37 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

सड़कों पर जीवन यापन करने पर विवश बच्‍चों के संरक्षण एवं देखभाल के लिए मानक संचालन प्रक्रिया का शुभारंभ

Children forced to live on the streets for the protection and care of the standard operating procedure launched
देश-विदेश

नई दिल्ली: सड़कों पर जीवन यापन करने पर विवश बच्‍चों के संरक्षण एवं देखभाल के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का शुभारंभ आज नई दिल्‍ली में महिला एवं बाल वि‍कास मंत्री श्रीमती मेनका संजय गांधी द्वारा किया गया, जिसका उद्देश्‍य उनके पुनर्वास के साथ-साथ हिफाजत को भी सुनिश्चित करना है। इससे पहले एसओपी का शुभारंभ एक समारोह में किया गया जि‍समें दिल्‍ली उच्‍च न्‍यायालय की न्‍यायाधीश माननीया मुक्‍ता गुप्‍ता, एनसीपीसीआर की अध्‍यक्ष सुश्री स्‍तुति कक्‍कड़, जानी-मानी फिल्‍म अभिनेत्री एवं सेव द चिल्‍ड्रेन की ब्रांड अम्‍बेसडर सुश्री दीया मिर्जा, सेव द चिल्‍ड्रेन इन इंडिया के अध्‍यक्ष श्री हरपाल सिंह और सेव द चिल्‍ड्रेन इंटरनेशनल के सीईओ श्री थॉमस चांडी भी इस अवसर पर उपस्थित थे। एनसीपीसीआर ने सड़कों पर जिंदगी गुजारने पर मजबूर बच्‍चों के लिए इस अत्‍यावश्‍यक रणनीति को विकसित करने हेतु सिविल सोसायटी ऑर्गेनाइजेशन (सीएसओ), सेव द चिल्‍ड्रेन के साथ गठबंधन किया।

एनसीपीसीआर ने सड़कों पर जीवन यापन कर रहे बच्‍चों की देखभाल एवं संरक्षण के लिए आवश्‍यक कदमों वाली एक विस्‍तृत रूपरेखा तय करने का निर्णय लिया क्‍योंकि इस तरह के बच्‍चों की समस्‍याएं बहुआयामी एवं जटिल होती हैं। एसओपी का लक्ष्‍य मौजूदा वैधानिक एवं नीतिगत रूपरेखा के अंतर्गत विभिन्‍न कदमों को दुरुस्‍त करना है। एसओपी का उद्देश्‍य उन प्रक्रियाओं को चिन्हित करना है जिन पर अमल तब किया जायेगा, जब सड़कों पर जीवन यापन करने वाले किसी बच्‍चे की पहचान एक जरूरतमंद बच्‍चे के रूप में हो जायेगी। ये प्रक्रियाएं नियमों एवं नीतियों की मौजूदा रूपरेखा के अंतर्गत ही होंगी और इनकी बदौलत विभिन्‍न एजेंसियों द्वारा उठाये जाने वाले कदमों में समुचित तालमेल संभव हो पायेगा। इसके अलावा, ये प्रक्रियाएं इन बच्‍चों की देखभाल, संरक्षण एवं पुनर्वास के लिए समस्‍त हितधारकों हेतु कदम-दर-कदम दिशा-निर्देश के रूप में होंगी।

एसओपी के शुभारंभ के अवसर पर श्रीमती मेनका संजय गांधी ने कहा, ‘हमारी सरकार भारत में हर बच्‍चे की खुशहाली के लिए प्रतिबद्ध है। इस पहल से सरकार को यह सुनिश्चित करने में मदद मि‍लेगी कि स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी शिक्षा एवं संरक्षण संबंधी सुविधाएं सड़कों पर जीवन यापन करने वाले बच्‍चों को भी सुलभ हों।’

विभिन्‍न क्षेत्रों में किये गये विस्‍तृत शोध अध्‍ययनों के निष्‍कर्षों के साथ-साथ 35 एनजीओ के साथ पटना, लखनऊ, हैदराबाद और मुम्‍बई में किये गये क्षेत्रीय विचार-विमर्श से उभर कर सामने आये सुझावों पर गौर करने के बाद ही एसओपी तैयार की गई। एसओपी को तैयार करने से पहले दिल्‍ली में उन बच्‍चों से भी एनसीपीसीआर में सलाह-मशविरा किया गया, जो सड़कों पर जीवन यापन करने की विवशता से अपने-आपको उबार चुके हैं।

Related posts

6 comments

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More