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पुलिस महानिदेशक द्वारा तीन उत्कृष्ट विवेचनाओं के लिये विवेचकों को पुरस्कृत किया गया।

उत्तर प्रदेश
लखनऊ: श्री अरविन्द कुमार जैन, पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 द्वारा आज दिनांक 29-06-2015 को मुख्यालय के नवीनसभागार में तीन उत्कृष्ट विवेचनाओं के लिये विवेचकों को पुरस्कृत किया गया ।

मुख्यालय पुलिस महानिदेषक, उ0प्र0 द्वारा प्रत्येक वर्ष 03 उत्कृष्ट विवेचनाओं को प्रथम, द्वितीय, तृतीय पुरस्कार प्रदान किये जाने हेतु निर्णय लिया गया। इस क्रम में उत्कृष्ट विवचेनाओं के चयन हेतु अपर पुलिस महानिदेषक(अपराध), उ0प्र0 की अध्यक्षता में 04 सदस्यों की समिति गठित हुई थी, जिसमें पुलिस महानिरीक्षक(स्थापना) उ0प्र0, पुलिस महानिरीक्षक(एस0टी0एफ0) उ0प्र0, पुलिस महानिरीक्षक(अपराध) उ0प्र0 सदस्य सचिव व अपर पुलिस अधीक्षक(अपराध) सदस्य उपसचिव बनाये गये थे।
समिति के समक्ष सभी पुलिस जोन एवं इकाईयों से नामांकन प्राप्त हुए। प्राप्त नामांकनों का परीक्षण, विष्लेषण के उपरान्त निम्नलिखित 03 उत्कृष्ट विवेचनाओं का वर्ष 2015 का प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार हेतु चयनित किया गया।
उत्कृष्ट प्रथम विवेचना-( विवेचक- श्री राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता, सेवानिवृत्त निरीक्षक) पुरस्कार रू0 50,000/-
वर्ष 2008 में ग्राम बावनखेडी थाना हसनपुर जनपद अमरोहा में अज्ञात अभियुक्तगण द्वारा एक ही परिवार के 07 व्यक्तियों की गला रेत कर निर्मम हत्या कर दी गयी थी, जिसके सम्बन्ध में वादी श्री लतीफ उल्ला पुत्र सलामत उल्ला द्वारा थाना हसनपुर पर बनाम अज्ञात अभियोग पंजीकृत कराया गया था। अभियोग की विवचेना तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक श्री राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता द्वारा की गयी थी। विवेचना के दौरान अभियुक्ता शबनम पुत्री शौकत अली(मृतक) एवं सलीम पुत्र अब्दुल रउफ प्रकाष में आये। विवेचक द्वारा फील्ड यूनिट की सहायता, इलेक्ट्रानिक सर्विलांस एवं वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग करते हुए साक्ष्य एकत्र किये गये और अभियुक्तगण को प्रथम दृष्टया आरोपित पाते हुए आरोप पत्र मा0 न्यायालय में प्रेषित किया गया।
मा0 न्यायालय द्वारा अभियुक्ता शबनम एवं अभियुक्त सलीम को दोषी पाते हुए फांसी की सजा दी गयी, जिसके विरूद्ध अभियुक्तगण द्वारा मा0 सर्वोच्य न्यायालय में अपील दायर की गयी थी, किन्तु विवेचक द्वारा की गयी उत्कृष्ट विवेचना एवं साक्ष्यों के आधार पर मा0 सर्वोच्य न्यायालय द्वारा भी अभियुक्तगण की मृत्यु दण्ड की सजा को बहाल रखा गया।
उत्कृष्ट द्वितीय विवेचना- उ0नि0 श्री ब्रजेश कुमार शर्मा , थाना-इन्दिरापुरम, जनपद-गाजियाबाद। पुरस्कार रू0 35,000/-
वर्ष 2010 में वादी श्री जयवीर सिंह पुत्र रवेन्द्र सिंह निवासी ग्राम सरीफाबाद थाना सोंरिक जिला कन्नौज द्वारा थाना इन्दिरापुरम गाजियाबाद में डकैती का अज्ञात अभियोग पंजीकृत कराया गया था, जिसकी विवेचना उ0नि0 श्री बृजेष कुमार शर्मा थाना इन्दिरापुरम द्वारा की गयी थी। विवेचक द्वारा 24 घण्टे के अन्दर ही घटना का अनावरण करते हुए 05 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया था। विवेचना के दौरान विवेचक द्वारा सर्विलांस की सहायता से लूटे गये मोबाइल की लोकेषन से अभियुक्तगण से बरामद मोबाइल फोन की आई0एम0ई0आई0 से कनेक्ट करते हुए सभी को आरोपित कर आरोप पत्र मा0 न्यायालय में प्रेषित किया गया था। विवेचक द्वारा की गयी उत्कृष्ट  विवेचना के फलस्वरूप मा0 न्यायालय द्वारा अभियुक्तों को दोषी पाते हुए 04-04 वर्ष 04-04 माह का कठोर कारावास तथा दो-दो हजार रू0 के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया था।
तृतीय विवेचना- श्री धनंजय सिंह कुशवाहा ,क्षेत्राधिकारी, रूदौली, जनपद-फैजाबाद। पुरस्कार रू0 25,000/-
वर्ष 2011 में वादी श्री लक्ष्मण निवासी ग्राम इचैलिया थाना पटरंगा जनपद फैजाबाद द्वारा अपनी पुत्री, जो गांव के बाहर बकरी चराने गयी थी, को किसी अज्ञात अभियुक्त द्वारा बलात्कार कर हत्या कर देने के सम्बन्ध में अभियोग पंजीकृत कराया गया था। घटना अज्ञात पंजीकृत हुआ था। घटना का अनावरण किया गया एवं वैज्ञानिक विधियों डीएनए(परीक्षण) करते हुए अभियुक्त के विरूद्ध न्यायालय में आरोप पत्र पे्रषित किया गया। इस अभियोग की विवेचना पुलिस उपाधीक्षक श्री धनन्जय सिंह कुषवाहा द्वारा पूर्ण की गयी। विवेचक द्वारा की गयी उत्कृष्ट विवेचना के फलस्वरूप मा0 न्यायालय द्वारा अभियुक्त को सिद्ध दोष करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा एवं 35,000रू0  के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।

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