मेलबर्न: 2011 विश्व कप में युवराज सिंह की बेहतरीन बल्लेबाजी के साथ-साथ उनकी गेंदबाजी ने भी टीम इंडिया को चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। युवी ने उस विश्व कप में 15 विकेट झटके थे लेकिन अगर कप्तान धौनी की मानें तो युवी की गेंदबाजी ही वो कारण बनी जिसकी वजह से आज वो टीम से बाहर हैं।
ये था कारणः
दरअसल, कप्तान धौनी के मुताबिक मौजूदा नए नियमों में युवराज की गेंदबाजी प्रभावी नहीं होती। नए नियम के हिसाब से 30 गज के घेरे के बाहर सिर्फ चार फील्डर ही रखे जा सकते हैं और ये सेटिंग युवराज की गेंदबाजी के साथ तालमेल नहीं बनाती। धौनी ने कहा, ‘आपने देखा होगा कि जब नियम बदले तो उसके बाद युवी ने ज्यादा गेंदबाजी नहीं की। हमे ये मानना होगा कि जब नियम बदले (फील्डिंग नियम) तब युवी की गेंदबाजी पर भी प्रभाव पड़ा, हालांकि टी20 में उनकी गेंदबाजी जारी है।’
-सचिन और सहवाग भी हुए प्रभावहीनः
इसके साथ ही धौनी ने टीम से बाहर चल रहे वीरेंद्र सहवाग और पूर्व दिग्गज सचिन तेंदुलकर के बारे में भी कहा कि इस नए नियम की वजह से वीरू और सचिन जैसे पार्ट टाइम गेंदबाजों का भी वो इस्तेमाल नहीं कर पा रहे थे। धौनी का कहना है कि वो कभी चार फील्डर के इस फॉर्मूले के पक्ष में नहीं रहे। धौनी ने कहा, ‘इस फील्डिंग नियम के आने से पहले वीरू पाजी, सचिन पाजी और युवी काफी गेंदबाजी करते थे और हम उन पर निर्भर भी रहते थे लेकिव वे पार्ट टाइम गेंदबाज थे, ऐसे में अच्छे बल्लेबाजी विकेट पर उन्हें मुश्किल होती थी।’
रैना का लिया पक्षः
धौनी ने इसी कड़ी में सुरेश रैना का पक्ष लेते हुए कहा कि युवी की गैरमौजूदगी में रैना अच्छा विकल्प हैं। धौनी ने कहा, ‘अगर विकेट से कुछ मदद मिलती है तो रैना अच्छा विकल्प हैं। साथ ही वो बाएं हाथ के बल्लेबाजों को भी अच्छी लाइन से गेंद करते हैं। आयरलैंड के खिलाफ मुझे उनकी जरूरत महसूस हुई थी। यूं तो शिखर और रोहित भी पार्ट टाइम गेंदबाज हैं लेकिन मैं उनका इस्तेमाल सिर्फ तब कर सकता हूं जब विकेट पूरी तरह से गेंदबाजों के पक्ष में हो।’
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