27 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

संस्कृति किसी भी राष्ट्र की आत्मा होती है और राष्ट्र एक जीता जागता स्वरूप होता है: मुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेश

लखनऊउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि महोत्सव पुरातन एवं नूतन का संगम होना चाहिए। इसमें अपनी विरासत के साथ-साथ विकास का भी प्रदर्शन होना चाहिए। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि गोरखपुर महोत्सव में इसका समावेश किया गया है। उन्होंने तीन दिवसीय गोरखपुर महोत्सव के सफल आयोजन के लिए आयोजन समिति को बधाई दी।

मुख्यमंत्री जी ने लोगों को मकर संक्रान्ति की बधाई देते हुए कहा कि गोरखपुर में गोरखनाथ सिद्धपीठ का अध्यात्म के क्षेत्र में विशेष योगदान है। वर्षों से प्रत्येक वर्ष मकर संक्रान्ति पर यहां एक माह का खिचड़ी मेला आयोजित होता है, जहां दूर दूर से लाखों लोग खिचड़ी चढ़ाने आते हैं। उन्होंने कहा कि महोत्सव में पूर्वांचल की विरासत, यहां के गीत, संगीत, कला, संस्कृति, शिल्प का प्रदर्शन किया गया है। यहां सरकारी विभागों द्वारा अपनी उपलब्धियां प्रदर्शित की गयी हैं। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि इस महोत्सव में समाज के सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व मिला है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस प्रकार के महोत्सव प्रदेश के सभी जनपदों में आयोजित किए जाएंगे और लोगों को जोड़ा जाएगा। इस अवसर पर मंथन पत्रिका, अभ्युदय स्मारिका का विमोचन एवं विकास से सम्बंधित वीडियो की लाॅन्चिंग की गयी। उन्होंने महोत्सव में विभिन्न विभागों द्वारा लगाये गये प्रदर्शनी/स्टाॅल का विधिवत निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि संस्कृति किसी भी राष्ट्र की आत्मा होती है और राष्ट्र एक जीता जागता स्वरूप होता है। विगत दो वर्षों से गोरखपुर महोत्सव के आयोजन पर बधाई देते हुए कहा कि महोत्सव में हर स्तर के कलाकारों को मंच प्रदान किया जाये। उन्होंने कहा कि योग की परम्परा को पूरी दुनिया ने स्वीकार किया है। कुल 172 देश योग के साथ जुुड़कर गौरव महसूस करते हैं। योग की परम्परा भारत ने ही दुनिया को दी है। प्रतिवर्ष 21 जून को योग दिवस के रूप मनाया जाता है।

मुख्यमंत्री जी ने कुम्भ में सभी को आमंत्रित करते हुए कहा कि वहां श्रद्धालुओं के लिए बेहतर व्यवस्था, सुरक्षा की समुचित व्यवस्था की गयी है, ताकि किसी भी श्रद्धालु को कोई दिक्कत न होने पाये। यूनेस्को ने कुम्भ को सांस्कृतिक धरोहर के रूप माना है। उन्होंने कहा कि कुम्भ का श्रेत्रफल 1700 हेक्टेयर से बढ़ाकर 3200 हेक्टेयर किया गया है। कुम्भ में पूरे देश के कलाकारों को मंच प्रदान किया गया हैै और 45 दिनों तक 5 मंचों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे। वहां स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा गया है और साफ-सफाई के साथ-साथ सुरक्षा की समुचित व्यवस्था है। उन्होंने स्वच्छता के प्रति जन जागरूकता लाने को कहा। उन्होंने कहा कि कूड़ा कचरा इधर-उधर नालियों में न फेंका जाए, क्योंकि गंदगी से अनेकानेक बीमारियां पनपती हैं।

इस अवसर पर पर्यटन मंत्री डाॅ0 रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि संस्कृति हमारी पहचान है और भारत की पहचान उसकी संस्कृति से ही है। उन्होंने गोरखपुर महोत्सव के आयोजन पर बधाई देते हुए कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में विकास हेतु यहां असीम संभावनाएं हैं। पर्यटन केवल मनोरंजन ही नहीं, बल्कि रोजगार को जोड़ने एवं संस्कृति को समझने का अवसर देता है। प्रदेश विकास के पथ पर निरन्तर अग्रसर है।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव पर्यटन, सूचना श्री अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि देश में पर्यटन के क्षेत्र में प्रदेश दूसरे स्थान पर है। पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई योजनाएं चलायी गयी हैं। गोरखपुर एवं आसपास के क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि गोरखपुर में लिटरेचर फेस्टिवल, एडवेंचर स्पोट्र्स एवं वाॅटर स्पोट्र्स कार्यक्रम आयोजित करने के साथ ही आगामी महोत्सव में स्थानीय कलाकारों को अधिकाधिक अवसर दिया जाये।

मण्डलायुक्त श्री अमित गुप्ता ने मुख्य अतिथि सहित सभी उपस्थित अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि गोरखपुर महोत्सव में पुस्तक मेले का आयोजन किया गया है और बुक रीडिंग फेस्टिवल भी आयोजित हुआ। उन्होंने बताया कि 70 से अधिक विद्यालयों में लाइब्रेरी प्रारम्भ की जाएंगी। उन्होंने कहा कि महोत्सव में लगभग 50 हजार छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम, विज्ञान प्रदर्शनी, नृत्य संगीत एवं टैलेण्ट जैसी प्रतियोगिताओं में भाग लिया गया। उन्होंने कहा कि इसमें खेल-कूद की विभिन्न प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गयी हैं।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More