29 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

धर्मेंद्र प्रधान की दुनिया भर में फैले भारतीय छात्रों से अपील- आओ, भारत में नवाचार करो

देश-विदेश

नई दिल्ली: पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने दुनिया के शीर्ष विश्वविद्यालयों में पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों से देश में उभरते अवसरों का पता लगाने के लिए भारत आने और नवाचार करने की अपील की है। श्री प्रधान कल भारत में अंतिम मील ऊर्जा उपयोग पर युवा विदेशी भारतीय विद्वानों,छात्रों और दोस्तों के एक उत्साही समूह के साथ बातचीत कर रहे थे। इस ई-बैठक का आयोजन प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के लीड इंडिया ग्रुप,थिंक इंडिया पर्ड्यू,मैरीलैंड विश्वविद्यालय में डेवलप एम्पावर एंड सिनरगाइज इंडिया ग्रुप ने किया था।

भारत की ऊर्जा दृष्टि को ध्यान में रखते हुएश्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के ऊर्जा भविष्य के लिए एक स्पष्ट रोडमैप की कल्पना की है जो पांच प्रमुख तत्वों जैसे ऊर्जा उपलब्धता और सभी के लिए सुलभता, गरीबों में सबसे गरीब लोगों के लिए ऊर्जा सामर्थ्य,ऊर्जा के उपयोग में दक्षता,एक जिम्मेदार वैश्विक नागरिक के रूप में जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए ऊर्जा स्थिरता और वैश्विक अनिश्चितताओं को कम करने के लिए ऊर्जा सुरक्षा पर आधारित है।

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के बारे में बताते हुए श्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि हमने 2016 में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) की शुरुआत की। इसका उद्देश्य 80 मिलियन गरीब परिवारों को मुफ्त में एलपीजी रसोई गैस कनेक्शन प्रदान करना है। मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हम 80 मिलियन ग्राहकों के लक्ष्य को निर्धारित समय से पहले ही प्राप्त कर चुके हैं। इसके साथ ही,एलपीजी कनेक्शन अब भारत के 98% घरों में उपलब्ध हैं जो वर्ष 2014 में महज 56%से काफी अधिक है।

श्री प्रधान ने तेल और गैस क्षेत्र में आत्म-निर्भरता के बारे मेंकहा कि पीएम मोदी ने 2022 तक ऊर्जा आयात पर निर्भरता में 10 प्रतिशत की कमी करने का लक्ष्य रखा है। इस संबंध में,सरकार ने घरेलू तेल और गैस का उत्पादन बढ़ाने और देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भरता कम करने के लिए कई नीतियां लागू करने के साथ-साथ प्रशासनिक उपाय भी किए हैं।

श्री धर्मेंद्र प्रधान ने भारत की ऊर्जा कूटनीति के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि भारत ने वैश्विक ऊर्जा मानचित्र में अपनी उपस्थिति महसूस कराई है। भारत पीएम मोदी के नेतृत्व में ऊर्जा की उचित और किफायती कीमत की मांग करने वाले देशों की आवाज बुलंद कर रहा है। उन्होंने कहा कि हम विश्व ऊर्जा चर्चा में ओपेक, आईईए, आईईएफ और अन्य सभी प्रमुख संस्थाओं के साथ जुड़े हैं। भारत आपूर्ति स्रोतों के विविधीकरण की नीति के तहत अमेरिका,रूस,सऊदी अरब,यूएई और सभी प्रमुख ऊर्जा उत्पादक देशों के साथ जुड़ा है।

भारत के गैस आधारित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ने के बार में बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारत कोविड-19से उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने के बावजूद एशिया में गैस की मांग में वृद्धि के प्राथमिक कारकों में से एक के रूप में उभरने के लिए तैयार है। आजभारत के ऊर्जा मिश्रण में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी लगभग 6.3% है। उन्होंने बताया कि भारत ने 2030 तक प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी को 15% तक बढ़ाने के लिए एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया।

श्री धर्मेंद्र प्रधान ने मौजूदा महामारी पर कहा कि हम कोविड-19 महामारी के प्रकोप के बीच में हैं जिसने हमारे जीवन की मूलभूत धारणाओं को चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि तत्काल आर्थिक प्रभाव हमारी विकास की गति को धीमा कर सकता है, लेकिन हमारे पास थोड़ा रुकने, पुनर्विचार करने और नया स्वरूप देने के अवसर भी हैं।

श्री धर्मेंद्र प्रधान ने महामारी के दौरान घोषित किए गए आर्थिक पैकेज के बारे में बताते हुएकहा किप्रधानमंत्री मोदी ने कोविड-19 महामारी के प्रभाव से निपटने के लिए265बिलियन डॉलर के बड़े प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की है जो भारत के सकल घरेलू उत्पाद के 10% हिस्से के बराबर है। उन्होंने कहा कि आत्म-निर्भर भारत के लिए बड़े सुधारों की घोषणा की गई जो कोविड-19 की चुनौतियों को एक अवसर में बदलने और भारत को 21वीं सदी का वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने के लिए है। श्री प्रधान ने कहा कि इन सुधारों के लिए ऊर्जा बुनियादी ढांचा एक अभिन्न अंग है।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More