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मुख्यमंत्री ने वित्तीय वर्ष 2015-16 के लिए 03 लाख 02 हजार 687 करोड़ रु0 का बजट प्रस्तुत किया, जो पिछले बजट से 10.2 प्रतिशत अधिक है, राज्य सरकार की योजनाओं का सीधा लाभ कमजोर वर्गों के, किसानों, ग्रामीणों, मजदूरों, महिलाओं, अल्पसंख्यकों, पिछड़ों और अनुसूचित जातियों, जनजातियों को मिला

उत्तर प्रदेश
लखनऊ: 24 फरवरी, 2015, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने आज विधान सभा में वित्तीय वर्ष 2015-16 के लिए 03 लाख 02 हजार 687 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तुत किया। यह आकार वर्तमान वित्तीय वर्ष 2014-15 के बजट के सापेक्ष 10.2 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने बजट को समाजवादी सरकार के मूल्यों और प्रतिबद्धताओं का आईना बताते हुए कहा कि यह बजट जनता की आशाओं और आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है। प्रस्तुत बजट में पंूजीगत परिव्यय के तहत 63,154 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जो वर्तमान वित्तीय वर्ष से लगभग 12.8 प्रतिशत अधिक है।

बाद में विधान भवन स्थित तिलक हाॅल में मीडिया प्रतिनिधियों से वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अवस्थापना सुविधाओं में सुधार के बिना प्रदेश का सर्वांगीण एवं स्थायी विकास सम्भव नहीं है। इसलिए प्रस्तुत बजट में सड़क, सिंचाई एवं ऊर्जा क्षेत्र को प्राथमिकता दी गई है। आगामी वित्तीय वर्ष के लिए सड़क, सेतु, सिंचाई और ऊर्जा के विकास एवं सुदृढ़ीकरण योजनाओं के लिए 51,516 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है, जो वर्ष 2014-15 से लगभग 05 प्रतिशत अधिक है।
वर्ष 2015-16 के बजट को समावेशी एवं सहभागी बजट बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें एक ओर अवस्थापना सुविधाओं के विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है, वहीं दूसरी ओर गांव, गरीब और किसान के हितों का भी पूरा ख्याल रखा गया है। उन्होंने कहा कि बजट में कोई नए कर का प्रावधान नहीं किया गया है। वित्तीय अनुशासन तथा कार्यकुशलता के आधार पर सरकारी राजस्व बढ़ाने एवं व्यय कम करने के सिद्धान्त पर यह बजट आधारित है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013-14 के अनुमानों के अनुसार प्रदेश की विकास दर 5 प्रतिशत आकलित हुई है, जो देश की विकास दर 4.7 प्रतिशत से अधिक है। राज्य सरकार प्रदेश की विकास दर 10 प्रतिशत करने के लिए प्रयासरत है।
श्री यादव ने कहा कि सड़कों एवं सेतुओं के लिए 17,871 करोड़ रुपये, विद्युत व्यवस्था के लिए 25,764 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। बजट में 9388.79 करोड़ रुपये की नई योजनाएं सम्मिलित करने की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा किसी नये कर का प्रस्ताव नहीं किया गया है, जबकि राजस्व संकलन में और अधिक कुशलता अपनाते हुए आय में बढ़ोत्तरी का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा जहां अवस्थापना विकास पर ध्यान दिया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर सामाजिक क्षेत्र के कल्याण के लिए भी पर्याप्त धनराशि की व्यवस्था की गई है। अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, विकलांग तथा सामान्य वर्ग के गरीब व्यक्तियों के कल्याण की योजनाओं के लिए 26,231 करोड़ रुपये का प्रावधान प्रस्तावित है। समाजवादी पेंशन योजना का विस्तार करते हुए अब 45 लाख लाभार्थियों को इस योजना से आच्छादित करने हेतु 2,727 करोड़ रुपये, अल्पसंख्यक कल्याण के लिए 2,776 करोड़ रुपये, आसरा योजना के अन्तर्गत लगभग 08 हजार आवासहीन परिवारों को लाभान्वित करने के लिए 300 करोड़ रुपये का प्रावधान भी प्रस्तावित है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी विचारधारा के लोगों की कथनी और करनी में कभी कोई फर्क नहीं रहा है। इसीलिए पिछले वर्षाें के बजट के माध्यम से जनता से किए वायदों को पूरा करने को सर्वाेच्च प्राथमिकता दी गई। इन वर्षाें में प्रदेश की विकास दर देश की विकास दर से अधिक रही। इसके अलावा, सरकार तमाम ऐसे निर्णयों को सफलतापूर्वक लागू करने में कामयाब रही, जिसका सीधा लाभ समाज के कमजोर वर्गांे, किसानों, ग्रामीणों, मजदूरों, महिलाओं, अल्पसंख्यकों, पिछड़ों और अनुसूचित जातियों, जनजातियों को मिला। उन्होंने वर्ष 2015-16 में किसान वर्ष के रूप में कार्य करने की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कहा कि गांव और किसानों के चैतरफा विकास एवं कल्याण के लिए किसानों से सम्बन्धित व्यवसायों पर बल दिया जाएगा। कृषि शिक्षा पाए युवाओं को स्वालम्बी बनाने एवं किसानों को कृषि निवेश तथा अन्य उपयोगी सामग्री निकट स्थानों पर उपलब्ध कराने के लिए 01 हजार ‘एग्री जंक्शन’ स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए युवाओं को ऋण के ब्याज पर 05 प्रतिशत की दर से अनुदान दिया जाएगा।
गांव को ब्लाॅक, तहसील और जिला मुख्यालयों से जोड़ने के लिए लोहिया ग्रामीण परिवहन सेवा के तहत 100 करोड़ रुपये प्रस्तावित है। इसी प्रकार कृषक दुर्घटना बीमा योजना के लिए 600 करोड़ रुपये तथा गन्ना किसानों को चीनी मिलों द्वारा गन्ना मूल्य के भुगतान हेतु 1152 करोड़ रुपये एवं गन्ना समितियों को सोसाइटी कमीशन की प्रतिपूर्ति के लिए 442 करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया है। जनपद आजमगढ़ में बन्द सहकारी चीनी मिल सठियांव के स्थान पर 3500 टी0सी0डी0 क्षमता की नई चीनी मिल, को-जनरेशन एवं आसवानी प्लांट की स्थापना हेतु 250 करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया है, इससे गन्ना किसानों का आर्थिक विकास होगा। दुग्ध विकास हेतु संचालित कामधेनु योजना के लिए 50 करोड़ रुपये, 750 मछुवा आवासों के निर्माण हेतु 21 करोड़ रुपये, डाॅ0 राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना के तहत 2100 राजस्व ग्रामों में सी0सी0 रोड व के0सी0 ड्रेन तथा इण्टर लाॅकिंग टाइल्स के लिए 550 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। इसीप्रकार लोहिया ग्रामीण आवास योजना हेतु 01 हजार करोड़ रुपये के अलावा इस योजना के लिए 1500 करोड़ रुपये हुडको से ऋण लेने का प्रस्ताव भी है। स्वच्छ भारत मिशन में शौचालय की लागत 10 हजार रुपये के स्थान पर 12 हजार रुपये कर दी गई है। बजट में इस योजना के लगभग 1533 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में शौचालयों के साथ-साथ स्नान गृह के निर्माण के लिए 16 करोेड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे का धरातल पर कार्य प्रारम्भ होने की जानकारी देते हुए श्री यादव ने कहा कि इस एक्सप्रेस-वे के बन जाने से इस पूरे क्षेत्र में विकास नये आयाम स्थापित होंगे। इसके अलावा, औद्योगिक विकास के साथ-साथ किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य भी मिल सकेगा। एक्सप्रेस-वे के निर्माण से एन0सी0आर0 क्षेत्र का विकास मध्य एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश में दिखायी पड़ेगा। इस एक्सप्रेस-वे के लिए बजट में 03 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना के लिए 425 करोड़ रुपये के प्राविधान के अलावा आगरा, कानपुर, वाराणसी और मेरठ में मेट्रो संचालित करने का निर्णय लिया गया है। जनपद लखनऊ में उच्च स्तरीय कैंसर संस्थान के लिए 111 करोड़ रुपये के साथ-साथ जनपद कन्नौज में भी कैंसर रोग संस्थान के निर्माण का
निर्णय लिया गया है।
लखनऊ नगर में बढ़ते यातायात की समस्या से निजात पाने के लिए लखनऊ में शारदा सहायक पोषक नहर पर फैजाबाद मार्ग से गोसाईगंज-मोहनलालगंज मार्ग तक 06 लेन सड़क निर्माण परियोजना हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था भी प्रस्तावित की गयी है। लखनऊ में गोमती नदी को साफ-सुथरा तथा आस-पास के पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए गोमती नदी का चैनेलाइजेशन किया जाना प्रस्तावित है, जिसके लिए 400 करोड़ रुपये का बजट में प्राविधान किया गया है। जनपद भदोही में कारपेट बाजार हेतु 50 करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया है।
आकस्मिक चिकित्सा परिवहन सेवाओं के तहत टोल फ्री नम्बर ‘108’ एम्बुलेन्स समाजवादी स्वास्थ्य सेवा की लोकप्रियता एवं उपयोगिता को देखते हुए 168 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। साथ ही, इस योजना के तहत 500 अतिरिक्त एम्बुलेन्सों के क्रय के लिए 42 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था भी प्रस्तावित की गयी है। दवाओं के लिए लगभग 587 करोड़ रुपये, शहरी क्षेत्रों में विशिष्ट चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने हेतु उपकरणों के क्रय के लिए 225 करोड़ रुपये तथा जिन मण्डल मुख्यालयों में मेडिकल काॅलेज उपलब्ध नहीं हैं, वहां 300 शैय्यायुक्त संयुक्त चिकित्सालय के लिए 25 करोड़ रुपये के लिए प्राविधान किया गया है। यह कार्य बरेली, मुरादाबाद एवं देवीपाटन में शुरु होगा।
व्यवस्था एवं सेवा क्षेत्र के आधुनिकीकरण के लिए भी राज्य सरकार ने गम्भीरता से पहल की है। शहरों में अण्डर ग्राउण्ड केबिलिंग के लिए 500 करोड़ रुपये, सभी ग्राम पंचायत अधिकारियों, ग्राम विकास अधिकारियों तथा लेखपालों को ई-डिस्ट्रिक्ट योजना के अन्तर्गत टेबलेट उपलब्ध कराने के लिए 20 करोड़ रुपये, उच्च न्यायालय इलाहाबाद एवं लखनऊ बंेच की पत्रावलियों के डिजिटाईजेशन हेतु 65 करोड़ रुपये तथा आपराधिक घटनाओं की रोकथाम के लिए 100 नम्बर डायल सिस्टम को अत्याधुनिक बनाने के लिए 300 करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया है। प्रदेश में सिटी सर्विलांस सिस्टम लागू करने के लिए 50 करोड़ रुपये, एकीकृत यातायात प्रबन्धन प्रणाली के लिए 50 करोड़ रुपये का प्राविधान भी किया गया है। इसी प्रकार जेलों में जैमर लगाने के लिए 73 करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया है। राष्ट्रीय गंगा रिवर बेसिन अथाॅरिटी द्वारा कराये जाने वाले कार्याें के लिए 359 करोड़ रुपये, नदी प्रदूषण नियंत्रण के लिए 75 करोड़ रुपये तथा झील संरक्षण योजना हेतु 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। मेरिट आधारित लैपटाॅप वितरण हेतु 100 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भी बजट में किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार महिलाओं के कल्याण एवं उन्नयन के लिए प्रतिबद्ध है। महिलाओं का उत्पीड़न रोकने और उनके सशक्तिकरण हेतु 100 करोड़ रुपये की लागत से महिला सम्मान कोष का गठन बजट में प्रस्तावित किया गया है। 11 जनपदों में आशा ज्योति केन्द्र की स्थापना के लिए 11 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया गया है। उन्होंने कहा कि बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की ऐसी छात्राओं जो उच्च शिक्षा के लिए उन्मुख होकर इण्टरमीडिएट अथवा उसके समकक्ष परीक्षा उत्र्तीण करने वाली बालिकाओं के लिए कन्या विद्या धन योजना के तहत 300 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। पति की मृत्यु उपरान्त निराश्रित महिलाओं तथा उनके बच्चों की शिक्षा व्यवस्था हेतु 637 करोड़ रुपये तथा बालिकाओं के हास्टल के लिए 244 करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया है। इसी प्रकार अधिवक्ताओं के कल्याणार्थ 40 करोड़ तथा युवा अधिवक्ताओं को आर्थिक सहायता प्रदान करने हेतु 05 करोड़ रुपये का प्राविधान भी प्रस्तावित किया गया है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बुनियादी सुविधाओं के विकास के साथ-साथ जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से प्रदेश की जनता को राहत पहुंचाने के लिए लगातार कार्य कर रही है। उन्होंने भरोसा जताया कि प्रस्तावित बजट से प्रदेश का विकास कार्य और अधिक तेजी से संचालित होगा, जिससे उत्तर प्रदेश प्रगति के रास्ते पर आगे बढ़ेगा।

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