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डेंगू की स्थिति व इस पर तैयारियों का जायजा लेते हुए: मुख्यमंत्री हरीश रावत

उत्तराखंड
देहरादून: हर बुखार डेंगू नहीं होता है। डेंगू से घबराने की जरूरत नहीं है। वर्तमान में राज्य में डेंगू पर स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। गुरूवार को सचिवालय में डेंगू की स्थिति व इस पर तैयारियों का जायजा लेते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने निर्देश दिए कि डेंगू से बचने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं, इसके संबंध में लोगों को जागरूक किया जाए।

प्राईवेट स्कूलों सहित सभी स्कूलों में तत्काल प्रभाव से बच्चों का पूरी स्लीव के कपड़ों में आना अनिवार्य किया जाए। जो स्कूल इन आदेशों की अवहेलना करे, उनपर सख्त कार्यवाही की जाए।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि आम लोगों में डेंगू को लेकर जो डर बन रहा है, उसे दूर किए जाने की जरूरत है। स्वास्थ्य विभाग प्रतिदिन अखबारों में विज्ञापन देकर लोगों को बताए कि हर बुखार डेंगू नहीं होता है। डेंगू के प्रारम्भिक लक्षण क्या होते हैं और इससे बचाव के लिए लोगों द्वारा क्या-क्या उपाय किए जाने चाहिए। यह भी प्रमुखतया से बताया जाए कि बुखार होने पर पेरासिटामोल लिया जाए। किसी भी दशा में एस्प्रीन न लिया जाए। प्राईवेट स्कूलों को स्पष्ट निर्देश कर दिए जाएं कि 30 अक्टूबर तक बच्चों के लिए फुल स्लीव के कपड़े पहनना अनिवार्य है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हालांकि अभी स्थित साधारण ही है परंतु हमारी तैयारियां पूरी रहनी चाहिए। जिलाधिकारी व नगर निगम के अधिकारी छोटे छोटे गड्ढों को भरवाना सुनिश्चित करें। स्वास्थ्य विभाग एक डेंगू हेल्प लाईन प्रारम्भ करे। सभी सरकारी भवनों में पानी की टंकियों पर ढक्कन लगा होना सुनिश्चित किया जाए। साथ ही जनता को भी प्रेरित किया जाए कि वे घरों की टंकियों को ढ़क कर रखें। जलनिगम व जलसंस्थान सुनिश्चित करें कि जहां-जहां भी पेयजल लाईनों व सार्वजनिक स्थानों पर रखी टंकियों से पानी का रिसाव हो रहा हो, उसे अविलम्ब बंद किया जाए। स्वास्थ्य विभाग एसएमएस व अन्य माध्यमों से जागरूकता के संदेश जनता को दें। विशेष तौर पर देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल व ऊधमसिहनगर में सावधानी बरते जाने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग चारों मैदानी जिलों में डेंगू के डेडिकेटेड वार्ड बनाए। बड़े अस्पतालों में 30-40 बिस्तर जबकि छोटे अस्पतालों में भी 4-5 बिस्तरों की व्यवस्था डेंगू के सम्भावित मामलों के लिए रखी जाए। यहां मच्छरदानियां पर्याप्त संख्या में हों। आशा कार्यकत्रियों को निर्देश दे दिए जाएं कि वे अपने स्तर पर पेरासिटामाॅल की टैबलेट व सिरप खरीद कर रखें जिसकी प्रतिपूर्ति शीघ्र कर दी जाए। जिलाधिकारी अन्य विभागीय अधिकारियों के समन्वय से 7 दिनों के लिए विशेष सफाई अभियान चलाएं। ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम प्रधानों का इसमें सहयोग लिया जाए। मलिन व अर्धमलिन बस्तियों में जागरूकता पर प्राथमिकता दी जाए। तालाबों में भी डेंगू मच्छर के लार्वा को मारने के लिए आवश्यक दवाई का छिड़काव किया जाए। बैठक में बताया गया कि इस समय खुले क्षेत्रों में फोगिंग न करवाकर घरों के भीतर फोगिंग की जानी चाहिए। प्लेटलेट्स की कम्पोनेंट सेंक्टर यूनिट की वर्तमान में समस्या नहीं है।

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