31 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

ज्‍यादातर राज्‍यों ने स्‍ट्रीट वेंडर्स अधिनियम के तहत नियमों और योजनाओं को अधिसूचित किया

देश-विदेश

नई दिल्ली: आवास एवं शहरी मामलों के राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री हरदीप एस. पुरी ने यह जानकारी दी है कि ज्‍यादातर राज्‍यों ने स्‍ट्रीट वेंडर्स अधिनियम के तहत अपने-अपने संबंधित नियमों और योजनाओं को तैयार करने के साथ-साथ उन्‍हें अधिसूचित भी कर दिया है। उन्‍होंने कहा, ‘सेंटर फॉर सिविल सोसायटी द्वारा तैयार अनुपालन सूचकांक के तहत अधिनियम के विभिन्‍न मापदंडों के कार्यान्‍वयन के आधार पर विभिन्‍न राज्‍यों की रैंकिंग की जाती है। मुझे यह उम्‍मीद है कि शेष राज्‍य भी इन नियमों और योजनाओं को अधिसूचित करने के लिए शीघ्र ही कदम उठाएंगे, ताकि स्‍ट्रीट वेंडर्स (रेहड़ी-पटरी वाले) को इस अधिनियम के प्रावधानों के विस्‍तार की सुविधा मिल सके।’ श्री पुरी आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा आज नई दिल्‍ली में स्‍ट्रीट वेंडर्स पर आयोजित राष्‍ट्रीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। हरियाणा की श्रीमती कविता जैन और उत्‍तराखंड के श्री मदन कौशिक सहित विभिन्‍न राज्‍यों के आवास एवं शहरी विकास मंत्री, आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय में सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्रा, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (एनयूएलएम) के निदेशक श्री संजय कुमार और कई संगठनों के हितधारक भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

स्‍ट्रीट वेंडर्स अधिनियम के प्रभावी होने के बाद स्‍ट्रीट वेंडर्स पर आयोजित कार्यशाला आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय की ओर से इस तरह की प्रथम पहल है। इसके दौरान मुख्‍य रूप से देश में वेंडिंग (बिक्री) अनुकूल परिवेश बनाने से संबंधित मुद्दों पर फोकस किया गया। कार्यशाला का उद्देश्‍य स्‍ट्रीट वेंडर्स अधिनियम के कार्यान्‍वयन से जुड़े सभी हितधारकों को एक फोरम उपलब्‍ध कराना है, ताकि वे अपने-अपने अनुभवों को साझा कर सकें और अपने समकक्षों से कुछ विशेष जानकारियां प्राप्‍त कर सकें। शहरी क्षेत्रों में स्‍ट्रीट वेंडिंग से जुड़े मुद्दे और इंडिया गेट के निकट राजपथ पर विभिन्‍न राज्‍यों के स्‍वयं सहायता समूहों (एसएचजी) से संबंधित महिलाओं द्वारा तैयार किये गये उत्‍पादों की लगाई गई प्रदर्शनी इस कार्यशाला की प्रमुख विशेषताएं होंगी। यह प्रदर्शनी ‘शहरी समृद्धि उत्‍सव’ का एक हिस्‍सा है और यह आज से लेकर अगले 10 दिनों तक जारी रहेगी। इस दौरान एक ‘स्‍ट्रीट फूड फेस्टिवल’ भी आयोजित किया जा रहा है, जिसमें लगभग सभी राज्‍यों के स्‍ट्रीट वेंडर्स इसमें आने वाले लोगों या आगंतुकों के समक्ष अपने-अपने स्‍थानीय व्‍यंजन परोसेंगे।

स्‍ट्रीट वेंडिंग दरअसल आर्थिक विकास प्रक्रिया का एक अभिन्‍न हिस्‍सा है और यह शहरी आपूर्ति श्रृंखला में प्रमुख भूमिका निभाती है, क्‍योंकि इसके जरिये गरीबों सहित आबादी के सभी तबकों को अत्‍यंत सुविधाजनक ढंग से सस्‍ती वस्‍तुएं एवं सेवाएं मिल जाया करती हैं। अत: यह स्थिति स्‍ट्रीट वेंडिंग से जुड़े कार्य के प्रति सरकार की ओर से सकारात्‍मक कदम उठाये जाने की जरूरत को रेखांकित करती है। इस संदर्भ में वर्ष 2014 में बना स्‍ट्रीट वेंडर्स (आजीविका का संरक्षण एवं स्‍ट्रीट वेंडर्स को मान्‍यता) अधिनियम शहरों में रेहड़ी-पटरी लगाने वालों के अधिकारों के संरक्षण और स्‍ट्रीट वेंडिंग से जुड़ी गतिविधियों के नियमन में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाता है। स्‍ट्रीट वेंडर्स अधिनियम, 2014 में इस बात का उल्‍लेख किया गया है कि स्‍ट्रीट वेंडर्स की संख्‍या किसी भी शहर की कुल आबादी में 2.5 प्रतिशत तक होती है।

दीनदयाल अंत्‍योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डीएवाई-एनयूएलएम) के एक प्रमुख घटक ‘शहरी स्‍ट्रीट वेंडर्स को सहायता (एसयूएसवी)’ का उद्देश्‍य वेंडिंग अनुकूल बुनियादी ढांचागत सुविधाओं के सृजन के जरिये शहरी स्‍ट्रीट वेंडर्स की चिंताओं को दूर करना है। एसयूएसवी का लक्ष्‍य बहुआयामी रणनीति के जरिए शहरी स्‍ट्रीट वेंडर्स की असुरक्षित स्थिति को समाप्‍त करना है। स्‍ट्रीट वेंडर्स का सर्वेक्षण कराना, आईडी कार्ड जारी करना, शहरों में स्‍ट्रीट वेंडिंग जोन एवं वेंडिंग योजनाओं को विकसित करना, बुनियादी ढांचागत विकास करना, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास, वित्‍तीय समावेश, ऋणों तक पहुंच और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जुड़ाव इस बहुआयामी रणनीति में शामिल हैं।

कार्यशाला के दौरान इन विषयों पर सत्र आयोजित किये जा रहे हैं- 1) स्‍ट्रीट वेंडर्स (आजीविका का संरक्षण एवं स्‍ट्रीट वेंडर्स को मान्‍यता) अधिनियम, 2014 का कार्यान्‍वयन -मुद्दे एवं शिकायतें, 2) स्‍ट्रीट वेंडर्स अधिनियम और शहरी स्‍ट्रीट वेंडर्स को सहायता (एसयूएसवी) के कार्यान्‍वयन से जुड़े सर्वोत्‍तम तौर-तरीके या प्रथाएं, 3) शहरी स्‍थानीय निकायों (यूएलबी) में स्‍ट्रीट वेंडिंग का नियमन – चुनौतियां और आगे की राह।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More