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नागरिक केंद्रित होना ही सरकार के सभी वितरण तंत्रों का मूल: डा. जितेंद्र सिंह

देश-विदेश

नई दिल्‍ली: कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्यमंत्री डा. जितेंद्र सिंह ने कहा है कि सरकार सच्चे अर्थों में भारत के लोगों की सेवा के लिए समर्पित

है। सुशासन दिवस के अवसर पर आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए डा. जितेंद्र सिंह ने कहा, सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रही है कि जरूरतमंद तबके के लाभ के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से खर्च किया जा रहा करदाताओं का पैसा, जरूरत के हिसाब से उन तक आसानी से सही समय पर पहुंचे।

‘लेकिन केवल यही पर्याप्त नहीं है। हमारा दृढ़ विश्वास है कि लाभार्थी की गरिमा और सम्मान बहुत महत्वपूर्ण है और इन लाभकारी योजनाओं को लागू करते समय किसी भी तरह का समझौता किए जाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। ऐसा नहीं होना चाहिए कि सरकार के उनकी देखभाल करने पर वे उसके प्रति आभार महसूस करें। बल्कि सरकार को जरूरत के समय नागरिकों की मदद करने में सक्षम होने पर खुद को विशेषाधिकार प्राप्त महसूस करना चाहिए।’

पृष्ठभूमि में इसी अवधारणा को ध्यान में रखते हुए कार्मिक एवं प्रशिक्षण (डीओपीटी) विभाग ने अपने सभी वितरण तंत्रों का मूल नागरिक केंद्रित बनाने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं। सरकारी अधिकारियों को प्रशिक्षण देते समय प्रशिक्षण मॉड्यूल में महत्वपूर्ण घटकों को शामिल किया जा रहा है। जिन नागरिकों के लिए वे काम करते हैं उनके प्रति करुणा और देखभाल की भावना विकसित करने के लिए विभिन्न कर्मचारी कल्याण उपायों की शुरुआत की गई है।

डा. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस सुशासन दिवस पर मैं इस उद्देश्य की ओर आगे बढ़ने के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम की घोषणा कर रहा हूं।

उन्होंने कहा कि आज जब एक लाभार्थी सरकारी योजनाओं का उपयोग करना चाहता है तो उसे एक लंबा फार्म भरना होता है जिसमें कई जटिलताएं होती हैं और कई जानकारी बार-बार देनी पड़ती है। इसके साथ ही उन्हें हलफनामा और दस्तावेज की सत्यापित प्रतियां भी देनी पड़ती हैं। इस सबसे बाद भी उन्हें अनिश्चितकाल के लिए इंतजार करना पड़ता है। क्या ऐसा नहीं हो सकता कि हम एक सरल फार्म के जरिए आवश्यक जानकारी ही मांगें? क्यों न हम अपने नागरिकों पर विश्वास करें और जो सूचनाएं उनके द्वारा दी जा रही हैं, उन्हीं से ही स्व-सत्यापित कराई जाएं। यह हमारा परम कर्तव्य है कि हम कम से कम असुविधा के साथ समय पर सेवाएं दें। सरकार के विभिन्न विभागों और मंत्रालयों में चल रही मौजूदा प्रक्रियाओं और फार्मों पर एक समीक्षात्मक नजर डालने की आवश्यकता है। निपटान तंत्र को गति देने के लिए निर्णय लेने की परतों को खत्म करने की जरूरत है। हमारे नागरिकों की गरिमा कायम रखने के लिए आवश्यक सूचनाओं वाले एक पृष्ठ के फार्म की ही जरूरत है।

सुशासन के लिए राष्ट्रीय केंद्र (एनसीजीजी), कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग का एक संगठन है। जो केंद्र, राज्य सरकार तथा उनके संगठनों के लिए प्रशासन एवं प्रबंधन के मुद्दों पर आवश्यक दिशा, मार्गदर्शन और क्षमता निर्माण इनपुट उपलब्ध करा रहा है।

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