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बेहतर वायु गुणवत्‍ता सुनिश्चित करने के लिए डाक्‍टर हर्षवर्धन ने दिल्‍ली- एनसीआर के पर्यावरण मंत्रियों को किया संबोधित

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नई दिल्ली: केन्‍द्रीय वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉक्‍टर हर्षवर्धन ने आने वाले सर्दी के मौसम में बेहतर वायु गुणवत्‍ता सुनिश्चित करने के लिए सभी नगरपालिकाओं और अन्‍य एजेंसियों के सामूहिक प्रयासों की आवश्‍यकता पर जोर देते हुए आज कहा कि केन्‍द्र सरकार इसके लिए पराली जलावन की समस्‍या से निपटने के लिए पंजाब, हरियाणा और उत्‍तर प्रदेश की सरकारों को  केन्‍द्र प्रायोजित योजना के तहत 1150 करोड़ रूपए की आर्थिक मदद के साथ ही शहरी विकास कोष के जरिए भी सहायता दे रही है। इसके जरिए राज्‍यों को सड़क साफ करने वाली मशीनें, वाटर स्प्रिंकलर आदि खरीदने के लिए धन उपलब्‍ध कराया गया है।

      आज दिल्‍ली और एनसीआर क्षेत्र के पांच राज्‍यों के पर्यावरण मंत्रियों और वरिष्‍ठ अधिकारियों की बैठक को संबोधित करते हुए पर्यावरण मंत्री ने कहा कि वायु गुणवत्‍ता सुधारने के लिए सबको मिलकर काम करना होगा। उन्‍होंने पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम के लिए काम कर रही एजेंसियों से कहा कि वे पूरी सजगता के साथ अपनी जिम्‍मेदारी निभाएं।

   बैठक में आगे आने वाले ठंड के मौसम में वायु प्रदूषण की समस्‍या से निपटने के लिए की गई तैयारियों पर चर्चा की गई। बैठक में राज्‍यों से कहा गया है कि वे पराली जलाने की समस्‍या से निपटने के लिए 10 दिन के भीतर प्रभावी योजना तैयार करें। पिछले वर्ष अच्‍छे, संतोषजनक और सामान्‍य दिनों की संख्‍या जहां 144 थी, वहीं इस साल यह बढ़कर 149 हो चुकी है। इसी तरह खराब, बहुत खराब और खतरनाक रूप से खराब दिनों की संख्‍या 2017 के 125 से घटकर अभी 120 रह गई है।

   केन्‍द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस साल सितम्‍बर 15 से दिल्‍ली और एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण का कारण बनने वाली गतिविधियों की जमीनी स्‍तर पर निगरानी करने के लिए 41 टीमें तैनात की हैं। बोर्ड ने इसके साथ ही राज्‍य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों, दिल्‍ली नगर निगम, निर्माण गतिविधियों से जुड़ी एजेंसियों तथा परिवहन और कृषि विभाग से भी वायु प्रदूषण से निपटने के लिए योजनाएं बनाने के लिए कहा है। प्रदूषण शमन के लिए दिल्‍ली में तीन पायलट परियोजनाओं को भी मंजूरी दी गई है। इसके अलावा हरियाणा,उत्‍तरप्रदेश और राजस्‍थान में पेटकोक और फर्नेस ऑयल के इस्‍तेमाल पर रोक, अप्रैल 2018 से दिल्‍ली बीएस-5 मानक वाले पेट्रोल के इस्‍तेमाल तथा ईंट भट्टियोंमें जिगजेग प्रौद्योगिकी को जरूरीबनाने पर भी जोर दिया जा रहा है।

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