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दिल्ली में नहीं चबा सकेंगे हर तरह का तंबाकू

देश-विदेश

नई दिल्ली: दिल्ली में तंबाकू रोधी कानून और सख्त होने जा रहा है। अब हर तरह के चबाए जाने वाले तंबाकू की बिक्री पर रोक लगाई जाएगी जिसमें गुटखे के अलावा खैनी और जर्दा भी शामिल है ।

सितंबर 2012 में शीला दीक्षित सरकार ने गुटखे की बिक्री पर बैन लगाने के लिए नोटिफिकेशन जारी की थी, लेकिन इसे लागू करने में बरती जा रही कोताही और अन्य कमियों को दूर करने के लिए दिल्ली सरकार अब नई नोटिफिकेशन जारी करने जा रही है।

सूत्रों का कहना है कि तंबाकू पर लगाए गए बैन का रिव्यू करने पर पता चला कि कई वजहों से यह प्रभावी नहीं हो पा रहा है। इसमें एक वजह यह है कि पिछली नोटिफिकेशन में लिखी गई कुछ बातों का मतलब साफ नहीं है। एक सीनियर ऑफिसर ने बताया, ‘कई कंपनियां कच्चा तंबाकू और सुपारी अलग-अलग सैशे में बेचकर कानून की आंखों में धूल झोंक रही है। इससे तो बैन लगाने का कोई मतलब ही नहीं रह गया है।’

अधिकारी ने बताया कि इस बारे में पहले भी लेफ्टिनेंट गवर्नर को एक प्रपोजल भेजा गया था, लेकिन कोई ऐक्शन नहीं लिया गया। उन्होंने कहा, ‘नई नोटिफिकेशन में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर तरह के चबाए जाने वाले तंबाकू पर बैन लगे। कच्चे तंबाकू में खैनी और जर्दा जैसे प्रॉडक्ट शामिल हैं।’ अब एक नया प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, जिसे दोबारा लेफ्टिनेंट गवर्नर को भेजा जाएगा। इसके अलावा दिल्ली सरकार केंद्र को लेटर लिखकर उत्तर प्रदेश और हरियाणा में भी गुटखा बैन करने के लिए कहेगी।

बहुत से ऐक्टिविस्ट मांग करते रहे हैं कि महाराष्ट्र की तर्ज पर पुलिस को उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की छूट मिलनी चाहिए, जो बैन किए गए प्रॉडक्ट्स को बेच रहे हैं। दिल्ली में फूड इंस्पेक्टर्स को यह काम करना होता है, लेकिन उनकी संख्या बहुत कम है। चबाने योग्य तंबाकू बेचते का दोषी पाए जाने पर 6 महीने का सजा या 3 लाख रुपये तक जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।

गौरतलब है कि देश के कई राज्यों में तंबाकू उत्पादों की बिक्री और इस्तेमाल रोकने की कोशिश की जा रही है। इसका इस्तेमाल रोकने के लिए महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री ने अनोखा प्रस्ताव रखा है। उन्होंने राज्य के कानून और न्याय विभाग के पास प्रस्ताव भेजा है कि तंबाकू थूकने के अलावा अगर कोई शख्स सार्वजनिक जगहों पर इसे चबाते हुए दिखता है, तो उसे एक दिन के लिए ‘सरकारी स्वीपर’ बनना पड़ेगा। उसे आठ घंटे के लिए सरकारी कार्यालय या हॉस्पिटल में सफाई का काम करना पड़ेगा।

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