‘मरीन’, भारत की एन0एस0जी0 को ‘ब्लैक कैट कमांडोज’ एवं वायु सेना के कमंाडो को ‘गरूड़’ कहते हैं ।
उ0प्र0 पुलिस में वर्ष 1985 से कमांडोज की आवश्यकता महसूस की गयी जब तराई क्षेत्र में आतंकवाद प्रारम्भ हुआ था। उसी समय स्थानीय 32वीं वाहिनी पीएसी में कमांडोज दस्ता प्रतिस्थापित किया गया। उ0प्र0 पुलिस के कमांडोज को ‘ड्रेगन’ कहते हैं ।
इनका मोटो (Motto) है ‘‘क्रिया सिद्धि सत्वे भवंते नोपकरणे- महान कार्यों में साधनों से नहीं, बल्कि आत्मविश्वास से सफलता मिलती है।’’
श्री शोभनाथ यादव कम्पनी कमाण्डर 32 वाहिनी पीएसी के नेतृत्व में कमाण्डो टीम के साथ एन्टी बस हाई जैकिंग का डिमांस्टेªशन किया गया जिसमें 4 आतंकवादियों ने एक स्कूल बस को हाईजैक कर अपनी मांग रखी, कमाण्डो की तीन पार्टियों ने रणनीति के अनुसार एक आतंकवादी को मार गिराते हुए तीन को गिरफ्तार किया गया। अपहृत बच्चों को सकुशल मुक्त कराया गया ।
4-श्वान प्रदर्शन-
सीबीसीआईडी की ओर श्री संजय कुमार प्रभारी श्वान टीम द्वारा अपनी टीम के साथ श्वान उत्कल, रोमी, उप्पी, मोती व कैण्डी द्वारा मुख्य अतिथि को पुष्प दिया जाना, रोल करना, नमस्कार करना, जहरखुरानी जैसे घटनाओं की पहचान करना, जलते हुए रिंग के छल्ले से निकलने आदि का प्रदर्शन किया गया। उल्लेखनीय है कि श्वान कैण्डी ने लखनऊ व कुशीनगर की कई जघन्य घटनाओं का अनावरण करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है ।
5-वन मिनट ड्रिल प्रदर्शन
छठीं वाहिनी पीएसी की टीम द्वारा वन मिनट ड्रिल प्रस्तुत किया गया । जिसके अन्तर्गत एक मिनट में शस्त्रों का खोलना व जोड़ना, फायरिंग वट व टेंट लगाये जाने का प्रदर्शन प्रस्तुत किया गया जिसके अन्तर्गत शस्त्रों के खोलने व जोड़ने का कार्य चार जवानों द्वारा रायफल, इंसास रायफल, एके 47 को क्रमशः 47 सेकेण्ड, 40 सेकेण्ड व 41 सेकेण्ड में पूरा किया गया । दो जवानों द्वारा आॅख बंद कर एके-47 को 52 सेकेण्ड में पूरा किया गया। दो जवानों द्वारा एके-47 को एक हाथ से खोलने जोड़ने का कार्य 1 मिनट 23 सेकेण्ड में किया गया ।
6-अश्व प्रदर्शन
अश्वारोही पुलिस का सबसे पुराना ऐतिहासिक साक्ष्य 1969 के King Charle’s Articles of War में मिलता है । 19वीं सदी में अंगे्रज भारत मंे अश्वारोही पुलिस लाये जो संदेशवाहन एवं परिवहन के लिये वरदान सिद्ध हुई ।
पिछले 150 सालांे में अधिकतर भारतीय राज्यों की पुलिस में अश्वारोही पुलिस शामिल हो चुकी है। अश्वारोही पुलिस का मुख्य कार्य है बड़े स्तर के खेल कूद के कार्यक्रमों में भीड़ नियंत्रण करना, विभिन्न जुलूसों (Processions) एस्कार्ट करना एवं रैतिक परेडों में भाग लेना । अश्वारोही पुलिस का उत्तर प्रदेश पुलिस में अप्रतिम योगदान है। अश्व प्रदर्शन ऐतिहासिक काल से ही लोगांें के बीच कौतूहल का विषय रहा है। पुलिस सप्ताह के दौरान इस पुलिस का अश्व प्रदर्शन काफी चर्चित रहता है ।
श्री धर्मेन्द्र सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गाजियाबाद, आर0आई0 एमपी लखनऊ श्री ओमवीर सिंह, एसआईएमटी श्री शिवाजी दूबे, दिलशाद अहमद, बिमलेश शुक्ला, वीर सिंह, चन्द्रमा यादव, संग्राम सिंह, सतेन्द्र सिंह द्वारा जम्पिंग, ट्रिक राइडिंग आदि कर्तव्य प्रस्तुत किये गये जिसकी दर्शकों ने करतल ध्वनि से प्रसंशा की ।
टेंट पेगिंग प्रदर्शन-टेंट पेगिंग की शुरूआत चैथी शताब्दी ईसा पूर्व भारत से ही हुई । अश्वारोही पुलिस द्वारा टेंट पेगिंग का अभ्यास एवं प्रदर्शन तभी से होता आया है जो पहले एशियाई और बाद में यूरोपीय साम्राज्यों द्वारा पूरे विश्व में फैलाया गया। पुराने समय में इसका उद्देश्य प्रातःकाल से पूर्व दुश्मन के टेंटों पर हमला कर नष्ट किया जाना था जिससे की दुश्मन पक्ष की सेना जागने से पूर्व ही आतंकित हो जाती थी। इसी कौशल का उपयोग अश्वारोही सेना दुश्मन सेना के हाथियों को विचलित करने के लिये भी करती थी ।
वर्तमान समय में टेंट पेगिंग एक स्पोर्ट बन चुका है जो आस्ट्रेलिया, भारत, इजराइल, पाकिस्तान, ओमान, दक्षिण अफ्रीका एवं इग्लैण्ड में काफी लोकप्रिय है । इसे 1982 मंे ओलम्पिक खेलों में शामिल कर लिया गया । भारत की टेंट पेगिंग टीम विश्व की सर्वोत्तम तीन टेंट पेगिंग टीमों में से एक है ।
आज सभी अश्वारोहियों द्वारा टेंट पेगिंग का प्रदर्शन किया गया जिसमें विशेष रूप से शिवाजी दुबे द्वारा परमवीर नामक घोड़े पर सवार होकर आंख मे पट्टी बांध कर टेंट पेगिंग को पूरा कर लक्ष्य को हासिल किया गया। उल्लेखनीय है कि शिवाजी दुबे ने अब तक 68 मेडल प्राप्त किये हैं ।
उ0प्र0 पुलिस की ओर से श्री धर्मेन्द्र सिंह वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गाजियाबाद, चन्द्रमा यादव व वीर सिंह द्वारा टेंट पेगिंग का अच्छा प्रदर्शन किया गया जिसकी दर्शकों द्वारा प्रशंसा की गयी।
7-फायर प्रदर्शन
श्री रमेश तिवारी, मुख्य अग्नि शमन अधिकारी बाराबंकी, श्री मुकीमुल हक मुख्य अग्निशमन अधिकारी खीरी, श्री जीतेन्द्र कुमार, एफएसओ लखनऊ, श्री फूलचन्द्र गौतम एफएसओ हरदोई की टीम द्वारा आयल स्टोरेज फायर व घरेलू गैस सिलेण्डर में आग लगने के उपरांत बचाव का डिमांस्ट्रेशन प्रस्तुत किया गया।इसके उपरांत हाइड्रोलिक प्लेटफार्म द्वारा 42 मीटर ऊॅचाई पर घुमाकर आग बुझाने एवं जीवन रक्षा करने के कार्य प्रदर्शित किया गया ।
8-बैण्ड प्रदर्शन- एक स्वतन्त्र इकाई के रूप में उत्तर प्रदेश राज्य पुलिस ब्रास बैण्ड की स्थापना औपचारिक रूप से श्री जे0पी0 बाजपेयी, आई0पी0एस0 द्वारा 1976 में की गयी।
इसका नेतृत्व आई0एन0ए0 (Indian National Army) के कैप्टन राम सिंह द्वारा किया गया। कैप्टन राम सिंह ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी आई0एन0ए0 (INA) के बैण्ड का नेतृत्व किया था । उन्होंने ही उत्तर प्रदेश राज्य पुलिस ब्रास बैण्ड की देख रेख एवं विकास किया । पीएसी के गीत की रचना भी कैप्टन राम सिंह द्वारा ही की गयी है ।
कालान्तर में मेरठ, मुरादाबाद तथा आगरा की पीएसी वाहिनियों में भी बैण्ड की स्थापना की गयी। इस बैण्ड द्वारा 15 अगस्त, 26 जनवरी, 02 अक्टूबर, रैतिक परेड आदि अवसरों पर प्रदर्शन किया जाता है। यह बैण्ड कई राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं तथा महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पर्व के अवसरों पर अपने सराहनीय प्रदर्शन कर चुका है। इस बैण्ड को वर्ष 1999 में आल इण्डिया बैण्ड कम्प्टीशन में सिल्वर बैण्ड के साथ द्वितीय स्थान मिला था। इस बैण्ड का संचालन वर्तमान में प्लाटून कमाण्डर श्री एनुवल हक द्वारा किया जा रहा हैं।

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