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दीपावली के पर्व पर मिट्टी के दियों का प्रयोग करने की जनता से अपील

उत्तर प्रदेश
लखनऊ: सूक्ष्य, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), श्री नितिन अग्रवाल ने कहा है कि प्रदेश में लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सिंगल विन्डो सिस्टम को पुनर्जीवित किया जाये। उन्होंने प्रमुख सचिव डा0 रजनीश दुबे को निर्देशित किया कि स्थानीय स्तर पर उद्यमियों की समस्याओं के निराकरण समयबद्ध रूप से करना सुनिश्चित करें। इसके लिए महा प्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र (जी0एम0डी0आई0सी0) को आवश्यक दिशा निर्देश जारी करें।

वे हर माह उद्यमियों के साथ बैठक कर उनकी समस्याओं को सुने तथा उनका निस्तारण करें। उन्होंने कहा कि उद्यमियों की समस्यों के निराकरण के लिए उद्योग स्थल का भ्रमण भी करें उन्होंने छोटे घरेलू उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए इस दीपावली पर्व पर अधिक से अधिक मिट्टी के दियों का इस्तेमाल करने की जनता से अपील भी की।
श्री नितिन अग्रवाल आज यहां अपने आवस पर सूक्ष्य, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन विभाग की परिचयात्मक बैठक कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सिंगल विन्डो सिस्टम लागू होने से एक ही स्थान पर उनकी सभी समस्याओं निराकरण हो जायेगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रदेश में 22 ट्रेनिंग सेंटर विगत कई वर्षों से बंद पड़े हैं, इनको पुनः चालू कराये जाने के लिये आवश्यक कदम उठाये जायं। उन्हांेंने कहा कि प्रदेश के समस्त जनपदों में उद्योग बन्धु का कार्यालय तो स्थापित है, परन्तु उसका प्रभावी क्रियान्वयन नही हो रहा है। इस कारण उद्यमियों को इनका लाभ नही मिल पा रहा है। उन्होंने उद्योग बंधु को सक्रिय एवं प्रभावी करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया।
श्री अग्रवाल ने कहा कि सूक्ष्म, लघु उद्योगों के हितार्थ प्रदेश सरकार ने जो योजनाएं संचालित की हैं, उनका क्रियान्वय प्रभावी तरीके से किया जाय। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्थापित हो रहे नये तथा पुराने उद्यमों का पंजीकरण समयबद्ध रूप से किया जाय। उन्होंने एक्पोर्ट पालिसी तथा हैंण्डीक्राफ्ट पालिस के संबंध में विस्तार से चर्चा की । उन्होंने हस्त शिल्प विकास निगम की कार्य प्रणाली को रिब्यू करने तथा इसका नया प्रोजेक्ट तैयार करने हेतु अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि हस्तशिल्पी कालीन, चूड़ी, ताला, ज़री ज़रदोजी, हैण्डलूम, चिकन कारी, स्टोन कार्विंग, बुड कार्विंग, ब्लैक पाटरी, बेंसवास, लकड़ी के खिलौने, टेराकोटा, पीतल की कला, जूटवाॅल हैगिंग, पतंगकासा, पंजादरी पाटरी आदि क्षेत्रों में अपना बहुमूल्य योगदान देकर देश एवं प्रदेश का नाम रोशन कर रहें। इसके बावजूद इनकी आर्थिक स्थिति बहुत बेहतर नही है। उन्होंने इनके द्वारा तैयार किये गये माल के विपणन में सहायता के लिए एक्पर्ट प्रमोशन ब्यूरो की स्थापना करने के अधिकारियों को निर्देश दिए।
श्री अग्रवाल ने हस्तशिल्प पेंशन योजना के कार्यकलापों की चर्चा करते हुए कहा कि शिल्पियों की बहुलता एवं उनके कला कौशल ने प्रदेश की शिल्प विद्या एवं कला कृतियों को अन्तर्राष्ट्रीय पहचान दिलाई है, परन्तु समय के साथ इनकी शारीरिक क्षमता में कमी आ जाती है। फलतः इनकी आय जनन क्षमता भी घट जाती है। इनके अनुत्पादक शेष जीवन काल के लिए राज्य सरकार द्वारा आर्थिक सहयोगा प्रदान किया जा रहा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि इस योजना की गम्भीरता को देखते हुए पूरी पारदर्शिता एवं तत्परता बरती जाय।
श्री अग्रवाल ने सूक्ष्य, लघ,ु उद्यम क्लस्टर विकास योजना की विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत फर्रूखाबाद एवं हरदोई के ज़रदोजी कारखानों को पेटेंट कराया जाये। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि इस योजना के तहत जो प्रस्ताव भारत सरकार में विचारीधीन है, उनकी सूची तैयार की जाय ताकि भारत सरकार से इसके शीघ्र क्रिन्यानवयन हेतु अनुरोध किया जा सके।
श्री अग्रवाल ने बैठक के दौरान अनुसूचित जाति/जनजाति के व्यक्तियों के प्रशिक्षण की योजना, महिला उद्यमी प्रोत्साहन योजना, निर्यात प्रोत्साहन योजना, विपणन विकास सहायता योजना आदि पर विस्तार से चर्चा की। साथ ही वे इन योजनाएं की प्रगति से भी अवगत हुए।

 

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