36 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

बाधाओं के बावजूद शुद्ध हवा और नीले आसमान के साथ हरी-भरी धरती औद्योगिक गतिविधि के साथ संभव: प्रकाश जावडेकर

देश-विदेश

केंद्रीय पर्यावरण,वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि भारत सरकार कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है। आज नई दिल्ली में 15वें स्थिरता सम्मेलन,2020 के दौरान सतत और आत्म-निर्भर भारत के लिए कार्य योजना पर विशेष सत्र को संबोधित करते हुएउन्होंने उम्मीद जताई कि भारत अगले 10 वर्षों में कार्बन उत्सर्जन को 35 प्रतिशत कम करने के लक्ष्य को प्राप्त कर लेगा। उन्होंने कहा कि देश की सौर ऊर्जा क्षमता तेजी से बढ़ रही है और यह भी बताया कि 68 देशों ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन समझौते की पुष्टि की है।

भारत को आत्म-निर्भर बनाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए भारत सरकार के आत्म-निर्भर कार्यक्रम के बारे में बात करते हुए केंद्रीय मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि आत्म-निर्भर होने का मतलब दुनिया से अलग-थलग होकर रहना नहीं बल्कि यह दुनिया के साथ और अधिक जुड़ने का साधन है। नवाचार और अनुसंधान सफलता की कुंजी बन जाते हैं। उन्होंने कहा कि ज़ोर नवाचार और अनुसंधान पर दिया जा रहा है और आयात कम करने तथा निर्यात बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं।उन्होंने कहा कि भारत को नवाचारों में अग्रणी बनना चाहिए औरनवाचार करना शुरू कर देना चाहिए क्योंकि अनुसंधान और नवाचार ही देश को अगले दशक या उसकेआगे विकास के मामले में अगले स्तर तक ले जाने की कुंजी है।

पर्यावरण मंत्री ने कहा किबाधाओं के बावजूद कोविड-19 के बाद शुद्ध हवा और नीले आसमान के साथ धरती को हरा-भरा बनाए रखना महत्वपूर्ण हैऔर औद्योगिक गतिविधियों के साथ-साथ ऐसा करना संभव है। उन्होंने कहा कि भारत के पास पूरी दुनिया की केवल 2.5 प्रतिशत भूमि, मीठे पानी के संसाधनों का 4 प्रतिशत और दुनिया की लगभग 20 प्रतिशत आबादी है,लेकिन अब भी इसके पास दुनिया की 8 प्रतिशत जैव विविधता है क्योंकि वनस्पतियां और जीव-जंतु भारतीय संस्कृति में हमारे जीवन का हिस्सा हैं।

केंद्रीय मंत्री ने स्थिरता को बढ़ावा देने पर ज़ोर दिया क्योंकि केवल यही मानव जाति को प्रकृति के प्रकोप से बचा सकता है। उन्होंने विभिन्न देशों से स्थिरता को बढ़ावा देने के मामले में अपने केस स्टडी प्रस्तुत करने की अपील की।

केंद्रीय मंत्री श्री जावडेकर ने पिछले कुछ वर्षों में हरियाली वृद्धि की दिशा में देश की उपलब्धि पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन पर बात कर रहा है। उन्होंने कहा कि उज्ज्वला,ई-वाहन,बीएस-VI इंजन,जैव ईंधन, शुद्ध वायु और आपदा लचीलापन पर हमारा काम एक टिकाऊ और लचीला भारत का मार्ग प्रशस्त करता है। श्री जावडेकर ने कहा कि कार्बन उत्सर्जन में 35 प्रतिशत कमी का लक्ष्य रखते हुएहम 21 प्रतिशत तक पहुंच गए हैंऔर अगले 10 वर्षों मेंहम आवश्यक 220 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करेंगे,जिनमें सौर और पवन ऊर्जा सहित कुल 87 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा का लक्ष्य हासिल कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि स्थापित क्षमता में हमारी ऊर्जा मिश्रण में अब 37 प्रतिशतअक्षय ऊर्जा स्रोत शामिल हैं।

http://164.100.117.97/WriteReadData/userfiles/image/image002ZE1J.jpg

आत्म-निर्भर भारत के लिएकरुणामय पूंजीवाद पर अपने विचार रखते हुए श्री संजीव पुरी,अध्यक्ष,सलाहकार परिषद, सीआईआई – आईटीसी सेंटर फॉर एक्सीलेंस फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट और अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, आईटीसी लिमिटेड ने कहा कि स्थिरता की कार्यनीतियां व्यवसाय के लिए अभिन्न अंग हैं। भारतीय उद्योग परिसंघ के महानिदेशक श्री चंद्रजीत बनर्जी ने एक आत्म-निर्भर और टिकाऊ भारत के लिए समावेशी सुधार की भूमिका पर जोर दिया।

स्थिरता सम्मेलन स्थिरता पर भारतीय उद्योग परिसंघ काप्रमुख वार्षिक कार्यक्रम है जिसकी शुरूआत 2006 में संवाद,अभ्यास और स्थायी व्यवसाय के प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए की गई थी। ‘15वीं स्थिरता सम्मेलन- अगले दशक के लिए कार्य योजना’को आगामी दशक को आकार देने, कोविड-19 से सबक सीखने, और यह दर्शाने के लिए कि कैसे नवाचार, प्रौद्योगिकी और नई प्रणाली की सोच के वाहक हमें अधिक टिकाऊ बनाने में मदद कर सकते हैं, पर ध्यान केंद्रित करने के लिए बनाया गया है।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More